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Budget 2019: दूसरे देशों की तरह भारत में भी बढ़ानी होगी रिटायरमेंट की उम्र सीमा

Budget 2019 देश की आबादी में 60 वर्ष से ज्यादा आयुवर्ग का हिस्सा अभी 8.6 फीसद है जो वर्ष 2041 तक बढ़ कर 15.9 फीसद हो जाएगा। ऐसे में भारत को रिटायरमेंट की आयु में बढ़ोतरी करनी होगी।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Fri, 05 Jul 2019 10:29 AM (IST)Updated: Fri, 05 Jul 2019 10:29 AM (IST)
Budget 2019: दूसरे देशों की तरह भारत में भी बढ़ानी होगी रिटायरमेंट की उम्र सीमा
Budget 2019: दूसरे देशों की तरह भारत में भी बढ़ानी होगी रिटायरमेंट की उम्र सीमा

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। भारत की विशालकाय युवा आबादी को अभी तक एक बड़ी शक्ति के तौर पर देखा जा रहा था। लेकिन अब हालात बदलने वाले हैं। देश की आबादी में वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष से ज्यादा आयुवर्ग) का हिस्सा अभी 8.6 फीसद है जो वर्ष 2041 तक बढ़ कर 15.9 फीसद हो जाएगा। जाहिर है कि इसके साथ ही रिटायरमेंट यानी सेवानिवृत्ति की आयु में बढ़ोतरी जैसे उपाय करने पड़ेंगे।

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युवा आबादी का फायदा देश की अर्थव्यवस्था को कितना हुआ, इसका तो कोई अध्ययन नहीं हआ है। लेकिन, नीति नियामकों को बुजुर्ग होती आबादी से निपटने की रणनीति बनाने में अभी से जुट जाना होगा। गुरुवार को संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 के मुताबिक बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश राज्यों में युवाओं की संख्या अच्छी रहेगी। केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु जैसे राज्यों में बुजुर्गों की संख्या तेजी से बढ़ेगी।

सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारत में जिस तरह पुरुषों व महिलाओं की औसत आयु बढ़ रही है, उसे देखते हुए दूसरे देशों की तरह यहां भी सेवानिवृत्ति की आयु सीमा बढ़ानी होगी। यह पेंशन सिस्टम को बनाए रखने और कुल श्रम में महिलाओं की ज्यादा भागीदारी के लिए भी जरूरी होगा। सरकार को इसकी तैयारी अभी से शुरू कर देनी चाहिए, ताकि लोग भी तैयार रहें और अपनी पेंशन योजनाओं को लेकर सोच भी उसी हिसाब से रखें। लेकिन जनसंख्या में इस बदलाव के हिसाब से देश की शिक्षा व स्वास्थ्य नीति में भी बदलाव करना होगा।

आर्थिक सर्वेक्षण में कुछ अध्ययनों के आधार पर कहा गया है कि वर्ष 2001- 11 के दौरान जनसंख्या की विकास दर 1.77 फीसद रही थी, जो वर्ष 2031-41 तक घटकर 0.46 फीसद रह जाएगी। यह जर्मनी जैसे देशों की स्थिति जैसा होगा। इससे देश की कुल आबादी में 19 वर्ष तक के युवाओं की हिस्सेदारी घटेगी और वरिष्ठ नागरिकों की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ेगी।

बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान में युवाओं की हिस्सेदारी कुल जनसंख्या के लिहाज से तो कम होगी। लेकिन केरल, आंध्र प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र सरीखे 11 राज्यों में युवा श्रम की हिस्सेदारी ज्यादा तेजी से घटेगी। ऐसे में देश के भीतर और ज्यादा श्रम पलायन देखना पड़ सकता है। हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि भारत की स्थिति अगले कुछ दशकों तक यूरोपीय देशों जैसी हो जाएगी। काम करने वाले आयुवर्ग (20 से 59 वर्ष) की संख्या कुल आबादी में वर्ष 2011 में 50.5 फीसद थी, जो वर्ष 2041 में 58.9 फीसद होगी।

इतनी बड़ी कामगार आबादी के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना हर सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती होगी। वर्ष 2021-31 के दौरान सरकार को हर वर्ष औसतन 97 लाख रोजगार के नए अवसर सृजित करने होंगे जबकि इसके बाद 2031-41 के दौरान सालाना 42 लाख रोजगार के अवसर पैदा करने होंगे। 

वर्ष 2041 तक आबादी की स्थिति

सालाना जनसंख्या वृद्धि दर 1.77 फीसद से घटकर रह जाएगी 0.46 फीसद कुल आबादी 121 करोड़ से बढ़कर 151 करोड़ हो जाएगी 60 वर्ष से ज्यादा आयु वर्ग की संख्या हो जाएगी 15.9 फीसद 2021-31 के दौरान 97 लाख सालाना तो 2031-41 में 42 लाख सालाना देने होंगे रोजगार। 


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