Budget Impact: कैशलेस इकोनॉमी और नेशनल पेमेंट गेटवे से MSME को मिलेगा ‘बूस्ट’
Budget Impact इस बजट में खास तौर पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कैशलेस इकोनॉमी और MSME सेक्टर पर फोकस किया है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। मोदी सरकार का यह बजट खास तौर पर न्यू इंडिया के सपनों को साकार करने की शुरुआत वाला बजट हो सकता है। इस बजट में खास तौर पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कैशलेस इकोनॉमी और छोटे और मझोंले उद्यमियों पर फोकस किया है। कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए सीतारमण ने कहा कि 50 करोड़ या उससे ज्यादा के टर्नओवर वाले कारोबारियों अगर लो-कॉस्ट डिजिटल पेमेंड मोड के जरिए अपने ग्राहकों से भुगतान लेते हैं तो कोई भी चार्ज नहीं देना होगा।
ईजी लोन प्रोसेस की वजह से बढ़ेगा रोजगार
MSME के लिए ऑनलाइन पोर्टल बनाने का भी प्रस्ताव रखा है। इसके जरिए रिटर्न फाइल और बिल के भुगतान जैसे काम उद्यमी खुद कर सकेंगे और टेक्स कलेक्शन भी जल्दी हो सकेगा। वहीं, छोटे कारोबारियों को महज 59 मिनट में 1 करोड़ रुपये तक का लोन मिल सकेगा। ऐसा करने से रोजगार बढ़ने की संभावनाएं बन सकती है।
डिजिटल पेमेंट के जरिए MDR में बचत
अपने बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि 50 करोड़ या उससे ज्यादा के टर्नओवर वाले कारोबारियों अगर लो-कॉस्ट डिजिटल पेमेंड मोड के जरिए अपने ग्राहकों से भुगतान लेते हैं तो कोई भी चार्ज नहीं देना होगा। यह चार्ज कारोबारियों के साथ-साथ ग्राहकों पर भी नहीं लगेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और बैंक उन लागतों पर निगरानी रखेंगे जिनके लिए कम कैश का इस्तेमाल किया गया है ताकि लोग ज्यादा से ज्यादा डिजिटल लेन-देन का इस्तेमाल कर सके। MDR यानी की मर्चेन्ट डिस्काउंट रेट एक डिजिटल लेनदेन की सुविधा के लिए लगाया गया शुल्क है और इसे आम तौर पर विभिन्न पार्टियों में वितरित किया जाता है।
नेशनल पेमेंट गेटवे
वित्त मंत्री ने बजट भाषण के दौरान कहा कि MSME सेक्टर के लिए वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 350 करोड़ रुपये आवंटित करने की बात कही है। इसके लिए सभी GST रजिस्टर्ड MSME को 2 फीसद की ब्याज पर लोन देने की बात कही है। MSME के लिए नेशनल पेमेंट गेटवे बनाने की भी बात कही है। नेशनल पेमेंट गेटवे बन जाने से लोन लेना काफी आसान हो जाएगा और रोजगार के अवसर भी बनेंगे।