मुकाबले में बने रहने को प्रोडक्ट इनोवेशन पर जोर
बीमा क्षेत्र में भविष्य के विकास की कैसी संभावनाएं देख रहे हैं आप? देखिए केंद्र में पिछले साल नई सरकार के गठन के बाद काफी बदलाव देखने को मिल रहे हैं। अर्थव्यवस्था में सकारात्मक संकेत बढ़ रहे हैं। आर्थिक विकास की रफ्तार तेज होने की उम्मीद बढ़ रही है। सरकार ने
बीमा क्षेत्र में भविष्य के विकास की कैसी संभावनाएं देख रहे हैं आप?
देखिए केंद्र में पिछले साल नई सरकार के गठन के बाद काफी बदलाव देखने को मिल रहे हैं। अर्थव्यवस्था में सकारात्मक संकेत बढ़ रहे हैं। आर्थिक विकास की रफ्तार तेज होने की उम्मीद बढ़ रही है। सरकार ने बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) को 49 फीसद तक बढ़ाने का कानून संसद से मंजूर करा लिया है। कारोबार करना आसान बनाने की दिशा में भी तेजी से काम चल रहा है जिसका असर कंपनियों के मार्जिन पर पड़ेगा। इसका लाभ बीमा कंपनियों को भी मिलेगा। एफडीआइ आने से कंपनियों को नए उत्पाद लाने में मदद मिलेगी। देश में बीमा का विस्तार होगा तो कंपनियां सस्ते उत्पाद या कम प्रीमियम वाली बीमा योजनाएं ला पाएंगी। जो अंतत: ग्राहकों के हित में होगा।
किस तरह के उत्पाद आएंगे? और इसमें आपकी कंपनी की क्या तैयारी है?
प्रोडक्ट इनोवेशन पर हमारी कंपनी का हरदम ध्यान रहता है। ग्राहकों की जरूरतों को समझते हुए उत्पाद तैयार करना हमारी प्राथमिकता पर है। जल्दी ही हम एक नया बीमा उत्पाद बाजार में लाने जा रहे हैं। यह कैंसर की बीमारी से लड़ने में ग्राहकों को वित्तीय मदद देगा। इसका ज्यादा ब्योरा देना ठीक नहीं होगा क्योंकि यह मंजूरी के लिए अभी बीमा नियामक इरडा के पास है। लेकिन हमारा मानना है कि जैसे जैसे लोगों में बीमा कराने को लेकर जागरूकता बढ़ेगी और बीमा पॉलिसियों की संख्या बढ़ेगी, बीमा पर आने वाली लागत भी कम होगी।
बीमा बाजार में और किन नए क्षेत्रों पर आपका ध्यान है?
जैसा मैंने आपको पहले बताया हम नए नए उत्पाद तैयार करने की कोशिश करते हैं। इसी क्रम में हमने एक उत्पाद बनाया है इनकम रिप्लेसमेंट प्लान। यह जीवन बीमा से जुड़ा उत्पाद है और आपको उस मुश्किल वक्त के लिए सुरक्षा प्रदान करता है जब किन्हीं वजहों से आप रोजगार खो बैठते हैं। आपके पास रोजगार नहीं होता लेकिन आपकी और आपके परिवार की जरूरतें बदस्तूर जारी रहती हैं। घर के रोजमर्रा के खर्च से लेकर बच्चों की फीस तक के लिए आपको एक निश्चित राशि की आवश्यकता होती है। यह प्लान उस वक्त आपकी नियमित आमदनी का जरिया बनता है।
सरकार एनपीएस पर बहुत जोर दे रही है। आपकी क्या राय है?
-पेंशन स्कीम के साथ दिक्कत यह है कि यह क्षेत्र अभी तक रफ्तार नहीं पकड़ पाया है। नई पेंशन स्कीम आए, इतना समय हो जाने के और रिटर्न की दर निवेश के बाकी विकल्पों से अच्छी रहने के बावजूद यह लोकप्रिय नहीं हो पाया। अलबत्ता अब सरकार ने पचास हजार रुपये की टैक्स छूट देकर नई पेंशन स्कीम को आकर्षक बनाने की कोशिश की है। लेकिन मेरा मानना है कि अभी इसके नियमों को और लचीला बनाने की जरूरत है। चूंकि एनपीएस में से बीच में निकलने या राशि निकालने का प्रावधान नहीं है, इसलिए एनपीएस को निवेश का विकल्प नहीं माना जा रहा है। हां, सरकार अगर बीच में राशि निकालने की इजाजत देती है तो इसे तेजी से लोकप्रिय बनाया जा सकता है।
बीमा उत्पादों की बिक्री के अलावा आप लोगों को जागरूक बनाने के लिए क्या कर रहे हैं?
-हमारी कंपनी का फोकस ही ग्राहकों से निरंतर संपर्क बनाए रखने पर है। इसके लिए हम कई उपाय करते हैं। ग्राहकों को कंपनी के साथ जोड़े रखने के लिए कई कार्यक्रम चलाते हैं। मेरे समेत कंपनी के सभी लोगों की कोशिश होती है कि अपने ग्राहकों से ज्यादा से ज्यादा मिला जाए। इससे उन लोगों के मन में तो कंपनी के प्रति विश्वास बढ़ता ही है, वही लोग आगे भी बीमा को लेकर जागरूकता फैलाने में मददगार साबित होते हैं। दरअसल जब तक कंपनी के मौजूदा ग्राहकों में कंपनी को लेकर पूरा भरोसा पैदा नहीं होगा, तब तक वे आगे भी बीमा उत्पादों को लेकर सकारात्मक सोच नहीं बढ़ा सकते।
ऑनलाइन बिक्री का आपका प्रदर्शन कैसा है?
-बीमा उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री शुरू करने वाली शुरुआती कंपनियों में से हम हैं। चूंकि ऑनलाइन बीमा उत्पाद कम प्रीमियम पर उपलब्ध होते हैं इसलिए ये ज्यादा प्रचलित होते हैं। हमारे कुल बीमा कारोबार में 23 फीसद हिस्सेदारी ऑनलाइन की है। सबसे अहम बात यह है कि ऑनलाइन बीमा ग्राहकों के हमारे पास रुके रहने की दर 90 फीसद है। यानी ऑनलाइन पर हम जितनी पॉलिसी बेचते हैं उनमें से 90 फीसद लोग अपना प्रीमियम निरंतर भर रहे हैं।
अमित कुमार रॉय
चीफ डिस्ट्रीब्यूशन ऑफिसर
एगोन रेलिगेयर लाइफ इंश्योरेंस
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