बजट 2018 के बाद कितनी बदल जाएगी हमारी जिंदगी, पढ़िए सवालों के जवाब
सरल भाषा में समझिए कि आम बजट 2018 का आमपर क्या प्रभाव पड़ेगा
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। बजट एक ऐसी शब्दावली है, जो आसानी से समझ नहीं आती। इसे जितना समझने का प्रयत्न करो, उतनी उलझन होती है। अर्थशास्त्र के विशेषज्ञ डॉ. जयंतीलाल भंडारी से बातचीत में आम भाषा में वे प्रश्न पूछे जो जन-सामान्य के मन में उमड़ते हैं। जो उत्तर मिले, उन्हें भी सरल- सहज भाषा में यहां दिया जा रहा है।
सवाल 1 : क्या इस बजट को मोदी सरकार का अंतिम पूर्ण बजट होने के कारण लोकलुभावन माना जाए?
जवाब : नहीं, इसे लोकलुभावन नहीं माना जा सकता। यद्यपि वित्त मंत्री सभी वर्गों के लिए लाभकारी योजनाओं की सौगात देते नजर आए, लेकिन नया बजट चुनावी वर्ष के लॉलीपॉप देता दिखाई नहीं दे रहा। इसमें भी सरकार देश को आर्थिकसुधारों की डगर पर ले जाती दिखाई दे रही है। इसे लोकलुभावन के बजाय लोक-हितकारी योजनाओं का बजट कहना ज्यादा उपयुक्त होगा।
सवाल 2 : मध्यमवर्ग के लिए क्या है?
जवाब : मध्यम वर्ग को थोड़ी निराशा होगी क्योंकि इस वर्ग के लिए इस बजट में कुछ खास नहीं है। छोटे आयकरदाताओं, नौकरीपेशा लोगों को राहत की जो उम्मीद थी, वो नहीं मिली। प्रत्यक्ष कर (डायरेक्ट टैक्स) के मोर्चे पर जहां आयकर दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया, वहीं चिकित्सा व शिक्षा पर उपकर तीन से बढ़ाकर चार फीसदी कर दिया है। आयकर छूट की अधिकतम सीमा ढाई लाख से बढ़ाकर साढ़े तीन लाख रुपए करने की
उम्मीद थी, लेकिन यह पूरी नहीं हुई।
सवाल 3 : शॉर्ट टर्म के लिए फायदेमंदमानें या देशहित में लांग टर्म के लिए?
जवाब : मध्यम वर्ग को छोड़ सभी के लिए बजट शॉर्ट टर्म में फायदेमंद तो है ही, देशहित में लांग टर्म के लिए भी लाभकारी है। यह उद्योग-कारोबार को प्रोत्साहन देता दिख रहा है। जिन छोटे व मध्यम उद्योगों का टर्नओवर 2016-17 तक 250 करोड़ रुपए तक था, उनका कॉर्पोरेट टैक्स 30 की जगह 25 फीसदी किया गया है। देश के 99 फीसदी उद्योग-कारोबार इस सीमा में आ जाएंगे।
नए बजट में कौशल विकास, मेक इन इंडिया, विमानन क्षेत्र को बढ़ावा देने के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स, चमड़ा, टेक्सटाइल व गारमेंट उद्योग को आगे बढ़ाने के प्रयास दिख रहे हैं। सड़क, रेल, जहाजरानी, आवास परियोजनाओं सहित बुनियादी ढांचा क्षेत्र पर विशेष बल दिया गया है। कुल मिलाकर प्रोत्साहनदायी बजट प्रावधानों से अर्थव्यवस्था विकास की डगर पर आगे बढ़ेगी।
सवाल 4 : मैं किसान हूं। मुझे इस बजट से क्या लाभ या क्या नुकसान होंगे?
जवाब : निश्चित रूप से गांवों में रहने वाले किसानों और संपूर्ण ग्रामीण क्षेत्र को नए बजट से मुस्कराहट मिलेगी। नया बजट कृषि और किसानों को सर्वोच्च प्राथमिकता देता दिख रहा है। केंद्र सरकार ने 2022 तक कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों की आमदनी दोगुनी करने की जो योजना प्रस्तुत की है, उसके लिए फसलों का उत्पादन बढ़ाने, कृषि की लागत कम करने व कृषि से जुड़े बाजारों के सुधार हेतु प्रभावी बजट आवंटन किए गए हैं। फसल की लागत से डेढ़ गुना कीमत उपलब्ध कराने की रणनीति प्रस्तुत की गई है। किसानों को आसान ऋण के लिए 11 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
खेती की सूरत सुधारने के लिए छह आधारों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है। एक, किसानों की आय में बढ़ोतरी हो। दो, कृषि जोखिम में कमी हो। तीन, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार बढ़े। चार, कृषि क्षेत्र का निर्यात बढ़े। पांच, ग्रामीण जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो तथा छह, कृषि का बुनियादी ढांचा विकसित हो।
सवाल 5 : मैं 30 हजार रुपए महीना कमाने वाला वेतनभोगी हूं। यह बजट मुझे किस तरह प्रभावित करेगा ?
जवाब : मासिक आय 30 हजार रुपए यानी 3.60 लाख रुपए वार्षिक है तो आपको कुल मिलाकर 597 रुपए का फायदा होगा।
सवाल 6 : यदि वेतन से आय 50 हजार रुपए महीना है तो क्या प्रभाव होगा?
जवाब : यदि आय 50 हजार रुपए प्रतिमाह यानी 6 लाख रुपए वार्षिक है तो कुल मिलाकर 1195 रुपए का फायदा होगा।
सवाल 7 : इस बजट से आम नागरिक की जिंदगी सरल होगी या जटिल?
जवाब : इस बजट से आम नागरिक की जिंदगी सरल होगी क्योंकि इसमें गरीब, ग्रामीण और आम आदमी पर फोकस किया गया है। शिक्षा, प्रशिक्षण, बुनियादी सुविधाएं, रोजगार, प्रति व्यक्ति आय, रहन-सहन का स्तर, पर्यावरण को लेकर स्थिरता और भविष्य की पीढ़ियों को कर्जसे बचाने के प्रयास किए गए हैं। अर्थात आम आदमी का जीवन स्तर सुधारने, शिक्षा व स्वास्थ्य का स्तर बढ़ाने के विशेष प्रावधान किए गए हैं।
देश में पहली बार राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत 50 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा दी जाएगी तथा चिह्नित अस्पतालों में 5 लाख रुपए तक का मेडिकल खर्च सरकार वहन करेगी। उज्ज्वला योजना का विस्तार 8 करोड़ गैस कनेक्शन तक किया है। हर परिवार को घर देने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना में सब्सिडी बढ़ाई है और रीयल एस्टेट सेक्टर को भी प्रोत्साहन दिया है। कुल मिलाकर यह बजट देश की सेहत के लिए अच्छा है। निश्चित रूप से इससे देश सुधार की दिशा में आगे बढ़ेगा।