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Budget 2020: निर्मला सीतारमण का नॉमिनल GDP Growth लक्ष्य को वास्तविक रखने पर जोर

Budget 2020 बजट बनाने की प्रक्रिया से करीब से जुड़े प्रधानमंत्री कार्यालय ने नॉर्थ ब्लॉक को कर संग्रह और राजकोषीय घाटा से जुड़ा बहुत महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय नहीं करने को कहा है।

By Ankit KumarEdited By: Published: Sun, 19 Jan 2020 01:08 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jan 2020 08:44 AM (IST)
Budget 2020: निर्मला सीतारमण का नॉमिनल GDP Growth लक्ष्य को वास्तविक रखने पर जोर
Budget 2020: निर्मला सीतारमण का नॉमिनल GDP Growth लक्ष्य को वास्तविक रखने पर जोर

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में नॉमिनल GDP Growth का लक्ष्य 9.5-10% के बीच रख सकती हैं। न्यूज एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले से अवगत लोगों का कहना है कि 'आशावादी लक्ष्य' निर्धारित करने के प्रयोग का समय बीत चुका है। रपट के मुताबिक एक सूत्र ने कहा कि इस साल नॉमिनल जीडीपी को लेकर वास्तविक आकलन पेश किया जाएगा। 

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सूत्रों ने जानकारी दी है कि आगामी बजट में राजस्व आकलन और राजकोषीय घाटा से जुड़े लक्ष्य भी बहुत सोच-समझकर पेश किया जाएगा ताकि उसे हासिल करना नामुमिकन ना दिखे। वित्त मंत्री बजट से जुड़े आंकड़ों में पारदर्शिता चाहती हैं। इसके साथ ही वह नहीं चाहती हैं कि कर संग्रह और राजकोषीय घाटा से जुड़ा लक्ष्य जरूरत से ज्यादा महत्वाकांक्षी हो।   

बजट बनाने की प्रक्रिया से करीब से जुड़े प्रधानमंत्री कार्यालय ने नॉर्थ ब्लॉक को कर संग्रह और राजकोषीय घाटा से जुड़ा बहुत महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय नहीं करने को कहा है।  

उल्लेखनीय है कि निवेशकों, बाजार और रेटिंग एजेंसियों के सामने अर्थव्यवस्था की अच्छी तस्वीर पेश करने की कोशिशों के तहत नॉमिनल ग्रोथ के लक्ष्य को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है। Nominal GDP के आधार पर ही आयकर और कॉरपोरेट टैक्स और GST जैसे परोक्ष कर संग्रह के लक्ष्य तय किए जाते हैं।  

इसी प्रकार बजट डॉक्यूमेंट में किसी तरह की 'clerical' चूक ना रह जाए, इसे सुनिश्चित करने के लिए नॉर्थ ब्लॉक और पीएमओ अधिकारी अर्थव्यवस्था से जुड़े आंकड़ों का बहुत सूक्ष्मता से अध्ययन कर रहे हैं। 

सीतारमण एक फरवरी को वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करेंगी। उनका यह बजट ऐसे वक्त में काफी अहम माना जा रहा है जब पहले अनुमानों में चालू वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी के पांच फीसद रहने की संभावना प्रकट गई है। इस आंकड़े का इस्तेमाल अगले साल के बजट के निर्माण में बेहद अहम साबित होता है।


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