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दुश्वारियों से बचाए एक्सीडेंट कवर

एक आइटी कंपनी में अच्छे ओहदे पर कार्यरत वेंकट की जिंदगी हंसी-खुशी गुजर रही थी। हाल ही में वह एक दुर्घटना के शिकार हो गए। उन्हें काफी गंभीर चोटें आईं। कई ऑपरेशन हुए। एक हाथ गंवाना पड़ा। जिंदगी भर के लिए अपंग हो गए। इस दुर्घटना के घाव के भरने

By Babita KashyapEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2015 11:19 AM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2015 11:33 AM (IST)
दुश्वारियों से बचाए एक्सीडेंट कवर

एक आइटी कंपनी में अच्छे ओहदे पर कार्यरत वेंकट की जिंदगी हंसी-खुशी गुजर रही थी। हाल ही में वह एक दुर्घटना के शिकार हो गए। उन्हें काफी गंभीर चोटें आईं। कई ऑपरेशन हुए। एक हाथ गंवाना पड़ा। जिंदगी भर के लिए अपंग हो गए। इस दुर्घटना के घाव के भरने में भी काफी वक्त लगा। इसके कारण उन पर आर्थिक मुसीबत भी आन पड़ी। कई महीने तक आय के बगैर बैठना पड़ा। वैसे वेंकट ने जीवन बीमा और हेल्थ बीमा पॉलिसियों में पैसा लगा रखा था, लेकिन पर्सनल एक्सीडेंट पॉलिसी नहीं ली थी। अगर ऐसी कोई पॉलिसी ली होती तो इस मुसीबत की स्थिति में भी उन्हें या उनके परिवार को आर्थिक दुश्वारियों का सामना नहीं करना पड़ता। हेल्थ बीमा से उन्हें अस्पताल का खर्चा तो मिल गया, लेकिन नौकरी पर नहीं जाने की वजह से वेतन हानि की भरपाई नहीं हो सकी। ऐसी स्थिति में जीवन बीमा पॉलिसियों से भी कुछ खास फायदा नहीं होने वाला। वहीं, पर्सनल एक्सीडेंट पॉलिसी कई तरह से फायदेमंद साबित होती है।

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कवर के फायदे अनेक

-अगर हादसे में बीमित व्यक्ति की मौत हो जाती है तो बीमा की पूरी राशि उसके आश्रितों को दी जाती है।

-अगर बीमित व्यक्ति पूरे जीवन के लिए स्थायी तौर पर अपंग हो जाता है तो बीमित राशि के 125 फीसद का भुगतान किया जाता है।

-आंशिक तौर पर स्थायी अपंगता की स्थिति में भी बीमित राशि के एक हिस्से का भुगतान होता है। राशि बीमा पॉलिसी व बीमित व्यक्ति के मुताबिक अलग-अलग हो सकती है।

-कुछ परिस्थितियों में एक निश्चित समय तक एक तय राशि का भुगतान किया जाता है। इसका निर्धारण बीमा की राशि व अन्य शर्तों के आधार पर होती है। कुछ स्कीमों के तहत 100 हफ्तों तक एक तय राशि का भुगतान संभव है।

-इस पॉलिसी के तहत आप बच्चों की शिक्षा के लिए अतिरिक्त बोनस के तौर पर राशि भी हासिल कर सकते हैं। साथ ही जितने दिनों तक आप अस्पताल में भर्ती रहे हैं, उतने दिनों तक एक निश्चित रकम हासिल करने की भी व्यवस्था है।

इन बातों का रखें ख्याल

-आप अपने, पत्नी और बच्चों के लिए इस पॉलिसी के तहत कवरेज हासिल कर सकते हैं।

-आप अपनी स्थिति और सुविधा के मुताबिक कोई भी पर्सनल एक्सीडेंट कवर ले सकते हैंं। विभिन्न पॉलिसियों की आपस में तुलना जरूर कर लें। मृत्युु की स्थिति में मिलने वाली राशि, अपंगता पर दिया जाने वाले अतिरिक्त बोनस वगैरह की विस्तृत जानकारी और शर्तों के बारे में समुचित पूूछताछ करने के बाद ही फैसला करें।

-आम तौर पर कंपनियां मासिक वेतन के 100 से 120 गुुना ज्यादा रकम का पसर्नल एक्सीडेंट कवरेज देती हैं।

कुछ सावधानियां भी जरूरी

सबसे पहले तो यह ध्यान रखिए कि दुर्घटना होने के तीस दिनों के भीतर कंपनी को इसके बारे में सूचना जरूर देनी चाहिए। क्लेम कंपनी की तरफ से दिए गए फॉर्म में ही करना चाहिए। इसके अलावा एफआइआर की कॉपी, अन्य जांच रिपोर्ट, डॉक्टरों की पर्ची व सर्टिफिकेट, अपंगता संबंधी प्रमाणपत्र भी कंपनी के पास जमा करानी चाहिए। अगर बीमित व्यक्ति की मौत हो गई है तो मृत्यु प्रमाणपत्र उपलब्ध कराया जाना चाहिए।

सुरेश सुगथन

हेड (हेल्थ इंश्योरेंस), बजाज अलायंज जनरल इंश्योरेंंस


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