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आरबीआइ को दरों में बढ़ोतरी के लिए प्रोत्‍साहित करेगी यह वजह, डीबीएस ग्रुप रिसर्च की रिपोर्ट ने दिए तगड़े संकेत

आने वाले दिनों में भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से सख्‍त फैसले लिए जा सकते हैं। इस तरह की आशंकाओं के बीच डीबीएस ग्रुप रिसर्च (DBS Group Research) की एक रिपोर्ट सामने आई है। जानें इस रिपोर्ट के क्‍या हैं निष्‍कर्ष...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 25 Aug 2022 01:38 PM (IST)Updated: Thu, 25 Aug 2022 02:06 PM (IST)
भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से सख्‍त फैसले लिए जाने के संबंध में एक रिपोर्ट आई है।

मुंबई, एजेंसी। आने वाले दिनों में भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से सख्‍त फैसले लिए जाने की आशंकाओं के संबंध में तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। इस बीच डीबीएस ग्रुप रिसर्च (DBS Group Research) की एक रिपोर्ट सामने आई है। इसमें कहा गया है कि देश की मजबूत वृद्धि भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआइ को दरों में 60 आधार अंकों की वृद्धि करने को प्रोत्‍साहित कर रही है क्योंकि केंद्रीय बैंक उच्च मुद्रास्फीति यानी महंगाई पर अंकुश लगाना चाहता है।

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डीबीएस ग्रुप रिसर्च (DBS Group Research) का प्रमुख संकेतकों के आधार पर अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश की GDP के साल दर साल 16 फीसद बढ़ने की संभावना है। डीबीएस ग्रुप रिसर्च की वरिष्ठ अर्थशास्त्री राधिका राव ने एक नोट में लिखा है कि पिछले साल कोरोना के डेल्‍टा वैरिएंट के कहर के बाद धीरे धीरे संभल रही अर्थव्‍यवस्‍था जीडीपी में सुधार के संकेत दे रही है। राधिका राव ने कहा कि सेवा क्षेत्र की गतिविधि के पटरी पर लौटने के कारण अर्थव्‍यवस्‍था ने रफ्तार पकड़ी है।  

राधिका राव ने कहा कि डीबीएस ग्रुप रिसर्च ने वित्तीय वर्ष 2022-2023 में सालाना 7 फीसद जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया है। संकेत बिल्‍कुल साफ हैं कि भारत इस साल एशिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में उभरेगा। राव ने कहा कि कोविड-19 रोधी टीकाकरण की सफलता और लॉकडाउन हटाए जाने से शहरी खपत बढ़ी है। निवेश के मसले पर उत्साहजनक संकेत नजर आ रहे हैं। ये आंकड़े आरबीआइ को कड़े फैसले लेने को प्रेरित करेंगे।

राधिका राव ने कहा कि उम्मीद है कि आरबीआई चालू वित्त वर्ष में दरों में 60 बीपीएस की और वृद्धि करेगा। मालूम हो कि आरबीआई (Reserve Bank of India, RBI) ने इस साल 2022 में मई से अब तक तीन बार नीतिगत दरों में इजाफा किया है। तीन बार में रेपो रेट में 140 बीपीएस यानी 1.40 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। मौजूदा वक्‍त में महंगाई दर चिंता का विषय है। लगातार सात महीनों से खुदरा महंगाई दर आरबीआई की अपर टालरेंस लिमिट से ऊपर बनी हुई है।


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