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प्रॉपर्टी के एग्रीमेंट के लिए अपनाएं अपनी समझ

जीवन में घर की आवश्‍यकता अहम है। अपने इस अहम आवश्‍यकता को ध्‍यान में रखते हुए प्रॉपर्टी के एग्रीमेंट के वक्‍त काफी सतर्कता बरतनी चाहिए। इसके लिए पेश हैं कुछ टिप्‍स-

By Monika minalEdited By: Published: Mon, 16 May 2016 02:46 PM (IST)Updated: Mon, 16 May 2016 03:53 PM (IST)
प्रॉपर्टी के एग्रीमेंट के लिए अपनाएं अपनी समझ

किसी भी व्यक्ति के जीवन में उसका खुद का घर होना बेहद महत्वपूर्ण होता है। अपना घर किसी भी परिवार में एक असेट जोड़ता है। चूंकि इसके साथ भावनात्मक और वित्तीय मूल्य जुड़े होते हैं इसलिए यह आवश्यक है कि आप सही संपत्ति उचित प्रक्रिया के जरिये खरीदें ताकि आगे चलकर आपको किसी तरह की कानूनी अड़चनों का सामना न करना पड़े।

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इस आधार पर प्रॉपर्टी का टाइटल काफी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि यह मौजूदा ग्राहक को उसे बेचने का अधिकार देता है और नया ग्राहक इसके जरिये आगे प्रॉपर्टी का सौदा करने का अधिकार पाता है। इस स्थिति को पाने के लिए यह जरूरी है कि प्रॉपर्टी का टाइटल स्पष्ट और बाजार में सौदा करने के योग्य हो। लिहाजा प्रॉपर्टी का एग्रीमेंट ऐसा होना चाहिए जो अथॉरिटी को उसे किसी और के नाम में ट्रांसफर करने का अधिकार देता हो। इसके लिए निम्न बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

- दोनों पक्षों की पहचान और स्वामित्व स्पष्ट हो। यानी खरीदार और विक्रेता वह प्रॉपर्टी खरीदने और बेचने में कानूनी तौर पर सक्षम हों। इसके लिए पहचान पत्र आदि का इस्तेमाल किया जा सकता है।

- टाइटल स्पष्ट व खरीदे बेचे जाने योग्य हो। इसका मतलब यह हुआ कि जिस प्रॉपर्टी का सौदा हो रहा है उस पर किसी तरह की कानूनी बाध्यता न हो। वह पूरी तरह कानूनी अड़चनों से मुक्त हो और वह किसी तरह की देनदारी से न बंधी हो। यह जानकारी सब रजिस्ट्रार के कार्यालय से प्राप्त की जा सकती है। सब रजिस्ट्रार कार्यालय इसके लिए ऋणमुक्त प्रॉपर्टी का प्रमाणपत्र जारी करता है। इसमें उस प्रॉपर्टी से संबंधित सभी तरह के लेनदेन होते हैैं।

यह जानकारी लेने के लिए सब रजिस्ट्रार कार्यालय में आवेदन करना पड़ता है। आवेदन फार्म के साथ अपने निवास का प्रमाणपत्र, जिस प्रॉपर्टी के बारे में जानकारी चाहते हैं उसका सर्वे नंबर व स्थान और जिस अवधि के बारे में जानकारी चाहते हैं, जमा करानी होती है। ऋणमुक्त प्रमाणपत्र प्राप्त होने में सामान्यत: 15 से 30 दिन का समय लगता है।

इसके अतिरिक्त प्रॉपर्टी खरीदने से पहले प्रॉपर्टी के संबंध में निम्न जानकारियां भी प्राप्त कर लेना समझदारी है।

- राजस्व विभाग से गैर कृषि जमीन के तौर पर सभी तरह की मंजूरियां हों

- नगर निगम या विकास प्राधिकरण से बिल्डिंग प्लान मंजूर हो

- निगम या प्राधिकरण से स्ट्रक्चरल प्लान मंजूर हो

- प्रॉपर्टी पर्यावरण, पीडब्ल्यूडी, एयरपोर्ट, हेरीटेज संरक्षण, नेशनल मॉन्यूमेंट, ग्राउंड वॉटर, रेलवे और वन विभाग से मंजूर हो।

- निर्माणाधीन इमारत है तो समुचित प्राधिकरण से निर्माण शुरू करने की अनुमति

- निर्मित प्रॉपर्टी है तो कंप्लीशन सर्टिफिकेट हो

- नागरिक विभागों से अनापत्ति प्रमाणपत्र हासिल हो

चूंकि मध्यवर्ग से जुड़ा व्यक्ति संपत्ति खरीदते वक्त अपनी मेहनत की कमाई लगाता है इसलिए यह जरूरी है कि प्रॉपर्टी खरीदने से पहले उपरोक्त सभी बिंदुओं पर उसे परख लिया जाए। इससे न केवल आप अपने धन का समुचित उपयोग कर पाएंगे बल्कि भविष्य में किसी तरह की कानूनी अड़चनों में फंसने से भी बच जाएंगे।

- अनिल सच्चिदानंद, एमडी व सीईओ, एएचएफसीएल


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