दिक्कतों से बचने के लिए समय रहते आधार से लिंक करें पैन कार्ड: बलवंत जैन
अगर आपने सरकार की ओर से तय तारीख तक आधार कार्ड को पैन कार्ड से नहीं जोड़ा तो आपको कई तरह की वित्तीय दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है
नई दिल्ली (बलवंत जैन)। आधार कार्ड का महत्व दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। सब्सिडी के पैसों को सीधे ट्रांस्फर के अलावा भी बहुत स्थान पर आधार अनिवार्य किया जा रहा है जिससे कि नकली लोगों को सिस्टम से निकाला जा सके।
वित्त वर्ष 2017-18 का आम बजट जो अभी थोड़े दिन पहले ही पास हुआ है, में एक नई धारा 139एए को जोड़ा गया है जिसके तहत आपको अपना आईटीआर फाइल करते समय या इनकम टैक्स पैन नंबर का आवेदन करते समय पहली जुलाई 2017 के बाद में अपना आधार कार्ड नंबर भी देना पड़ेगा। इसके अलावा भी जिन लोगों के पास चाहे वो आयकर विवरण दाखिल नहीं करते है, परंतु अगर उनके पास इनकम टैक्स पैन नंबर है तो सरकार द्वारा घोषित तारीख के पहले पहले अपने पैन नंबर को अपने आधार कार्ड से साथ जोड़ना होगा।
अगर आपने अभी तक आधार कार्ड नहीं बनवाया है या आपका आधार नंबर नहीं आया है तो फिलहाल आप आधार कार्ड के आवेदन का 28 अंकों का आधार एनरोलमेंट आईडेंटीफिकेशन नंबर भी दे सकते हैं। अगर आपके पास आधार नंबर नहीं है तो जब तक आप आधार का आवेदन नहीं करेगे तब तक आप अपना आईटीआर फाइल नहीं कर पाएंगे और जिसकी वजह से आईटीआर फाइल करने में होने वाली देरी की वजह से आपको ब्याज भरना पड़ सकता है।
अगर आपकी आय करयोग्य नहीं है और इस वजह से आप अपना आईटीआर दाखिल नहीं कर रहे है तो भी आपको अपना आधार नंबर आपके इनकम टैक्स पैन नंबर से जोड़ना पड़ेगा। यह आपके हित में ही है कि आप यह कार्य जितना जल्दी हो सके पूरा कर दें। ऐसा भी हो सकता है कि आप दोनों को जोड़ने का काम करने लगे तो दोनों में दिए गए विवरण में कोई भी फर्क होने की वजह से आप इसे कर न पाएं। दोनों नंबर में फर्क जैसे आपके नाम की वर्तनी में या पते में या जन्म तारीख में फर्क हो सकता है। अगर आपका पैन नंबर व आधार नंबर जोड़ने का काम सरकार की ओर से नियत समय में पूरा नहीं किया जाता है तो आपको आबंटित पैन नंबर अमान्य हो जाएगा और एक बार आपका पैन नंबर अविधिमान्य हो गया तो इसके बहुत से दुष्परिणाम होंगे जिसका आपको सामना करना पड़ेगा। एक बार आपका पैन नंबर अविधिमान्य हो गया तो उसके बाद आप कहीं भी वो नंबर देंगे तो गलत पैन नंबर देने की वजह से आप पर 10,000 रुपये का जुर्माना लग सकता है।
अगर आप अपनी ब्याज वगैरह आय पर कर कटौती नहीं होने के लिए फॉर्म नंबर 15जी या 15एच देते है और उसपर अविधिमान्य (इनवैलिड) पैन नंबर देते है तो बैंक आपके ब्याज पर शून्य कर कटौती की जगह 20 फीसद की दर से कर कटौती करेगी। एक बार आपका पैन नंबर अमान्य हो गया तो आपकी आय में से जो कर कटौती हुई है उसका फायदा भी आपको नहीं मिलेगा क्योंकि आपका पैन नंबर सिस्टम में ही नहीं होगा।