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लाइफ इंश्योरेंस और पर्सनल एक्सीडेंटल इंश्योरेंस में क्या है अंतर जानिए

लाइफ इंश्योरेंस और पर्सनल एक्सीडेंटल इंश्योरेंस में एक मूलभूत अंतर होता है।

By Praveen DwivediEdited By: Published: Thu, 20 Apr 2017 12:47 PM (IST)Updated: Thu, 20 Apr 2017 02:31 PM (IST)
लाइफ इंश्योरेंस और पर्सनल एक्सीडेंटल इंश्योरेंस में क्या है अंतर जानिए

नई दिल्ली (जेएनएन): जीवन बीमा आपकी मृत्यु के बाद आपके परिजनों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है। अगर आपके परिवार के पास आपके सिवाय आमदानी का और कोई जरिया नहीं है तो यह अपने प्रियजनों को आर्थिक रुप में सक्षम बनाने में काफी मददगार होता है। वहीं दूसरी तरफ कंपनियां दुर्घटना बीमा की सेवाएं भी उपलब्ध करवाती हैं, लेकिन इसमें मौत के प्राकृतिक कारणों को शामिल नहीं किया जाता है, यह सिर्फ आपके परिवार की सुरक्षा के लिहाज से उचित माना जा सकता है। आज हम अपनी खबर में इन दोनों के बारे में मूलभूत अंतर बताने की कोशिश करेंगे। जानिए....

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पर्सनल एक्सीडेंटल इंश्योरेंस तभी बेहतर विकल्प माना जाता है जब:
• अगर कोई व्यक्ति सक्रिय जीवनशैली जीना पसंद करता है और आकस्मिक कारणों से मृत्यु या अपंगता से बचने के लिए अतिरिक्त संरक्षण चाहता है।
• अगर किसी व्यक्ति के घर में काफी सारे सक्रिय सदस्य हैं और वो मृत्यु, पति-पत्नी या आश्रित की अपंगता से बचाव चाहता है।
• कोई व्यक्ति जो चिकित्सकीय कारणों से जीवन बीमा के लिए अर्हता प्राप्त नहीं कर सकता है, लेकिन इसके बावजूद वो मृत्यु और अपंगता से बचाव चाहता है।

क्या है जीवन बीमा:

जीवन बीमा ऐसा अनुबंध है, जो उन घटनाओं के घटने पर, जिनके लिए बीमित व्यक्ति का बीमा किया जाता है, एक खास रकम अदा करने का वादा करता है। कुल मिला कर जीवन बीमा मृत्यु की वजह से पैदा होने वाली समस्याओं का एक आंशिक समाधान है।

लाइफ इंश्योरेंस दो तरीके का होता है-
1. प्योर लाइफ इंश्योरेंस
2. इंश्योरेंस कम इन्वेस्टमेंट
प्योर लाइफ इंश्योरेंस भी चार तरह का होता है, लेकिन इसमें टर्म इंश्योरेंस सबसे प्रमुख माना जाता है।

टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी:

यह इंश्योरेंस का सबसे सस्ता और आसान रुप होता है, जिसमें एक विशेष अवधि के लिए आर्थिक सुरक्षा उपलब्ध करवाई जाती है। यह अवधि 15 से 20 साल हो सकती है। टर्म इंश्योरेंस सुनिश्चित करता है कि आपके न रहने पर आपके परिवार को एकमुश्त राशि मिल जाएगी। वहीं अगर बीमाधारक को पॉलिसी के दौरान कुछ भी नहीं होता है, तो किसी को भी कोई भुगतान नहीं किया जाएगा। इसका प्रीमियम अन्य पॉलिसियों से भी सस्ता होता है।

पर्सनल एक्सीडेंटल इंश्योरेंस: पर्सनल एक्सीडेंटल इंश्योरेंस दुर्घटना के कारण होने वाली मृत्यु या दुर्घटना के कारण होने वाली स्थायी विकलांगता से सुरक्षा प्रदान करता है। हालांकि, पर्सनल एक्सीडेंटल इंश्योरेंस को अभी तक लोकप्रियता नहीं मिली है क्योंकि बहुत कम बीमा एजेंट ही इसे बेचने का प्रयास करते हैं। हालांकि, अगर आप युवा हैं और अपने बीमा पोर्टफोलियो को सुरक्षित करने की तलाश में हैं, तो आपको पर्सनल एक्सीडेंटल इंश्योरेंस पॉलिसी में निवेश करने पर विचार करना चाहिए।


टर्म इंश्योरेंस और पर्सनल एक्सीडेंटल इंश्योरेंस में अंतर:

टर्म इंश्योरेंस व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा से व्यापक रूप से अलग होता है। क्योंकि टर्म इंश्योरेंस आपको मृत्यु से सुरक्षा प्रदान करता है फिर चाहे वो किसी बीमारी की वजह से हो या फिर दुर्घटना के कारण। वहीं दूसरी तरफ पर्सनल एक्सीडेंटल इंश्योरेंस आपको तभी फायदा पहुंचाता है जब किसी सड़क दुर्घटना में आपकी मौत हुई हो या फिर आप एक्सीडेंट के कारण ही स्थायी विकलांग्ता, आंशिक स्थायी अक्षमता और अस्थायी कुल अक्षमता (अंग कट जाना) के शिकार हुए हों। इसमें प्राकृतिक मौत होने पर आपको फायदा नहीं मिलता है।

टर्म इंश्योरेंस के दौरान बीमाधारक की उम्र काफी मायने रखती है, जबकि पर्सनल एक्सीडेंटल इंश्योरेंस में आपका पेशा अहम कारक होता है जो आपका प्रीमियम तय करता है। इसमें तीन तरह की जोखिम श्रेणियां होती हैं......

रिस्क क्लास 1: उन लोगों को शामिल करता है जो प्रबंधकीय कार्य, वकील, शिक्षक, बैंकर आदि पेशे से जुड़े हुए हैं।

रिस्क क्लास 2: उन लोगों को शामिल करता है जो संविदात्मक निर्माण कार्य, गैराज मैकेनिक, लाइट मोटर वाहन आदि के चालक होते हैं।

रिस्क क्लास 3: उन लोगों को शामिल करता है जो खतरनाक व्यवसायों में शामिल होते हैं, जैसे खानों में काम करने वाले लोग, उच्च तनाव वाले तार आदि की स्थापना में शामिल लोग।
 

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