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कृषि क्षेत्र की स्थिति से लेकर जीडीपी अनुमान तक, पढ़िए आर्थिक सर्वे 2018 की प्रमुख बातें

सोमवार को अरुण जेटली की ओर से पेश किए गए आर्थिक सर्वे 2018 की ये हैं प्रमुख बातें

By Surbhi JainEdited By: Published: Mon, 29 Jan 2018 03:41 PM (IST)Updated: Tue, 30 Jan 2018 10:02 AM (IST)
कृषि क्षेत्र की स्थिति से लेकर जीडीपी अनुमान तक, पढ़िए आर्थिक सर्वे 2018 की प्रमुख बातें
कृषि क्षेत्र की स्थिति से लेकर जीडीपी अनुमान तक, पढ़िए आर्थिक सर्वे 2018 की प्रमुख बातें

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को वित्त वर्ष 2018 का आर्थिक सर्वे पेश कर दिया। इस आर्थिक सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 2019 में जीडीपी ग्रोथ के 7 से 7.5 फीसद रहने की अनुमान लगाया है। वहीं वर्तमान वित्त वर्ष में आर्थिक विकास दर के 6.75 फीसद रहने का अनुमान जताया गया है। यह आर्थिक सर्वे वित्त मंत्रालय के मुख्य सलाहाकार अरविंद सुब्रमण्यम ने तैयार किया है।

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आर्थिक विकास:

• वित्त वर्ष 2017-18 के लिए जीडीपी ग्रोथ 6.75 फीसद रहने का अनुमान

• वित्त वर्ष 2017-18 के लिए इंडस्ट्री ग्रोथ के 4.4 फीसद रहने का अनुमान

• वित्त वर्ष 2018 में कृषि क्षेत्र की विकास दर 2.1 फीसद रहने की संभावना

• आने वाले वर्षों में आर्थिक प्रबंधन चुनौतीपूर्ण हो सकता है

• इस साल निजी निवेश में  सुधार आया है

• चक्रीय स्थितियों के कारण वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान कर संग्रह में कमी देखने को मिल सकती है

राजकोषीय घाटा-

• चुनाव पूर्व के साल में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य विश्वसनीयता के जोखिम को उच्च स्तर पर लेकर जा सकता है।

• वित्त वर्ष 2017-18 में चालू खाता घाटा औसतन 1.5 फीसद से दो फीसद रहने का अनुमान है।

• सरकार की ओर से राजकोषीय समेकन की स्थिति में लाए गए ठहराव को चालू वित्त वर्ष में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।

महंगाई, नीतिगत दरें-

• वर्तमान में क्रूड की बढ़ती कीमतें सरकार की प्रमुख चिंता बनी हुई है। सरकार की प्राथमिकता महंगे क्रूड के असर को आम जनता पर कम करना है। माना जा रहा है कि क्रूड में इस वर्ष 12 फीसद का इजाफा हो सकता है। वर्तमान समय में WTI क्रूड 66.11 डॉलर प्रति बैरल पर और ब्रेंट क्रूड 70.30 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर कारोबार कर रहा है।

• अगर महंगाई मौजूदा नीतिगत दरों के स्तर से परिवर्तित नहीं होती है तो नीतिगत दरें यथावत रह सकती है।

• वर्ष 2017-18 के दौरान उपभोक्ता महंगाई दर 3.33 फीसद और थोक महंगाई दर 2.9 फीसद रहने का अनुमान है। साथ ही थोक महंगाई दर चार वर्ष में सबसे ज्यादा रहने की संभावना है। 


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