Budget 2020: टेलिकॉम कंपनियों के 2020-21 राजस्व के दोगुना होने का अनुमान
टेलिकॉम कंपनियों के रेवन्यू के अनुमान को दो गुना बढ़ाकर 2020-21 के लिए 1.33 लाख करोड़ रुपये कर दिया है
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टेलिकॉम कंपनियों के रेवन्यू के अनुमान को दो गुना बढ़ाकर 2020-21 के लिए 1.33 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। AGR से होने वाली आय की वजह से राजस्व अनुमान को बढ़ाया गया है। बजट में यह कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में टेलिकॉम सेक्टर से 1,33,027.2 करोड़ का रेवन्यू कलेक्शन किया है। इससे 2019-20 में 50,519.8 रुपये की बजट राशि के मुकाबले मौजूदा वित्त वर्ष में 58,686.64 करोड़ रुपये की आय होने की उम्मीद है।
टेलिकॉम इंडस्ट्री को अतिरिक्त बकाया में 1.47 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। टेलिकॉम कंपनियों को सरकार को 92,642 करोड़ रुपये अनपेड लाइसेंस फी और 55,.54 करोड़ रुपये का आउटस्टैंडिंग यूसेज चार्ज शुल्क के तौर पर देना है। सरकारी डाटा के मुताबिक, भारती एयरटेल की देनदारियां (Liabilities) लगभग 35,586 करोड़ रुपये हैं जिनमें से 21,682 करोड़ रुपये लाइसेंस शुल्क है। वहीं, अन्य 13,904.01 करोड़ रुपये SUC शुल्क (इसमें Telenor और Tata Teleservices का शुल्क सम्मिलित नहीं है) है।
वोडाफोन-आइडिया की बात करें तो यह 53,038 करोड़ रुपये है जिसमें SUC 24,729 करोड़ रुपये बकाया है। वहीं, 28,309 करोड़ रुपये और लाइसेंस शुल्क है। इसके अलावा BSNL/MTNL और कुछ ऐसी कंपनियां जो बंद हो चुकी हैं, उनकी देनदारियां हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उपरोक्त टेलिकॉम कंपनियों को बकाया राशि देने के लिए 3 महीने की मोहलत दी थी। यह डेडलाइन 23 जनवरी को खत्म हो चुकी है।
हालांकि, दूरसंचार विभाग ने बकाएदारों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने जो अपील की थी उसमें भुगतान समय सीमा में छूट की मांग की गई थी। आपको बता दें कि भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया लिमिटेड, और टाटा टेलीसर्विसेज ने संयुक्त रूप से सुप्रीम कोर्ट में एक संशोधन आवेदन दायर किया है। इसमें बकाया राशि के भुगतान के लिए और समय मांगा गया है।