नोटबंदी से देश में निवेश का माहौल बदल जाएगा
विमुद्रीकरण का कोई भी परिणाम निकले लेकिन यह तय है कि निम्न ब्याज दरों का दौर आने वाला है
नई दिल्ली (धीरेंद्र कुमार)। विमुद्रीकरण का कोई भी परिणाम निकले लेकिन यह तय है कि निम्न ब्याज दरों का दौर आने वाला है। इससे आने वाले वर्षों में निवेश का परिदृष्य भी बदल जाएगा। अगर आप बचत कर रहे हैं और आय के किसी फिक्स्ड माध्यम में निवेश कर रहे हैं, जो कि भारत में हर कोई करता है तो आपको यह समझ लेना चाहिए कि आगे क्या होने वाला है और आपको इससे कैसे निपटना चाहिए।
जमा दरें नीचे आएंगी, ऐसा होने पर इनकम फंड्स में विंडफॉल गेन होगा। अगर आप इस घटनाक्रम और इससे जुड़ी अनिश्चिताओं को समझते हैं तो आप निश्चित तौर पर इससे फायदा उठा सकते हैं। हालांकि आने वाले दिनों में व्यापक बिंदु यह है कि बैंक और सरकारी योजनाओं जैसे पीपीएफ और विभिन्न डाक जमाओं पर आय कम प्राप्त होगी। विमुद्रीकरण विभिन्न क्षेत्रों और व्यवसायों के कारोबार को प्रभावित करेगा जिससे स्टॉक मार्केट भी अस्थिर हो जाएगा। इसका मतलब है कि आप आने वाले दिनों में अपनी बचत का एक बड़ा हिस्सा शेयर आधारित एसआइपी (सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान) में लगा दें। अगर आप 12 से 18 महीने के लिए इसमें निवेश करते हैं तो यह बहुत अच्छा रहेगा। जो लोग जमाराशि से आय पर निर्भर रहते हैं, उनके लिए यह विकल्प अब बेहतर नहीं रहेगा। आपको ब्याज के रूप में जो धन मिलता है उसमें 10 से 20 प्रतिशत कमी आ सकती है। उदाहरण के लिए ब्याज दर में 8.5 प्रतिशत से 7 प्रतिशत की कमी का मतलब है कि आय में 18 प्रतिशत कमी। मुद्रास्फीति कम होने वाली है, इसके बावजूद यह बड़ा कठिन होगा। हम इस दिशा में कुछ समय से बढ़ रहे हैं लेकिन विमुद्रीकरण से इस दिशा में और तेजी आएगी। इसलिए जरूरी है कि बचतकर्ता यह समझें कि क्या हो रहा है।