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हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदना चाहते हैं, आपके काम आएंगे ये टिप्स

अधिकांश भारतीय आबादी का मानना ​​है कि स्वास्थ्य बीमा तभी जरूरी है जब आप बीमारियों की चपेट में आएं या इसे महसूस करें

By NiteshEdited By: Published: Thu, 03 Jan 2019 12:34 PM (IST)Updated: Sun, 13 Jan 2019 12:47 PM (IST)
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदना चाहते हैं, आपके काम आएंगे ये टिप्स
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदना चाहते हैं, आपके काम आएंगे ये टिप्स

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। बीमारियां कभी भी किसी को भी हो सकती हैं, ये कभी समय बताकर नहीं आती। इसलिए यह जरूरी है कि समय पर एक अच्छी हेल्थ पॉलिसी खरीदी जाए। हम अपने और हमारे प्रियजनों के लिए हमेशा अच्छा चाहते हैं, लेकिन कई बार जिसकी उम्मीद नहीं होती वह हो जाता है। कोई भी नहीं चाहता कि उसके परिवार का कोई सदस्य बीमार हो। लेकिन, सिर्फ हेल्थ इंश्योरेंस खरीदना ही सब कुछ नहीं होता। इसे लेने के पहले पॉलिसी के बारे में पूरी जानकारी हो। एक्सपर्ट भी कहते हैं कि हमें अपने हेल्थ पॉलिसी का चुनाव काफी सोच समझकर करना चाहिए। हेल्थ पॉलिसी लेने से पहले ये पांच जरूरी बातें आपके लिए जानना जरूरी है।

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जितनी जल्दी हो सके स्वास्थ्य बीमा खरीदें: जीवन में जितनी जल्दी हो सके स्वास्थ्य बीमा कवर खरीद लें। एक्सपर्ट कहते हैं कि अधिकांश भारतीय आबादी का मानना ​​है कि स्वास्थ्य बीमा तभी जरूरी है जब आप बीमारियों की चपेट में आएं या इसे महसूस करें। स्वास्थ्य बीमा के लाभों के बारे में अदंर बैठे पुराने सोच और जागरूकता की कमी के कारण यह धारणा मौजूद है। यह अक्सर देखा जाता है कि कई लोग स्वास्थ्य बीमा योजना खरीदने का निर्णय बाद की उम्र में छोड़ देते हैं। वे मानते हैं कि वे शुरुआती वर्षों में स्वस्थ रहेंगे।

हॉस्पिटल के कमरे के किराए की कोई सीमा नहीं: कुछ हेल्थ प्लान में सीमित किराये की कैप (सीमा) लगाई जाती है। पॉलिसी के तहत अस्पताल के कमरे की निश्चित राशि तय होती है। अगर मरीज इससे ज्यादा का कमरा लेता है तो इंश्योरर मरीज से अस्पताल के कुल बिल इस अतिरिक्त राशि को चार्ज करता है।

इसे ऐसे समझिए अगर कमरे का किराया 4000 रुपये प्रतिदिन है और मरीज 5000 रुपये प्रतिदिन का कमरा लेता है। तो रुम के किराये में 20 फीसद का इजाफा हो गया। अब अगर अस्पताल का कुल बिल 50,000 रुपये है तो इंश्योरर यह 20 फीसद का अतिरिक्त चार्ज कुल बिल में लगा देगा। इससे मरीज को 2000 रुपये की जगह 10,000 रुपये देने पड़े जाते हैं। इसलिए ऐसा प्लान खरीदें जिसमें अस्पताल के कमरे के किराये पर कोई सीमा नहीं है।

पूर्व-मौजूदा बीमारियों की प्रतीक्षा अवधि: पहले से मौजूद बीमारियों के लिए आपको दो बार इंतजार करना होगा। यह बहुत महत्वपूर्ण है। आम तौर पर बीमा कंपनियां एक निश्चित अवधि के लिए पहले से मौजूद शर्तों को छोड़ देती हैं। आमतौर पर यह 2-4 साल के बीच होता है। इसलिए ऐसी पॉलिसी खरीदनी चाहिए जिससे वेटिंग पीरियड कम हो।

रीस्टोरेशन का लाभ: ऐसी पॉलिसी खरीदना जरूरी है जिसमें इनबिल्ट रिस्टोर ऑप्शन हो और एक ही वर्ष में एक से अधिक हॉस्पिटलाइजेशन होने पर आपकी बीमा राशि को ऑटोमेटिक रूप से रिचार्ज किया जा सके। खासतौर पर फैमिली फ्लोटर प्लान के मामले में यह एक महत्वपूर्ण विशेषता है।


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