बच्चों के भविष्य के लिए चाइल्ड प्लान पर करें भरोसा
-जीवन बीमा के अन्य उत्पादों के मुकाबले चाइल्ड इंश्योरेंस प्लान कैसे अलग हैं? अन्य उत्पादों की तुलना में चाइल्ड इंश्योरेंस प्लान माता-पिता को बच्चों की भविष्य की चिंताओं से मुक्त करते हैं। ऐसे प्लान में सबसे अच्छी और अलग बात यह है कि इसमें प्रीमियम से छूट (वेवर) की सुविधा है। अस्
-जीवन बीमा के अन्य उत्पादों के मुकाबले चाइल्ड इंश्योरेंस प्लान कैसे अलग हैं?
अन्य उत्पादों की तुलना में चाइल्ड इंश्योरेंस प्लान माता-पिता को बच्चों की भविष्य की चिंताओं से मुक्त करते हैं। ऐसे प्लान में सबसे अच्छी और अलग बात यह है कि इसमें प्रीमियम से छूट (वेवर) की सुविधा है। असमय घर के मुखिया या धन अर्जिक पेरेंट की अगर मृत्यु हो जाती है तो शेष अवधि का सारा प्रीमियम कंपनी खुद भरती है और मैच्योरिटी के वक्त नॉमिनी को पूरा एकमुश्त भुगतान करती है। कुछ प्लान ऐसे भी हैं जिनमें बीमा अवधि के दौरान कंपनियां नियमित रूप से कुछ भुगतान करती रहती हैं। इससे बच्चों की पढ़ाई के अन्य खचरें जैसे कोचिंग क्लास की फीस आदि में सुविधा रहती है। चाइल्ड प्लान यह आश्वस्त करता है कि माता-पिता या धन अर्जक पेरेंट के न रहने पर भी बच्चे की पढ़ाई संबंधी सभी जरूरतें वक्त पर पूरी होती रहें।
-माता-पिता को अमूमन बच्चे की किस उम्र तक चाइल्ड प्लान में निवेश कर देना चाहिए?
किसी भी माता-पिता को जितनी जल्दी हो सके चाइल्ड प्लान में निवेश शुरू कर देना चाहिए। आपको जितना अधिक समय बचत के लिए मिलेगा आप थोड़ी राशि बचत में लगाकर अंत में एकमुश्त बड़ी रकम प्राप्त कर सकेंगे। मान लीजिए आपको बच्चे की उच्च शिक्षा के लिए दस लाख रुपये चाहिए। अगर आपके निवेश पर सात फीसद ब्याज मिलता है तो आपको दस लाख रुपये पाने के लिए 15 साल तक 38,000 रुपये सालाना के हिसाब से जमा करना होगा। लेकिन अगर आपके पास समय है तो आप 21 साल तक 21,000 रुपये सालाना जमाकर दस लाख रुपये की राशि प्राप्त कर सकते हैं। कम उम्र के मां-बाप को बीमा लागत में कम भुगतान करना होता है, जो अंतत: आपके फंड को बढ़ाने में काम आता है।
-अवीवा के चाइल्ड प्लान किस प्रकार के हैं और वे दूसरों से अलग कैसे हैं?
अवीवा के पास परंपरागत और यूनिट लिंक्ड दोनों तरह के प्लान हैं। परंपरागत चाइल्ड प्लान अपनी तरह का अनोखा उत्पाद हैं, जो बच्चे की 13 से 17 साल तक की उम्र के दौरान हर साल एकमुश्त निश्चित राशि का भुगतान करता है। यह वह समय होता है जब बच्चा 8वीं से 12वीं कक्षा में होता है। इसके अलावा कॉलेज एडमिशन के लिए एकमुश्त राशि और उससे भी अधिक उच्च शिक्षा के वक्त इस प्लान में मिलती है। बाजार आधारित यूलिप में फंड ग्रोथ माता-पिता द्वारा चुने गए निवेश फंड और उसके प्रदर्शन पर निर्भर करती है। ल्-ोकिन दोनों ही तरह के प्लान में पेरेंट के न रहने पर प्रीमियम वेवर की सुविधा है, जबकि सारे लाभ प्लान के वादे के अनुसार पूर्ववत मिलते हैं।
=चाइल्ड प्लान किसी टर्म प्लान या म्यूचुअल फंड प्लान से कैसे बेहतर है?
8किसी म्यूचुअल फंड या यूलिप चाइल्ड प्लान में सीधे तुलना संभव नहीं है, यदि आप प्रीमियम की सभी किस्तों का भुगतान करते हैं। चाइल्ड प्लान निवेश का उद्देश्य पूरा करता है। पेरेंट के न रहने पर बच्चों के सुरक्षित भविष्य का भरोसा भी देता है। यह आश्वस्त करता है कि जितनी राशि की योजना आपने बच्चे के लिए बनाई है वह उसे 18 से 21 की उम्र के बीच मिले। उत्पाद का चयन माता-पिता की जोखिम क्षमता पर निर्भर है। बाजार में कई तरह के प्लान हैं, जिनमें प्रीमियम वेवर के विकल्प उपलब्ध हैं। कुछ में क्रिटिकल इलनेस जैसे राइडर हैं। इन सभी में बीमा राशि का समयबद्ध भुगतान होता है, मगर म्यूचुअल फंड में प्लान की परिपक्वता पर ही एकमुश्त राशि मिलती है। टर्म प्लान में बीमित की मृत्यु पर ही राशि प्राप्त होती है।
=आपके बिजनेस में चाइल्ड इंश्योरेंस की हिस्सेदारी कितनी है?
8यह हमारे बिजनेस का एक बड़ा हिस्सा है। यूं तो हमारे सभी श्रेणी के उत्पादों का प्रदर्शन काफी अच्छा है। लेकिन चाइल्ड इंश्योरेंस में का हिस्सा कुल बिजनेस में काफी महत्वपूर्ण है।
ऋषि पिपरैया
निदेशक, मार्केटिंग एंड सेल्स अवीवा लाइफ इंश्योरेंस
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