हेल्थ बीमा पर कर राहत नाकाफी
आगामी बजट से साधारण बीमा कंपनियों को क्या उम्मीदे हैं? इस बार बीमा से हमारी उम्मीदें तो काफी ज्यादा हैं। पहली उम्मीद तो यह है कि हेल्थ बीमा को और ज्यादा कर रियायतें मिलेंगी। अभी 15 हजार रुपये सालाना हेल्थ बीमा प्रीमियम को आय कर की अधिनियम 80डी के तहत छूट
आगामी बजट से साधारण बीमा कंपनियों को क्या उम्मीदे हैं?
इस बार बीमा से हमारी उम्मीदें तो काफी ज्यादा हैं। पहली उम्मीद तो यह है कि हेल्थ बीमा को और ज्यादा कर रियायतें मिलेंगी। अभी 15 हजार रुपये सालाना हेल्थ बीमा प्रीमियम को आय कर की अधिनियम 80डी के तहत छूट मिलती है। मेरा मानता है कि यह काफी कम है। इससे अधिकांश लोगों की हेल्थ बीमा की जरुरत पूरी नहीं होती। अगर सरकार इसे बढ़ाती है तो यह पूरे बीमा उद्योग को काफी राहत देगा साथ ही आम जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने में भी मददगार साबित होगा। दूसरी उम्मीद है कि सरकार आवास बीमा को गंभीरता से लेगी। अभी देश में सिर्फ एक फीसद मकान मालिकों ने अपने घर का बीमा करवाया हुआ है। यह भी देखना होगा कि हाल के दिनों में भारत में कई तरह की प्राकृतिक आपदाएं आ रही हैं। साइक्लोन में घर के तबाह होने या भूकंप से इसके टूट जाने का वित्तीय बोझ बहुत ज्यादा हो जाता है। सरकार को आवास बीमा को भी कर राहत के दायरे में शामिल करना चाहिए। तीसरी उम्मीद है कि सरकार बीमा करवाने वाली जनता को सेवा कर के बोझ से थोड़ी राहत देगी।
साधारण बीमा कारोबार का प्रदर्शन इस वर्ष कैसा रहेगा?
देखिए, बाजार में तो बहुत ज्यादा उत्साह और उम्मीदें हैं। हम आशा करते हैं कि यह उत्साह व उम्मीदें सही साबित होंगी। अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए सरकार के कदम अगर सही साबित होते हैं तो इससे साधारण बीमा कारोबार को भी फायदा होगा। मसलन, अगर कारों की बिक्री तेज होती है तो इससे कार बीमा की बिक्री बढ़ेगी। घरों की बिक्री तेज होगी तो आवास बीमा देने वाली कंपनियों को ज्यादा कोराबार होगा। सामान्य कारोबार बढ़ता है तो भी बीमा कारोबार को फायदा होगा। जहां तक हमारी कंपनी की तो हमने चालू वित्त वर्ष के दौरान अभी तक 27 फीसद की बढ़ोतरी हासिल की है लेकिन देश का साधारण बीमा कारोबार में महज 10 फीसद की वृद्धि हुई है।
आपकी कंपनी की भावी योजनाएं क्या हैं?
हम एक अग्रणी साधारण बीमा कंपनी होने के नाते हर तरह के कारोबार पर अपना ध्यान दे रहे हैं। अभी तो हम मोटर बीमा पर खास तौर पर ध्यान दे रहे हैं। मेरा मानना है कि वर्ष 2015 के अंतिम छह महीनो में कारों व बाइकों की बिक्री बढ़ेगी। हम नए तरह के वाहन बीमा उत्पाद तैयार कर रहे हैं। इसके साथ ही हम टायर-टू व टायर-थ्री श्रेणी के शहरों में अपने कारोबार का विस्तार करने जा रहे हैं। साथ ही, हमारी कोशिश है कि बहुत ही साधारण व हर व्यक्ति को समझ में आने वाली पॉलिसियां बाजार में उतारे। इसके लिए हम लगातार कोशिश कर रहे हैं। हाल के महीनों में लांच की गई हमारी पॉलिसियों को आप देखेंगे तो आपको इस बात को समझ पाएंगे। हम दोपहिया वाहनों के लिए तीन वर्ष की एक पॉलिसी पर काम कर रहे हैं। इससे बाइक या स्कूटर चलाने वालों को हर वर्ष बीमा पॉलिसी का नवीकरण कराने के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी।
आवास बीमा करवाते समय किन बातों का ख्याल रखना चाहिए?
आवास बीमा करवाते समय इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि कंपनी आपके घर का मूल्यांकन कितना हो रहा है। घर के वास्तविक मूल्य व बाजार मूल्य में भारी फर्क होता है। बेहतर होगा कि घर के वास्तविक मूल्य पर बीमा करवाया जाए। कुछ कंपनियां प्रीमियम के मुताबिक घर की कीमत का मूल्यांकन करती हैं। लेकिन वास्तविक मूल्य के आधार बीमा करवाना न सिर्फ काफी सस्ता होता है बल्कि इसके लिए मुआवजा हासिल करना भी आसान होता है।
भाष्कर ज्योति शर्मा
एमडी व सीईओ
एसबीआइ जनरल इंश्योरेंस