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PF खाताधारक की अकाल मृत्यु पर परिजनों को मिलती है 7 लाख रुपये तक की राशि, जानिए कैसे होता है क्लेम

EDLI Benefits बता दें कि ईफीएफओ तीन योजनाओं का संचालन करती है। ईपीएफ स्कीम (EPF) पेंशन स्कीम (EPS) और इंश्योरेंस स्कीम (EDLI)। इंश्योरेंस स्कीम के लिए कर्मचारी को अलग से योगदान देने की आवश्यकता नहीं होती बल्कि इसके लिए योगदान नियोक्ता द्वारा ही दिया जाता है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Sat, 29 May 2021 01:39 PM (IST)Updated: Mon, 31 May 2021 06:42 AM (IST)
PF खाताधारक की अकाल मृत्यु पर परिजनों को मिलती है 7 लाख रुपये तक की राशि, जानिए कैसे होता है क्लेम
EDLI Scheme Benefits P C : Pixabay

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। क्या आप जानते हैं कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अपने सदस्यों को सात लाख रुपये तक के जीवन बीमा (Life Insurnace) की सुविधा दे रहा है? जी हां, यह सच है। अगर आप का भी पीएफ अकाउंट (PF Account) है और आपने लगातार 12 महीने जॉब की है, तो आपकी अकाल मृत्यु होने पर आपके परिजन इस बीमा राशि का फायदा उठा सकते हैं। यहां जरुरत इस बात की है कि इस संबंध में अधिक से अधिक लोगों को जागरुक किया जाए, ताकि दावेदारी पेश कर समय से बीमा की राशि प्राप्त की जा सके। बता दें कि हाल ही में ईपीएफओ ने EDLI (इंप्लाइज डिपाजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम) के तहत बीमा कवर बढ़ाकर सात लाख रुपये किया है।

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कोरोना से हुई मृत्यु पर भी मिलेगा कवर

खास बात यह है कि यह insurance cover उन कर्मचारियों को भी मिलेगा, जिन्होंने सालभर के अंदर एक से अधिक प्रतिष्ठानों में काम किया है। यह क्लेम कर्मचारी के स्वजन की ओर से कर्मचारी की अकाल मृत्यु पर किया जा सकता है। इस स्कीम के तहत क्लेम करने वाला सदस्य कर्मचारी का नॉमिनी होना चाहिए। कोरोना के चलते मृत्यु होने पर भी इस बीमा कवर का लाभ मिलता है।

नहीं देना होता प्रीमियम

बता दें कि ईफीएफओ तीन योजनाओं का संचालन करती है। ईपीएफ स्कीम (EPF), पेंशन स्कीम (EPS) और इंश्योरेंस स्कीम (EDLI)। इंश्योरेंस स्कीम के लिए कर्मचारी को अलग से योगदान देने की आवश्यकता नहीं होती, बल्कि इसके लिए योगदान नियोक्ता द्वारा ही दिया जाता है। किसी भी आर्गेनाइज्ड समूह में काम करने वाले कर्मचारियों की बेसिक सैलरी और डीए का 12 फीसद ईपीएफ (इम्प्लाइ प्रोविडेंट फंड) में जाता है। साथ ही 12 फीसद का योगदान कंपनी या नियोक्ता द्वारा किया जाता है।

ऐसे होती है क्लेम की गणना

ईडीएलआइ स्कीम में क्लेम की गणना का फॉर्मूला (कर्मचारी को मिली आखिरी 12 माह की बेसिक सैलरी के औसत का 35 गुना)+(आखिरी 12 महीनों के दौरान औसत पीएफ बैलेंस का 50 फीसद, जो 1,75,000 रुपये से अधिक ना हो) है। वहीं, अगर कर्मचारी ने लगातार 12 महीने काम किया है, तो न्यूनतम लाभ 2,50,000 से कम नहीं होगा।

ऐसे होगा क्लेम

अगर EPF सदस्य की असमय मृत्यु हुई है, तो उसके नॉमिनी या उत्तराधिकारी इंश्योरेंस कवर के लिए क्लेम कर सकेंगे। क्लेम करने वाला 18 साल से कम है, तो उसकी तरफ से उसका अभिभावक क्लेम कर सकता है। इसके लिए इंश्योरेंस कंपनी को कर्मचारी की मृत्यु का प्रमाण पत्र, सक्सेशन सर्टिफिकेट, माइनर नॉमिनी की ओर से आवेदन करने वाले गार्जियन के सर्टिफिकेट्स व बैंक डिटेल्स देनी होगी।


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