नई दिल्ली, महेश शुक्ला। जिंदगी पूरी तरह से अप्रत्याशित है। जीवन में मुश्किलें कभी भी आ सकती हैं। आर्थिक संकट अचानक आ सकता है, ऐसे समय में हमें तुरंत और आसान समाधान की जरूरत होती है, जो हमारी मुश्किलों को हल कर सकें। ऐसी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में अक्सर शॉर्ट-टर्म लोन ही हमें बचाता है।

ऐसे लोन के कई फायदे होते हैं, जैसे जल्दी अप्रूवल मिल जाता है और ऐप्लीकेशन के कुछ ही घंटों के अंदर पैसे आपके खाते में आ जाते हैं। हालांकि इस तरह के लोन के साथ कई जोखिम भी हैं। आइए, शॉर्ट टर्म लोन के बारे में विस्तार से जानें।

शॉर्ट टर्म लोन से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण पहलू

शॉर्ट टर्म लोन का अनसिक्योर्ड पर्सनल लोन भी कहा जाता है, इसके लिए आपको अपनी प्रॉपर्टी या कोई अन्य सम्पत्ति गिरवी नहीं रखनी पड़ती। कई चीजों को ध्यान में रखते हुए व्यक्ति को इस तरह का लोन दे दिया जाता है, जैसे नौकरी, आय और क्रेडिट स्कोर।

ऑनलाइन शॉर्ट टर्म लोन अनसिक्योर्ड होता है, इसलिए इसमें ऋण देने वाले के लिए कुछ जोखिम भी होते हैं। इसके अलावा ये लोन कई रूपों में उपलब्ध हैं, जैसे इन्स्टॉलमेन्ट लोन, पेडे लोन, बैड क्रेडिट लोन आदि। इसी के आधार पर ब्याज और ऋण चुकाने के तरीके निर्भर करते हैं, अक्सर लोन लेने के बाद एक साल के अंदर इसे ब्याज सहित चुकाना होता है।

शॉर्ट-टर्म लोन कैसे मिलता है

शॉर्ट टर्म लोन आवेदन एवं डिलीवरी की प्रक्रिया बहुत तेज और आसान होती है। आपको अपना आवेदन (अक्सर ऑनलाइन) देना होता ह। इसके साथ नौकरी/ काम का प्रमाण और क्रेडिट संबंधी अन्य जानकारी देनी होती है। कंपनी इन सभी दस्तावेजों की समीक्षा करने के बाद आपको लोन देती है। लोन के लिए विभिन्न नियम तय किए जाते हैं, जैसे लोन की राशि, ब्याज की दर, शुल्क और वापस चुकाने की योजना। अगर आपको लोन अप्रूव हो जाता है तो आपको एक एग्रीमेन्ट साईन करना होता है, जिसके बाद पैसा आपके खाते में आ जाता है। आमतौर पर 24 घंटे में यह प्रक्रिया पूरी हो जाती है।

शॉर्ट टर्म लोन कई कारणों से बहुत लुभावना लगता है, जैसे जल्दी अप्रूवल, पैसे जल्द से जल्द खाते में आना, कुछ कोलेटरल रखने की जरूरत नहीं। हालांकि इसके जोखिम, फायदों की तुलना में अधिक हैं।

शॉर्ट टर्म लोन के जोखिम

उंची ब्याज दरें

  • अन्य किसी भी लोन की तुलना में शॉर्ट टर्म लोन में ब्याज दर उंची होती है और ऋण लेने वाले व्यक्ति द्वारा डिफॉल्ट करने की संभावना भी अधिक होती है।
  • शॉर्ट टर्म लोन का स्रोत चुनते समय आपको सलाह दी जाती है कि लौटाई जाने वाली कुल राशि और ब्याज दर पर ज़रूर ध्यान दें।
  • लोन लेने से पहले सुनिश्चित कर लें कि यह राशि आपकी समस्याओं को हल करने में कारगर होगी।
  • बिना सोचे-समझे शॉर्ट टर्म लोन लेने के बाद कई बार व्यक्ति की समस्या हल नहीं होती, इसके बजाए और अधिक बढ़ जाती है।
  • ऊंची ब्याज दरों के चलते व्यक्ति कर्ज के बोझ तले दबता चला जाता है।
  • कई बार आप पहला लोन चुकाने के लिए एक और लोन लेते हैं। अब आपको दोनों लोन पर ब्याज चुकाना पड़ता है, ऐसे में आने वाले हर महीने में आपकी मुश्किलें बढ़ती चली जाती हैं। आप पिछले लोन का चुकाने के लिए नया लोन लेते रहते हैं। इस जाल से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है।

जुर्माना/ पैनल्टी

ज्यादातर पेंडिंग लोन में समय पर किस्त न चुकाने से पैनल्टी/ जुर्माना लगा दिया जाता है। ऐसे में जरूरी है कि आप लोन के लिए आवेदन करने से पहले इसके नियम और शर्तें ध्यान से पढ़ लें। साथ ही देख लें कि क्या आपके पास समय से पहले लोन चुकाने के विकल्प हैं।

इन सभी मुश्किलों के बावजूद, शॉर्ट टर्म लोन लुभावने प्रतीत हो सकते हैं, क्योंकि ये जरूरत के समय आपकी आर्थिक परेशानियों को हल करते हैं। इसके अलावा उपभोक्ता को सुरक्षित रखने के लिए कुछ सीमाएं भी हैं। इसके लिए आपको सभी जानकारी रखनी चाहिए। इसके अलावा उतना ही लोन लें, जितनी आपकी चुकाने की क्षमता है। उस सीमा से आगे न बढ़ें।

(लेखक फिनटेक कंपनी PayMe के संस्थापक और सीईओ हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)

 

Edited By: Siddharth Priyadarshi