Move to Jagran APP

बजट 2018 पर क्या बोले बजट के बाजीगर, यहां पढ़िए

जानिए बजट 2018 पर बजट की टीम का क्या कहना है

By Surbhi JainEdited By: Published: Fri, 02 Feb 2018 01:18 PM (IST)Updated: Sat, 03 Feb 2018 08:01 AM (IST)
बजट 2018 पर क्या बोले बजट के बाजीगर, यहां पढ़िए

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती, रुपये में गिरावट एवं अन्य आर्थिक चुनौतियों के बीच जनता के लिहाज से अच्छा बजट पेश करने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भरोसेमंद विशेषज्ञों का सहारा लिया। उनकी बजट टीम ने आम लोगों का ख्याल रखने के साथ अर्थव्यवस्था की विकास दर को भी ध्यान में रखा है।

loksabha election banner

जानिए किसने क्या कुछ कहा-

अरविंद सुब्रमण्यम, मुख्य आर्थिक सलाहकार

वह इस पद पर 16 अक्टूबर, 2014 से हैं। वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) में रिसर्च डिपार्टमेंट के डायरेक्टर भी रह चुके हैं। पिछले साल इन्होंने गरीबी को समाप्त करने के लिए यूनिवर्सल बेसिक इनकम का सुझाव पेश किया था। वह एक साल के एक्सटेंशन पर हैं। यह उनका अंतिम आर्थिक सर्वे था।

हसमुख अढिया, वित्त सचिव और राजस्व, सचिव

वित्त मंत्रालय के सबसे अनुभवी व्यक्ति हैं। इस बार वह बजट टीम का नेतृत्व कर रहे हैं। वह 1981 के गुजरात कैडर के आइएएस अफसर हैं। देश में हुए सबसे बड़े अप्रत्यक्ष कर सुधार यानी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू कराने में भी इनकी अहम भूमिका रही। सरकार द्वारा कालाधन के खिलाफ चलाए गए अभियानों में भी इनकी मुख्य भूमिका रही।

नीरज कुमार गुप्ता, विनिवेश सचिव

1981 बैच के आइएएस अफसर नीरज की ही रणनीति के जरिये सरकार पहली बार विनिवेश को लक्ष्य से अधिक हासिल कर पाई है। इन्होंने अगले साल के लिए भी कारगर रणनीतियां तय की हैं। संभवत: सरकार भी धन जुटाने के लिए कई बड़े लक्ष्य तय कर सकती है। इस अनळ्भवी व्यक्ति के बूते सरकार विनिवेश लक्ष्य हासिल करेगी।

सुभाष चंद्र गर्ग, सचिव, आर्थिक कार्य विभाग

1983 बैच के आइएएस अफसर सुभाष चंद्र गर्ग आर्थिक कार्य विभाग में सचिव पर नियुक्त होने से पहले विश्व बैंक में कार्यकारी निदेशक थे। विकास को दोबारा पटरी पर लाना, निजी निवेश को बढ़ावा देना और सरकारी नौकरियां पैदा करना, गर्ग के केंद्रित विषय हैं। उन्हें आर्थिक हालात सुधारने के लिए भी कड़े फैसले लेने होते हैं।

अजय नारायण झा, सचिव, व्यय विभाग

1982 बैच के आइएएस अफसर अजय नारायण झा का काम व्यय को नियंत्रित करना है। उन्हें न कहने का हुनर आता है क्योंकि वह इस विभाग में पहले भी रह चुके हैं और इससे पहले वे वित्त आयोग में सचिव भी रहे हैं। सरकार ने चुनाव से इस बजट में सभी को जितना भी दिया, झा की नजरें व्यय पर ही रहीं।

राजीव कुमार, सचिव, वित्तीय सेवा विभाग

नए दिवालिया कानून और जान फूंकने के लिए 2.11 लाख करोड़ रुपये के पैकेज घोषणा के बाद सरकार को इस साल बैंकों के काम करने के तौर-तरीकों और दर्शन पर अधिक ध्यान देना होगा। इसे पूरा करने के साथ 1984 बैच के आइएएस अफसर राजीव कुमार पर इंश्योरेंस और पेंशन क्षेत्र को भी आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.