एक ऐसा बजट जिसमें राजनीति की परवाह नहीं, सशक्त भारत का सपना है
मोदी सरकार-2 ने आम बजट में देश की जनता की अपेक्षाओं और आशाओं को पूरा करने की मंशा दिखाई है। गांव गरीब किसान युवा और महिलाओं को सशक्त बनाने का सपना बजट में है।
नई दिल्ली, आशुतोष झा। पहली नजर में मोदी सरकार का बजट बहुत सादा दिख सकता है। ऐसा बजट जिसमें राजनीति की कोई परवाह नहीं हो। जिसमें इसकी फिक्र न हो कि अगले दो तीन महीनों में भाजपा शासित तीन राज्यों में चुनाव होना है। लेकिन, तथ्य यह भी है कि जितना ध्यान सशक्त भारत और नया भारत का रखा गया है, उतना ही ध्यान मजबूत भाजपा पर भी है।
गांव, गरीब, किसान, युवा, महिला, राष्ट्रीय समाज और आर्थिक विकास की बात बार-बार दोहराई गई है और यही वो मंत्र है जिसके सहारे हाल के आम चुनाव में भाजपा कई राज्यों में 50 फीसद से ज्यादा वोट हासिल करने में कामयाब रही थी। चार महीने पहले जब मोदी सरकार ने अंतरिम बजट पेश किया था, जिसमें किसानों और मछुआरों से लेकर असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए बड़ी घोषणा हुई थी। चुनावी माहौल में इन तीन वर्गों के जरिये भाजपा ने लगभग 20 करोड़ लोगों को साधा था। उस पर क्रियान्वयन शुरू भी हो चुका है। इस साल के बजट में क्रियान्वयन में तेजी लाने का संकेत है। साथ ही छोटे व्यापारियों को उस पेंशन योजना से जोड़ने की घोषणा कर दी गई है, जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री ने चुनाव से कुछ पहले की थी।
महिलाओं ने इस बार चुनाव में बढ़ चढ़कर हिस्सेदारी की है, तो बजट भाषण में उसका उल्लेख किया गया। नारी से नारायणी बनाने का खाका भी पेश किया गया। रोजगार सरकार के लिए चिंता का सबब रहा है और इस बार एमएसएमई और स्टार्ट अप के जरिये सुनहरे भविष्य की तस्वीर भी दिखाई गई है। मध्यम वर्ग को थोड़ी राहत अंतरिम बजट में ही दे दी गई थी। इस बार अमीरों पर थोड़ा बोझ बढ़ाकर यह संकेत भी दे दिया गया है कि सरकार पर अमीरों के साथ दरियादिली दिखाने का आरोप चस्पा नहीं हो सकता। इन सारी कवायदों के जरिये सरकार जनता की अपेक्षाओं और आशाओं को पूरा करने की मंशा तो दिखा ही रही है।
आने वाले वर्षों में इसका लाभ भाजपा को मिलेगा इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। ध्यान रहे कि आने वाले महीनों में महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में विधानसभा चुनाव होने हैं। यहां भी मुख्यत: कांग्रेस के साथ ही लड़ाई होनी है। जाहिर है कि इन राज्यों में भी घोषणा बनाम क्रियान्वयन बड़ा मुद्दा बनेगा। आम चुनाव के बाद भाजपा ने अब हर राज्य में 50 फीसद की लड़ाई लड़ने की तैयारी कर ली है। ऐसे में गांव, गरीब, किसान, महिला और युवाओं की आकांक्षा पूरी हुई तो भाजपा की जड़ों को और पानी मिलेगा। यही मंत्र है, जिसके जरिये भाजपा पंचायत से लेकर सभी राज्यों में सत्ता की राह बनाने की रणनीति पर काम कर रही है।