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आई-टी कानूनों का दुरुपयोग न करें, पहले से कम हैं टैक्स दरें: सीबीडीटी

बीते सालों के दौरान सरकार ने विभिन्न श्रेणियों की कंपनियों के लिए चरणबद्ध तरीके से कर की दरों में कमी की घोषणा की थी

By Praveen DwivediEdited By: Published: Mon, 05 Feb 2018 05:46 PM (IST)Updated: Mon, 05 Feb 2018 05:46 PM (IST)
आई-टी कानूनों का दुरुपयोग न करें, पहले से कम हैं टैक्स दरें: सीबीडीटी
आई-टी कानूनों का दुरुपयोग न करें, पहले से कम हैं टैक्स दरें: सीबीडीटी

नई दिल्ली (पीटीआई)। सीबीडीटी प्रमुख सुशील चंद्रा ने इंडस्ट्री से अपील की है कि वो करों से बचने के लिए कानूनों के प्रावधानों का दुरुपयोग करें। उन्होंने कहा कि बड़ी कंपनियों के लिए प्रभावी कर दर विभिन्न छूटों के बाद पहले से ही 26 फीसद है।

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उन्होंने कहा कि उद्योगों को करों के भुगतान के मामले में वेतनभोगी वर्ग की तुलना में अधिक जिम्मेदार तरीके से काम करना चाहिए। सीआईआई की बजट बाद हुई बैठक में बोलते हुए चंद्रा ने कहा, “मैं इंडस्ट्री के समक्ष सदन का ध्यान उस बिंदु पर ले जाना चाहता हूं कि उन्हें (इंडस्ट्री को) ज्यादा कर अनुपालित होना चाहिए, स्वत: ही दरें कम हो जाएंगी। हम समाज को कर अनुपालित करने के लिए आपके साथ चलने को तैयार हैं। समाज के वेतनभोगी वर्ग की तुलना में इंडस्ट्री (उद्योगों) को अधिक जिम्मेदारी मिली है।”

साल 2018-19 के आम बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उन बिजनेस (व्यवसायों) के लिए कार्पोरेट टैक्स की दर कम कर 25 फीसद कर दी है जो कि पहले 30 फीसद थी। इसका लाभ उन्हें मिलेगा जिनका टर्नओवर 250 करोड़ तक का है। बीते सालों के दौरान सरकार ने विभिन्न श्रेणियों की कंपनियों के लिए चरणबद्ध तरीके से कर की दरों में कमी की घोषणा की थी और मौजूदा समय में करीब 7000 कंपनियों को 30 फीसद का कर देना पड़ता है।


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