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Budget 2019: टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कैसे बदलेगा भारत

Budget 2019 के दौरान पीयूष गोयल ने AI, डाटा और वॉयस कॉल समेत लोकल मोबाइल मैन्युफेक्चरिंग के बारे में बताया

By Shilpa Srivastava Edited By: Published: Fri, 01 Feb 2019 06:07 PM (IST)Updated: Fri, 01 Feb 2019 06:07 PM (IST)
Budget 2019: टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कैसे बदलेगा भारत
Budget 2019: टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कैसे बदलेगा भारत

नई दिल्ली (टेक डेस्क)। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने आज अंतरिम बजट 2019 पेश किया। इस बजट में तकनीक और टेलिकॉम सेक्टर को भी सम्मिलित किया गया है। पीयूष गोयल ने AI, डाटा और वॉयस कॉल समेत लोकल मोबाइल मैन्युफेक्चरिंग के बारे में बताया।

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सरकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए एक नेशनल सेंटर शुरू करेगी। इसके साथ ही यह भी बताया कि भारत स्टार्टअप के लिए दूसरे सबसे बड़ा हब बन गया है। यही नहीं, वैश्विक तौर पर भारत में सबसे कम कीमत में डाटा और वॉयस कॉल प्रदान करता है। पिछले 5 वर्षों में भारत में मासिक मोबाइल डाटा यूसेज 50 प्रतिशत बढ़ गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में लोकल मोबाइल मैन्युफेक्चरिंग में नौकरी के मामले में काफी बढ़त देखने को मिली है।

सरकार AI को करेगी मजबूत:

पीयूष गोयल ने कहा कि AI और एडवांस टेक्नोलॉजी के लाभ को प्राप्त करने के लिए सरकार द्वारा AI पर एक नेशनल प्रोग्राम की परिकल्पना की गई है। उन्होंने कहा कि एक नेशनल AI पोर्टल भी जल्द ही डेवलप किया जाएगा।

AI तकनीक अलग-अलग तकनीकों जैसे कार का पावर मैनेजमेंट, मोबाइल डिवाइस, वेदर, वीडियो और इमेज एनालिसिस, के डाटा का विश्लेषण करने में मदद करेगी। इससे उनकी क्षमता में सुधार हो सके। आपको बता दें कि नेशनल सेंटर भारत के लिए कई मायनों में मददगार साबित होगा।

चीन पिछले कुछ वर्षों से AI सेक्टर में काफी निवेश कर रहा है। स्टैंडपोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने 2018 में कहा था कि AI अगले इलेक्ट्रिसिटी होगी। यह आने वाले समय में डेवलपमेंट का ठीक वैसा ही मुख्य स्तम्भ होगा, जैसा कि 20वीं सदी की शुरुआत में विश्व विकास में इलेक्ट्रिसिटी ने प्रमुख भूमिका निभाई थी।

ऐसे में अगर भारत AI पर इसी तरह काम करता रहा तो पावर मैनेजमेंट, मोबाइल डिवाइस, वेदर, वीडियो और इमेज एनालिसिस, के डाटा का विश्लेषण करने में मदद करेगी।

ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बढ़ा रोजगार:

मोबाइल और मोबाइल पार्ट्स की मैन्युफेक्चरिंग कंपनी 2 से बढ़कर 268 हो गई है। इससे देश में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में हजारों नौकरियां पैदा हुई हैं।

हैंडसेट के स्वदेशी उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार के मैन्युफेक्चरिंग प्रोग्राम की मदद से अब फ्लैगशिप स्मार्टफोन्स चीन में असेम्बल ना होकर भारत में असेम्बल हो रहे हैं। वहीं, Vivo के ब्रांड स्ट्रेटेजी के डायरेक्टर के अनुसार, 2015 में उन्होंने अपनी पहली मैन्युफेक्चरिंग फैसिलिटी की शुरुआत की थी। इसमें अब 5000 लोग काम करते हैं और कई लोगों के लिए रोजगार पैदा कर रही है।

मोबाइल डाटा खपत में वृद्धि:

Reliance Jio के 28 करोड़ यूजर्स के कारण डाटा खपत बढ़ी है और डाटा प्लान्स की कीमत बहुत कम हो गई है। Jio के लिए अब औसत डाटा खपत प्रति यूजर अब 10.8GB है। इसी के साथ औसत वॉयस खपत प्रति महीने 794 मिनट प्रति यूजर रिकॉर्ड की गई है।

पीयूष गोयल ने बताया की पिछले 5 वर्षों में भारत में मासिक मोबाइल डाटा यूसेज 50 प्रतिशत बढ़ गया है। ग्लोबल डिजिटल कंटेंट के एक लेटेस्ट सर्वे के अनुसार, भारतीय यूजर्स अब ऑनलाइन वीडियो कंटेंट की खपत ज्यादा कर रहे हैं। यूजर्स एक हफ्ते में कम से कम 8 घंटे 28 मिनट वीडियो खपत कर रहे हैं।


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