वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) क्या है?
भारत में वायादा बाजार के बढ़ते प्रचलन को देखते हुए वायदा बाजार आयोग का गठन एक नियामक के तौर पर किया गया था। लेकिन पिचले वर्ष के दौरान वायदा बाजार में भारी अनियमितता के बाद आयोग की भूमिका पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। अब लगभग यह तय है कि आयोग की भूमिक
भारत में वायादा बाजार के बढ़ते प्रचलन को देखते हुए वायदा बाजार आयोग का गठन एक नियामक के तौर पर किया गया था। लेकिन पिचले वर्ष के दौरान वायदा बाजार में भारी अनियमितता के बाद आयोग की भूमिका पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।
अब लगभग यह तय है कि आयोग की भूमिका बदली जाएगी। अब सरकार एफएमसी की भूमिका बदलने को लेकर गंभीर है। इस समय दो विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।
एक, इसका शेयर बाजार नियामक सेबी में विलय कर दिया जाए। दूसरा विकल्प यह है कि एफएमसी को और अधिकार देकर इसे ज्यादा स्वायत्त बनाया जाए।
माना जा रहा है कि मौजूदा सरकार पहले विकल्प को ही ज्यादा सही मान रही है, क्योंकि इससे आने वाले दिनों में तमाम वित्तीय क्षेत्रों के लिए एक ही नियामक एजेंसी के गठन का मार्ग भी प्रशस्त होगा।