समझने में आसान पॉलिसी लाने पर जोर
-सरकार बीमा क्षेत्र में एफडीआइ की सीमा बढ़ाने को तैयार है, इसका क्या असर पड़ेगा? बीमा कंपनियों में विदेशी निवेशकों को 4
-सरकार बीमा क्षेत्र में एफडीआइ की सीमा बढ़ाने को तैयार है, इसका क्या असर पड़ेगा?
बीमा कंपनियों में विदेशी निवेशकों को 49 फीसद तक हिस्सेदारी रखने की छूट कई तरह से भारतीय बाजार को प्रभावित करने जा रहा है। सबसे बड़ा असर तो बीमा क्षेत्र में पेशेवर तैयार करने पर पड़ेगा। देश में प्रशिक्षित बीमा प्रोफेशनल्स की अभी काफी कमी है। एक-दो विश्वविद्यालयों या संस्थानों में ही इसकी पढ़ाई हो रही है। विदेशी कंपनियों का वर्चस्व बढ़ेगा तो वे अंतरराष्ट्रीय स्तर के पेशेवर तैयार करने पर जोर देंगी। इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
दूसरा असर वितरण पर पड़ेगा यानी देश के दूरदराज के इलाकों में बीमा कंपनियां पहुंचने की कोशिश करेंगी। अभी पैसे के अभाव में बीमा कंपनियों का कारोबार ग्रामीण व दूरदराज के इलाकों में ज्यादा नहीं फैला है। एफडीआइ सीमा बढ़ने के बाद कंपनियां तेजी से यह काम करेंगी। ज्यादा लोगों को फायदा होगा। तीसरा असर, विदेशी बीमा कंपनियां अपने साथ नई तकनीकी लेकर आएंगी। इसका भी फायदा आम भारतीय बीमा ग्राहकों को होगा। ज्यादा से ज्यादा लोग बीमा खरीद सकेंगे।
-नई सरकार को दो महीने हो गए, क्या आप बीमा क्षेत्र पर इसकी नीतियों का असर देख रहे हैं?
अगर साधारण बीमा कारोबार को देखें तो नई सरकार की नीतियों का पूरा असर आने में 12 से 18 महीने लगेंगे। लेकिन इसके सकारात्मक संकेत दिखने लगे हैं। जून में मोटर वाहनों के साथ ही दोपहिया वाहनों की बिक्री में अच्छी वृद्धि हुई है। ठहरी हुई औद्योगिक परियोजनाओं में भी काम अब शुरू हो गया है। नई सरकार जिस तरह से इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस कर रही है उसे देखते हुए बड़ी परियोजनाएं अगले छह माह से एक वर्ष के भीतर खूब रफ्तार पकड़ लेंगी। सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र को शीर्ष वरीयता देने की बात कही है। सभी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर नई योजना पर काम हो रहा है। इन सभी का साधारण बीमा कारोबार पर काफी अच्छा असर पड़ेगा।
-आपकी कंपनी नई है, ग्राहकों को कैसे उत्पाद देने की तैयारी है?
नई कंपनी होने के कुछ फायदे हैं। मसलन बाजार के अनुभव से काफी सीखने को मिलता है। हमारा फोकस ग्राहकों को बेहतरीन सेवा देने पर है। यही वजह है कि हम स्वास्थ्य बीमा में पूरी तैयारी से उतरने जा रहे है। हम चाहते हैं कि दो से तीन वर्ष बाद हम स्वास्थ्य बीमा को लेकर किसी टीपीए पर निर्भर नहीं रहें। इसलिए हम सीधे तौर पर देश के 3,000 बेहतरीन अस्पतालों से बात कर रहे हैं। इनके साथ हमारी कंपनी का सीधा समझौता होगा। अभी हमारे पास सिर्फ कॉरपोरेट सामूहिक स्वास्थ्य बीमा उत्पाद है। मगर आम जनता के लिए पहला हेल्थ बीमा पॉलिसी हम अक्टूबर या नवंबर तक पेश करेंगे। युवा ग्राहकों के लिए खास तौर पर हेल्थ इंश्योरेंस तैयार कर रहे हैं। यह कम प्रीमियम वाला उत्पाद होगा, लेकिन इसमें हेल्थ बीमा की सभी आधारभूत सुविधाएं होंगी। युवा ग्राहकों को इससे ज्यादा चाहिए भी नहीं। हम जो उत्पाद तैयार कर रहे हैं वे पूरी तरह से पारदर्शी और ग्राहकों के लिए समझने में आसान होंगे। साथ ही हम कॉरपोरेट दायित्व से जुडे बीमा पर भी काफी ध्यान देंगे। यह एक ऐसा सेक्टर है जो आने वाले दिनों में काफी जोर पकड़ने वाला है। ग्राहकों को संतोषप्रद सेवा देने पर हमारा खास ध्यान है। इसका असर भी दिखाई पड रहा है। हम बहुत कम समय आज मोटर बीमा क्षेत्र में देश की शीर्ष कंपनी बन चुके हैं।
रूपम अस्थाना
सीईओ व निदेशक
लिबर्टी वीडियोकॉन जनरल इंश्योरेंस