Move to Jagran APP

वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) क्या है?

भारत में वायादा बाजार के बढ़ते प्रचलन को देखते हुए वायदा बाजार आयोग का गठन एक नियामक के तौर पर किया गया था। लेकिन पिचले वर्ष के दौरान वायदा बाजार में भारी अनियमितता के बाद आयोग की भूमिका पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। अब लगभग यह तय है कि आयोग की भूमिक

By Sachin MishraEdited By: Published: Sun, 19 Oct 2014 11:52 PM (IST)Updated: Mon, 20 Oct 2014 06:13 AM (IST)
वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) क्या है?

भारत में वायादा बाजार के बढ़ते प्रचलन को देखते हुए वायदा बाजार आयोग का गठन एक नियामक के तौर पर किया गया था। लेकिन पिचले वर्ष के दौरान वायदा बाजार में भारी अनियमितता के बाद आयोग की भूमिका पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।

loksabha election banner

अब लगभग यह तय है कि आयोग की भूमिका बदली जाएगी। अब सरकार एफएमसी की भूमिका बदलने को लेकर गंभीर है। इस समय दो विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।

एक, इसका शेयर बाजार नियामक सेबी में विलय कर दिया जाए। दूसरा विकल्प यह है कि एफएमसी को और अधिकार देकर इसे ज्यादा स्वायत्त बनाया जाए।

माना जा रहा है कि मौजूदा सरकार पहले विकल्प को ही ज्यादा सही मान रही है, क्योंकि इससे आने वाले दिनों में तमाम वित्तीय क्षेत्रों के लिए एक ही नियामक एजेंसी के गठन का मार्ग भी प्रशस्त होगा।

पढ़ें: निवेश करते वक्त क्या ध्यान दें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.