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निवेश पर भारी पड़ सकती है गणित में आपकी कमजोरी

अगर आप गणित में इतने भी सहज नहीं हुए तो बहुत से लोग इस बात का फायदा उठा सकते हैं

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sun, 03 Dec 2017 01:55 PM (IST)Updated: Sun, 03 Dec 2017 01:55 PM (IST)
निवेश पर भारी पड़ सकती है गणित में आपकी कमजोरी
निवेश पर भारी पड़ सकती है गणित में आपकी कमजोरी

गणित में कमजोर होना हमारे समाज में गंभीर नहीं माना जाता। बहुत से लोग गर्व से अपनी इस कमजोरी का बखान करते हैं। लेकिन ऐसा सही नहीं है। एक निवेशक के लिए गणित की सामान्य समझ होना बहुत जरूरी है। निवेशक की सफलता के लिए जरूरी है कि वह सामान्य गणनाएं आसानी से करने में सक्षम हो। अगर आप गणित में इतने भी सहज नहीं हुए तो बहुत से लोग इस बात का फायदा उठा सकते हैं। इस चक्कर में निवेशकों को बड़ी चपत लगने का भी डर रहता है।

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कई साल पहले मैंने अमेरिका के गणित अध्यापक जॉन एलेन पॉलोस की एक किताब पढ़ी थी। पॉलोस ने एक संस्थान में नियुक्ति के लिए कुछ लोगों का टेस्ट लिया था। किताब में उन्होंने उसी टेस्ट से कुछ उदाहरण रखे थे। उसी में से एक सवाल था कि यदि किसी वस्तु की मात्र 50 से बढ़कर 100 हो जाए तो इसमें कितने प्रतिशत की वृद्धि मानी जाएगी? 50 प्रतिशत, 100 प्रतिशत या 200 प्रतिशत? उम्मीदवारों ने जो उत्तर दिए, उनसे स्पष्ट था कि ज्यादातर लोग अनुमान लगाकर उत्तर दे रहे थे। ध्यान देने की बात है कि इसके उत्तर के लिए गणित में बहुत पारंगत होने की जरूरत नहीं है। यह केवल प्रश्न को समझने भर का मामला है।

इसी तरह टेस्ट के दौरान एक और सवाल किया गया था। उम्मीदवारों से पूछा गया था कि अमेरिका की आबादी कितनी है। उस समय वहां की आबादी 22 करोड़ थी। यह बहुविकल्पीय प्रश्न नहीं था बल्कि उम्मीदवारों को इसका उत्तर स्वयं लिखना था। करीब आधे उम्मीदवारों ने सही उत्तर लिखा। हालांकि इसमें ज्यादा रोचक थे उम्मीदवारों के गलत जवाब। गलत जवाब ज्यादा उल्टे-पुल्टे या सही जवाब के आसपास नहीं थे। इनमें ज्यादातर जवाब कुछ इस तरह थे, किसी ने आबादी दो करोड़ बताई, किसी ने दो अरब तो किसी ने 20 अरब। इससे स्पष्ट है कि किसी संख्या की ओर देखते हुए लोग अक्सर इस बात पर ध्यान नहीं देते कि उसका मान कितना है। लोग केवल उसके शुरुआती अंक पर ही ध्यान देते हैं।

अब सवाल ये है कि इन बातों का निवेश या पर्सनल फाइनेंस से क्या लेना-देना है? इस संबंध को समझने के लिए विचार कीजिए कि पर्सनल फाइनेंस के मामले में बात चाहे लोन चुनने या म्यूचुअल फंड में निवेश की हो, चाहे इक्विटी में निवेश की, हमें सफल होने के लिए क्या चाहिए? पारंपरिक रूप से इसका उत्तर इस बात पर निर्भर करता है कि आपके पास क्या जानकारी है या किस तरह के विश्लेषण तक आपकी पहुंच है। यह इस पर निर्भर करता है कि विकल्प चुनते समय आप कौन सा तरीका अपनाते हैं।

निश्चित रूप से पर्सनल फाइनेंस से जुड़ी ज्यादातर सलाह आपको इस बारे में जानकारी और निर्देश देती है कि क्या करना चाहिए। मैं यहां जो कुछ लिखता हूं, उसका भी बड़ा हिस्सा इसी पर केंद्रित रहता है। विभिन्न फाइनेंशियल प्रोडक्ट से जुड़े सेल्सपर्सन भी यही करते हैं, लेकिन अलग उद्देश्य से। तथापि जितना मैंने देखा है, उसके हिसाब से सफल निवेश खुद निवेशक की क्षमता पर निर्भर करता है। इसमें बड़ी भूमिका उसके स्वभाव की रहती है जो एक अलग मसला है। हालांकि कुछ जरूरी क्षमताएं जो किसी निवेशक में होनी चाहिए, सामान्य गणित की समझ उनमें सबसे महत्वपूर्ण है। दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो पाता। इसका भी सबसे बुरा पहलू है कि निवेशक इसे न तो कोई समस्या समझते हैं, न ही उसे दूर करने के लिए कोई प्रयास करते हैं।

पॉलोस ने अपनी उसी किताब में लिखा है कि गणित में परेशानी होना, समाज में किसी तरह के सवाल नहीं खड़े करता है। वे लोग जो छोटी सी व्याकरण या विराम चिन्ह की गलती पर शार्मिदा हो जाते हैं, वही लोग गणित की नासमझी या साधारण सी भी गणना नहीं कर पाने की अपनी अक्षमता को गर्व से लोगों के सामने बताते हैं।

मैं इस बात पर चर्चा नहीं करना चाहता कि ऐसा क्यों है क्योंकि इस बारे में सामाजिक धारणा स्पष्ट है। मैं केवल यह कहना चाहता हूं कि अगर आप अपने पैसे का सही प्रबंधन करना चाहते हैं, तो गणित को लेकर ऐसा व्यवहार न रखें। फाइनेंशियल मामले में अपनी भलाई के लिए आपको निवेश के साधारण गणित को समझना होगा। आपके लिए कोई और यह काम नहीं कर सकता। बल्कि सच तो यह है कि ढेरों ऐसे लोग मिलेंगे जो आपकी इस कमजोरी का फायदा उठाएंगे। गणित में कमजोर निवेशकों का फायदा उठाने वाले बहुत हैं।

अन्य सभी बातों की तरह ही गणित को समझना भी बहुत मुश्किल नहीं है। इंटरनेट पर बहुत से माध्यम हैं, जिनसे आप इस मामले में अपनी समझ बढ़ा सकते हैं। खान अकेडमी भी उनमें से एक है। निवेश के लिए बहुत मूल जानकारियों की जरूरत होती है, काफी हद तक 10वीं कक्षा में पढ़ाई जाने वाली गणित के कुछ हिस्सों जितनी। और अगर आप यह जानने के इच्छुक हैं कि गणित की समझ नहीं होने से आप को और क्या नुकसान हो सकते हैं, तो आप पॉलोस की किताबें पढ़ सकते हैं। उनकी किताबें हैं - इनन्यूमेरेसी: मैथमेटिकल लिटरेसी एंड इट्स कंसीक्वेंसेज और ए मैथमेटीशियन रीड्स द न्यूजपेपर। दोनों किताबें साधारण कीमत पर ऑनलाइन उपलब्ध हैं। ये किताबें मजेदार हैं और काम की भी।

(यह लेख वैल्यू रिसर्च के सीईओ धीरेन्द्र कुमार ने लिखा है।)


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