Union Budget 2019: बजट पर क्या रहा इंडस्ट्री का रिएक्शन: जानिए
हम इस खबर में उद्योग जगत से आई प्रतिक्रियाओं के बारे में बता रहे हैं।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। मोदी सरकार के इस कार्यकाल का आखिरी बजट शुक्रवार को वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने पेश किया। लोकसभा चुनाव को देखते हुए सरकार ने इस बजट में कई बड़े ऐलान किए, जिनमें प्रमुख रूप से 5 लाख रुपए तक की आय पर इनकम टैक्स में छूट की घोषणा की गई। इसके अलावा मोदी सरकार ने हर वर्ग को बजट में कुछ न कुछ दिया है। बजट पेश करने के बाद राजनीति, फिल्म और उद्योग जगत से अलग अलग प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं। हम इस खबर में उद्योग जगत से आई प्रतिक्रियाओं के बारे में बता रहे हैं।
गौतम अडाणी: उद्योगपति गौतम अडाणी ने कहा कि मीडिल क्लास, छोटे कारोबारी और किसान भारत की अर्थव्यवस्था के आधार हैं। इस बजट से लाखों लोगों की उम्मीद को बल मिलेगा।
India's middle class, small traders and farmers are the lifelines of its economic growth. By catering to these ambitions #Budget2019 infuses hopes for millions of dreams. — Gautam Adani (@gautam_adani) February 1, 2019
आनंद महिंद्रा: उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने पूछा है कि पीयूष गोयल का जोश कितना हाई था। उन्होंने ट्वीट किया, 'बजट के आंकड़ों पर चर्चा करने से पहले, अगर कोई ये पूछे कि 'हाऊ हाई वाज पीयूष गोयल्स जोश?' तो इसका जवाब एकदम साफ है। इसके जवाव में कोई संदेह नहीं हैं।
आनंद महिंद्रा ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'मैं 'चुनाव की आपाधापी' के चलते एक लोकलुभावन, खर्चीले बजट का अनुमान लगा रहा था। आम मीडिल क्लास और किसानों को मिली राहत के लिए मैं आभारी हूं।' उन्होंने कहा कि ये राहत अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाए बिना दी गई है।
Before any discussion on the numbers around the budget, it’s clear that if anyone were to ask ‘How high was Piyush Goyal’s Josh?’ the answer would not be in doubt...— anand mahindra (@anandmahindra) February 1, 2019
I was bracing for a populist,profligate budget driven by ‘election panic.’ I’m just grateful that the reliefs to the key middle class & farmer segments were delivered in a measured way without risking bankruptcy of the economy. This was a controlled, pump-priming exercise...
— anand mahindra (@anandmahindra) February 1, 2019
जापानी एजेंसी नोमुरा: जापानी एजेंसी नोमुरा ने अपने नोट में कहा है, 'वित्त वर्ष 2019 के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य से विचलन और वित्त वर्ष 2020 के लिए राजकोषीय एकीकरण पर रोक नकारात्मक है और वित्त वर्ष 2021 के लिए तीन फीसद घाटे का लक्ष्य अब सवालों के घेरे हैं।'
सिद्धार्थ रॉय कपूर, अध्यक्ष, प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया: 'संसद में बजट पेश करने के समय भारतीय सिनेमा को रोजगार सृजन में योगदान के लिए सराहा जाना वाकई प्रसन्नता की बात है। भारतीय फिल्म निर्माताओं के लिए देश में शूटिंग के लिए इससे काफी मदद मिलेगी। एंटी कैमकॉर्डिंग नियमों में संशोधन भी स्वागत योग्य कदम है, इससे सिनेमाघरों में गैरकानूनी तरीकों से फिल्मों की रिकॉर्डिंग रोकने में मदद मिलेगी और पाइरेसी को खत्म करने की दिशा में इसके दूरगामी परिणाम मिलेंगे।'
शैला शाह, सीनियर इंडिया इकॉनॉमिस्ट, कैपिटल इकॉनॉमिस्ट, सिंगापोरे का कहना है कि बजट लगभग हमारी आशाओं के अनुरूप है। एक चीज ने आश्चर्य पहुंचाया है कि चुनाव से संबंधित लोकलुभावन बातें बढ़-चढ़कर हैं।
नीरू अहूजा, पार्टनर डेलॉयट ने कहा कि हम उम्मीद कर रहे थे कि अगर हम सारी चीजें जोड़ें तो लोगों की सालाना आय 7.5 के आसपास बनती है, जिस पर टैक्स न चुकाना पड़े। यह पूरा बजट नहीं अंतरिम था, इस लिहाज से मैं इसे 10 में से 8/8.5 नंबर देना चाहूंगी।
Neeru Ahuja, Partner, Deloitte: We all were expecting it, If we add up all the things then people with an annual income around Rs 7.5 lakh won’t have to pay tax. It wasn’t the full budget, it was interim budget, so I would give it a 8/8.5 out of 10. pic.twitter.com/qCApHAa8iU— ANI (@ANI) February 1, 2019