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आर्थिक सर्वे 2018: कृषि क्षेत्र के 2.1 फीसद की दर से बढ़ने का अनुमान, किसान की आमदनी दोगुनी करना बड़ी चुनौती

सोमवार को पेश किये गये आर्थिक सर्वे 2018 में कृषि क्षेत्र के 2.1 फीसद की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया गया है

By Surbhi JainEdited By: Published: Mon, 29 Jan 2018 02:31 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jan 2018 02:40 PM (IST)
आर्थिक सर्वे 2018: कृषि क्षेत्र के 2.1 फीसद की दर से बढ़ने का अनुमान, किसान की आमदनी दोगुनी करना बड़ी चुनौती
आर्थिक सर्वे 2018: कृषि क्षेत्र के 2.1 फीसद की दर से बढ़ने का अनुमान, किसान की आमदनी दोगुनी करना बड़ी चुनौती

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारत का कृषि क्षेत्र वित्त वर्ष 2017-18 में 2.1 फीसद की दर से बढ़ेगा। वहीं, वित्त वर्ष 2018 में सर्विस सेक्टर ग्रोथ के 8.3 फीसद और इंडस्ट्री ग्रोथ के 4.4 फीसद रहने के आसार हैं। यह जानकारी सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की ओर से पेश किये गये इकोनॉमिक सर्वे (आर्थिक सर्वे) 2018 में दी गई  है।

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नौकरी, शिक्षा और एग्रीकल्चर पर फोकस:

आर्थिक सर्वे में सुझाव दिया गया है कि मध्यम अवधि में नौकरी, शिक्षा और कृषि पर खास तौर पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है। मौजूदा समय की चुनौतियों का समाधान करने के लिए यह काफी जरूरी है।

एग्रीकल्चर ग्रोथ 2.1 फीसद रहने का अनुमान:

इस बार के आर्थिक सर्वे में कृषि पर विशेष चैप्टर रखा गया है। इसमें वर्ष 2017-18 में कृषि क्षेत्र की ग्रोथ 2.1 फीसद रहने का अनुमान लगाया गया है। यह वर्ष 2016-17 की ग्रोथ की तुलना में 2.8 फीसद कम है। सर्वे में बताया गया कि‍ इस बार खराब मानसून के कारण फसलों का उत्पादन प्रभावित होगा। किसानों की समृद्धि के लिए डेयरी पर ध्यान दिया जा रहा है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बताया है कि यूरिया का उत्पादन बढ़ने के साथ 100 फीसद नीम कोटेड यूरिया का प्रयोग किया जा रहा है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को सस्ता फसल बीमा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने गरीबों को 1 रुपये प्रति महीने से बीमा योजना उपलब्ध कराई है।

इकोनॉमिक सर्वे में यह संकेत दिये गये हैं कि सरकार की प्राथमिकता वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने की है, जिसके संबंध में बीज से लेकर विपणन तक कई नई पहल लॉन्च की जा चुकी हैं। सर्वे में यह भी बताया गया है कि संस्थागत सूत्रों से मिले क्रेडिट सरकारी पहलों जैसे कि सॉयल हेल्थ कार्ड, इनपुट मैनेजमेंट, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, पीएमएफबीवाई, ई-नाम आदि को बढ़ावा मिलेगा।

कृषि क्षेत्र पर क्या कहना है योगेन्द्र यादव का-

राजनीतिक विश्लेषक और स्वराज इंडिया पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेन्द्र यादव का कहना है कि अगर सरकार कृषि क्षेत्र का समर्थन करने के लिए कोई बड़ा बदलाव नहीं करती तो कृषि आय 20 फीसद से 25 फीसद तक घट सकती है। उन्होंने बताया है कि आर्थिक सर्वे 2018 में पता चलता है कि सरकार कृषि के मोर्चे पर विफल रही है। उनका मानना है कि कृषि में कोई भी बढ़ोतरी नहीं देखने को मिली है। बीते चार वर्षों में असल कृषि सकल घरेलू उत्पादन और कृषि राजस्व स्थिर रहा है।


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