SIP के जरिये इक्विटी फंडों में निवेश करने का सही है वक्त, भविष्य में हो सकते हैं मालामाल
मौजूदा बाजार परिस्थितियों में आप सिप के जरिये निवेश कर भविष्य में मालामाल हो सकते हैं। आइए जानते हैं कि अभी म्युचुअल फंडों में सिप के जरिये निवेश करने का सही समय क्यों है।
नई दिल्ली, नवीन कुकरेजा। इक्विटी बाज़ारों में चल रही गिरावट के कारण, अधिकांश निवेशकों को पिछले तीन वर्षों के दौरान कि गई SIP से नुकसान हो रहा है। इस कारण कई निवेशक विचार कर रहे हैं कि वर्तमान मंदी के समय में उन्हें SIP को जारी रखना चाहिए या नहीं। नई SIP शुरू करने का सोच रहे कई निवेशक शायद डर की भावना के कारण अब इस विचार को कुछ समय के लिए टाल रहे हैं। हालांकि, SIP के माध्यम से निवेश करने का एक बुनियादी आधार बाज़ार पर ध्यान ना देकर निवेश करते जाना है। मौजूदा बाजार परिस्थितियों में आप सिप के जरिये निवेश कर भविष्य में मालामाल हो सकते हैं। आइए, जानते हैं कि अभी म्युचुअल फंडों में सिप के जरिये निवेश करने का सही समय क्यों है।
वर्तमान बाज़ार स्थिति में इक्विटी फंड में SIP शुरू करने के 5 कारण
किस समय निवेश करना है, इसे समझने के लिए एक निवेशक को मैक्रो-इकनॉमिक स्थिति, मौलिक विश्लेषण, तकनीकी विश्लेषण और भू-राजनीतिक रुझानों को समझने की आवश्यकता होती है, सामान्य निवेशक के लिए यह एक आसान काम नहीं है। हालांकि, कई निवेशकों का स्वाभाव बाज़ार में तेज़ी आने पर ज़्यादा निवेश करने और मंदी आने पर निवेश घटाने का होता है। SIP के माध्यम से निवेश जारी रखने से न केवल आपका लगातार निवेश जारी रहता है बल्कि साथ ही आप इस दुविधा में भी नहीं रहते हैं कि आपको किस समय कितना निवेश करना चाहिए और आपको बाज़ार में मंदी के दौरान समान लागत में अधिक यूनिट खरीदने का लाभ भी मिल जाता है, जो आपके निवेश को औसतन कर देता है।
लगातार और अनुशासित निवेश सुनिश्चित करता है
SIP में निवेशकों को अपनी चुनी हुई एमएफ योजनाओं में अपने बचत बैंक खातों से पूर्व निर्धारित तिथि पर तय राशि का निवेश करना होता है। निवेश के लिए स्वचालित रूप से राशि कटौती का ये नियम सुनिश्चित करता है कि निवेश लगातार होता रहे और बाज़ार में आए बदलाव से आपके निवेश निर्णय के प्रभावित होने की संभावना भी कम रहती है। लगातार निवेश वित्तीय अनुशासन को बनाने में भी मदद करता है क्योंकि निवेशक SIP निवेश को पूरा करने के लिए अनावश्यक खर्चों से बचते हैं।
रुपये की औसत लागत (Value Cost Averaging)
SIP द्वारा निवेश करने पर तय समय पर निवेश के लिए दी जाने वाली राशि समान रहती है लेकिन बाज़ार के मुताबिक खरीदे जाने वाली यूनिट की संख्या कम-ज़्यादा होती रहती है। बाज़ार में गिरावट आने पर आप समान निवेश लागत में ज़्यादा यूनिट खरीद सकते हैं और बाज़ार में तेज़ी आने पर कम यूनिट। इस तरह आपके निवेश की लागत औसतन रहती है। लंबे समय तक SIP के मध्यम से निवेश करने से आप बाज़ार में गिरावट के समय कम एनएवी पर ज़्यादा यूनिट खरीद लाभ उठा सकते हैं।
छोटी राशि से निवेश की शुरुआत करें
आम तौर पर, अधिकांश इक्विटी म्युचुअल फंड में निवेश 5000 रुपये से शुरू किया जा सकता है जबकि अतिरिक्त निवेश 1,000 रुपये से किया जा सकता है। हालांकि, एसआईपी के माध्यम से आप ईएलएसएस में अपना निवेश 500 रुपये की छोटी राशि से शुरू कर सकते हैं और अन्य म्युचुअल फंडों में 1,000 रुपये से। इस प्रकार, एसआईपी के माध्यम से MF में निवेश करने के लिए आपको एक बड़ी राशि जमा करने की आवश्यकता नहीं है।
कंपाउंडिंग का लाभ
कंपाउंडिंग का मतलब है कि आपके निवेश से कमाए गए ब्याज़ को आपकी शुरुआती निवेश राशि के साथ फिर से निवेश कर दिया जाता है। इस से समय के साथ अधिक लाभ प्राप्त करने में मदद मिलती है। क्योंकि SIP में कम राशि के साथ भी निवेश शुरू किया जा सकता है, तो आप कम उम में भी हर महीने निवेश कर इसकी शुरूआत कर सकते हैं और इस तरह कंपाउंडिंग का लाभ उठा सकते हैं। उदाहरण के लिए, 30 साल के लिए 12% की ब्याज दर पर हर महीने 1,000 रुपये की छोटी राशि का निवेश करेंगे तो अंत में मिलने वाली राशि 35 लाख रुपये होगी।
वर्तमान बाज़ार की स्थिति में SIP के माध्यम से इक्विटी म्युचुअल फंड में निवेश का क्या करें?
बाज़ार में गिरावट के कारण, अच्छे स्टॉक काफी आकर्षक मूल्य पर उपलब्ध हैं। इसलिए, जिन्होंने SIP के माध्यम से अपने नए इक्विटी निवेश की शुरुआत की है उन्हें अपनी नई SIP के साथ धीरे-धीरे पुरानी को जोड़ना चाहिए। ऐसा करने से उन्हें कम एनएवी पर अधिक यूनिट खरीदने और उनकी औसत निवेश लागत कम करने में मदद मिलेगी। जब बाज़ार में उछाल आएगा तब तक उनके पास एक बड़ा फंड मौजूद होगा, जिससे उन्हें अपने आर्थिक लक्ष्यों को जल्दी पूरा करने में मदद मिलेगी। हालांकि, जब SIP के माध्यम से इक्विटी में निवेश करते हैं, तो निवेशकों को अपने इमरजेंसी फंड का उपयोग करने से बचना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से मंदी के दौरान आर्थिक इमरजेंसी में आपको अपने इक्विटी फंड को नुकसान में बेचना पड़ सकता है या उच्च ब्याज दरों पर लोन लेना पड़ सकता है।
(लेखक पैसाबाजार.कॉम के सह-संस्थापक और सीईओ हैं। प्रकाशित विचार उनके निजी हैं।)