Move to Jagran APP

Budget 2020: क्यूआर कोड रोकेगा GST में धोखाधड़ी, ग्राहकों को नगद भुगतान में मिलेगी छूट

Budget 2020 उपभोक्ता बिल पर क्यू-आर कोड अंकित होगा जो ऑनलाइन बिल जारी करते समय प्रिंट होगा। इससे अंतिम बिक्री यानी उपभोक्ता द्वारा की गई खरीद का पता चलेगा।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Sun, 02 Feb 2020 11:34 AM (IST)Updated: Tue, 04 Feb 2020 08:41 AM (IST)
Budget 2020: क्यूआर कोड रोकेगा GST में धोखाधड़ी, ग्राहकों को नगद भुगतान में मिलेगी छूट

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। 27 हजार रिटर्न, 28000 करोड़ के रिफंड दावा, इन चौंकाने वाले आंकड़ों के कई तार जांच में फर्जीवाड़े से जुड़े तो कान खड़े हुए। जीएसटी की डेटा एनालिटिक्स विंग ने पाया कि इनपुट टैक्स क्रेडिट के दावों में बड़ा फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। अब इसी फर्जीवाड़े पर लगाम लगाने के लिए बजट में बड़ा प्रावधान किया गया है। बाजार में कितना कारोबार हो रहा है, कितनी खरीद हुई, दुकानदार कितनी बिक्री कर रहा है, यह आंकड़ा कंज्यूमर इनवायस के जरिये पता किया जाएगा।

loksabha election banner

इसके लिए उपभोक्ता बिल पर क्यू-आर कोड अंकित होगा, जो ऑनलाइन बिल जारी करते समय प्रिंट होगा। इससे अंतिम बिक्री यानी उपभोक्ता द्वारा की गई खरीद का पता चलेगा। यह आंकड़े जीएसटी की डेटा विंग के पास एकत्र होंगे। ग्राहक भी क्यू-आर कोड बिल मांगे, इसके लिए उन्हें इनसेंटिव दिया जाएगा। क्यू-आर कोड से भुगतान करने वाले ग्राहकों को नगद भुगतान में छूट मिलेगी।

ग्राहक ने क्यू-आर कोड युक्त बिल लिया है, उसके क्यू-आर कोड भुगतान करते ही पता चल जाएगा। रिटर्न दाखिल होने के बाद जीएसटी की डेटा एनालिसिस विंग ने इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) रिफंड के दावों का विश्लेषण किया था। पता चला कि आइटीसी के दावों में बड़ा फर्जीवाड़ा किया गया है। कई फर्जी कंपनियों ने फर्जी बिलिंग कर फर्जी आइटीसी क्लेम किया है। ऐसे करीब 6600 मामले पकडे गए।

सबसे अधिक मामले कोलकाता, फिर दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में हुए। इस फर्जीवाड़े में फर्जी बिल बनाने वाले, डीलर, डिस्ट्रीब्यूटर, फर्जी बिक्री कंपनियां और फर्जी खरीद कंपनियां शामिल थीं। आगे से ऐसा न हो, इसके लिए सरकार आधार सत्यापन के बाद क्यू-आर कोड बिलिंग का कदम उठाने जा रही है।

इसमें बड़ी संख्या में जारी होने वाले ग्राहक बिलों को आधार बनाया जाएगा। बजट में बताया गया कि इस वर्ष 800 करोड़ से अधिक इनवायस जारी हुए। यह संख्या और बढ़ेगी। ऐसे में इनसे मिलने वाला डेटा टैक्स चोरी और फर्जीवाड़ा रोकने का आधार बनेगा। इन इनवायस पर डायनामिक क्यू-आर कोड अंकित होगा। ग्राहक क्यू-आर कोड से ही भुगतान भी करेंगे। ऐसे करने पर उन्हें इंसेटिव भी दिया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.