स्वास्थ्य बीमा बड़े बदलाव के लिए तैयार
बजट में स्वास्थ्य बीमा को मिले प्रोत्साहन का क्या असर होगा? -बजट में हेल्थ बीमा करवाने पर आय कर छूट की राशि को 15 हजार से बढ़ा कर 25 हजार रुपये करने का एलान किया गया है। इसका काफी असर दिखाई देगा। मेरे ख्याल से स्वास्थ्य बीमा बड़े बदलाव के लिए
बजट में स्वास्थ्य बीमा को मिले प्रोत्साहन का क्या असर होगा?
-बजट में हेल्थ बीमा करवाने पर आय कर छूट की राशि को 15 हजार से बढ़ा कर 25 हजार रुपये करने का एलान किया गया है। इसका काफी असर दिखाई देगा। मेरे ख्याल से स्वास्थ्य बीमा बड़े बदलाव के लिए तैयार है। यह बदलाव कंपनियों के काम करने के तरीके में आएगा, बीमा करवाने वाले ग्राहकों के व्यवहार में आएगा और बीमा उत्पादों पर भी आएगा। ताजा आंकड़े बताते हैं गंभीर बीमारियों में जितना खर्च होता है उसका 14 फीसद ही बीमा पॉलिसियों के जरिये होता है बाकी राशि लोग अपनी जेब से देते हैं। कहने की जरूरत नहीं कि देश में हेल्थ बीमा की काफी दरकार है।
ग्राहकों के व्यवहार में किस तरह का बदलाव आप देख रहे हैं?
-देखिए, इसमें कोई दोराय नहीं है कि कर छूट हर तरह का बीमा करवाने में काफी अहम भूमिका निभाती है। हमें उम्मीद है कि 25 हजार आयकर छूट का फायदा उठाने के लिए बड़ी संख्या में लोग हेल्थ बीमा करवाएंगे। लेकिन भारत में स्वास्थ्य बीमा बाजार को कुछ और बातें भी प्रभावित करेंगी। मसलन, भारत युवाओं का देश है। अमेरिका, यूरोप जैसे देश जहां बुजुर्गों की संख्या ज्यादा है, वहां स्वास्थ्य बीमा करवाने का अलग मतलब है। युवा वर्ग यह सोचता है कि जब वह बीमार नहीं पड़ेगा तो फिर प्रीमियम की पूरी राशि ही बर्बाद चली जाएगी। वह जिंदा रहते बीमा के फायदे लेने को ज्यादा उत्सुक रहते हैं। युवाओं के बीच हेल्थ इंश्योरेंस बेचने वाली कंपनियों को इस बारे में सोचना पड़ेगा।
आपकी कंपनी ने हाल ही में इस तरह का उत्पाद लांच किया है?
-हां, पिछले हफ्ते ही हमने मेजर इलनेस प्रीमियम बैक कवर के नाम से एक पॉलिसी लांच की है। यह पॉलिसी 35 विभिन्न खतरनाक बीमारियों को कवरेज देती है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि अगर निर्धारित समय के भीतर पॉलिसीधारक कोई फायदा नहीं लेता है तो उसके द्वारा दी गई प्रीमियम की पूरी राशि वापस लौटा दी जाएगी। यह पॉलिसी पहले ही चीन में सबसे ज्यादा बिकने वाली हेल्थ बीमा पॉलिसी बन चुकी है। हमने इस पॉलिसी में भारतीय ग्राहकों की आवश्यकताओं को देखते हुए कुछ बदलाव भी किए हैं। एक तरह से इसके दो फायदे हैं। एक अगर बीमार पड़ गए तो हर तरह की बीमारी का इलाज आप किसी आर्थिक संकट में फंसे हुए करवा सकते हैं। अगर बीमार नहीं पड़े तो प्रीमियम की पूरी राशि भी लौटा दी जाएगी।
इस पॉलिसी को किस तरह से बेचेंगे?
-यह पॉलिसी कोई भी भारतीय हमारी कंपनी से खरीद सकता है। लेकिन हम बहुत जल्द ही ऑनलाइन बिक्री भी आरंभ करने जा रहे हैं। चूंकि हमारी कंपनी में तीन बड़े बैंक साझेदार हैं, तो हम उनकी शाखाओं के जरिये भी पॉलिसी का विस्तार करेंगे। सिर्फ पीएनबी की ही देश में 7,000 शाखाएं हैं और दस लाख ग्राहक हैं। ग्राहकों के इस बड़े वर्ग के एक अहम हिस्से को अपने साथ शामिल करने की कोशिश करेंगे।
और किस तरह की पॉलिसी आपकी कंपनी लांच करने वाली है?
-आने वाले दिनों में पीएनबी मेटलाइफ रिटायरमेंट पॉलिसी पर भी ज्यादा ध्यान देने वाली है। हमने इरडा के पास कुछ पॉलिसियों के लिए आवदेन भी किया है। मुझे लगता है कि अपने देश में रिटायरमेंट बाद की सुरक्षा पर खास ध्यान नहीं दिया गया है। हमारी कंपनी इस कमी को पूरा करने की कोशिश करेगी। आगे हमारी कोशिश ज्यादा से ज्यादा हिस्सों में प्रसार करने की होगी। इसके लिए हम अपने साझेदार बैंकों के नेटवर्क का ही इस्तेमाल करेंगे। मसलन, पीएनबी के पांच ग्रामीण बैंक हैं, जिनके नेटवर्क के जरिये हम ग्रामीण जनता के बीच विस्तार करना चाहते हैं। नए निवेश की योजना भी तैयार कर रहे हैं। विदेशी निवेश बढ़ाने की अनुमति मिलने का असर हमारी कंपनी में भी देखने को मिलेगा।
तरुण चुग, एमडी व सीईओ
पीएनबी मेटलाइफ