Budget 2019: निर्मला किसानों पर मेहरबान, बनाएंगी गांव की लाइफ आसान
वित्तमंत्री ने महात्मा गांधी की कही बात से किसानों के लिए बजट में दिए गए प्रस्तावों की शुरुआत करते हुए कहा कि असल भारत गांव में बसता है...
नई दिल्ली, जेएनएन। बजट 2019 से उम्मीद की जा रही थी कि इसमें कृषि पर विशेष फोकस रहेगा और छोटे किसानों को बाजार की सहूलियत देने के लिए बुनियादी सुविधाएं बढ़ाए जाने पर जोर दिया जाएगा, ऐसा देखने को भी मिला है। मोदी सरकार के बजट में कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया है। वित्तमंत्री ने महात्मा गांधी की कही बात से किसानों के लिए बजट में दिए गए प्रस्तावों की शुरुआत करते हुए कहा कि असल भारत गांव में बसता है और गांव और किसान उनकी हर योजना का केंद्र बिंदु होगा।
बजट पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि दस हजार नए किसान उत्पादक संगठन बनाए जाएंगे। भारत अब दाल में आत्म निर्भर हो गया है, इसके लिए देश के सभी किसानों को धन्यवाद देते हैं। हमें किसानों से उम्मीद करते हैं कि ऐसी ही कामयाबी वे हमें तिलहन में भी दिलाएंगे। सरकार कृषि क्षेत्र के बुनियादी ढांचे में जबरदस्त निवेश कर रही है।
वित्त मंत्री ने कहा कि इसके साथ ही 10000 नई किसान उत्पादक कंपनी (एफपीओ) बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। किसानों को ईएनएएम से लाभ उठाने की अनुमति देने के उपाय किए गए हैं। किसानों को व्यापार करने और जीवन जीने में आसानी के लिए उपाय उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि किसानों को उस स्थिति में पहुंचाना है जहां पर जीरो बजट खेती कर सकें। इस तरह की खेती में किसान को बाजार पर निर्भर नहीं होना पड़ाता है और ये काफी सस्ती भी है।
उन्होंने कहा कि किसानों को पहले से ही प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि दोहरी आय हासिल करने में किसानों की मदद की जा सके। एग्री इन्फ्रास्ट्रक्चर में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए 10000 नई एफपीसी के निर्माण का समर्थन किया गया है। राज्यों के साथ मिलकर ईएनएएम को लागू करने की योजना है। जीरो बजट खेती के मॉडल को आगे बढ़ाया जाएगा।
सीतारमण ने कहा हमारा लक्ष्य है कि साल 2024 तक गांव के हर घर तक जल पहुंचा जाए। इसमें हर घर में टंकी से पानी पहुंचाया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह काम जल जीवन मिशन के तहत किया जाएगा। इसमें हर घर तक पीने का पानी पहुंचाने की कोशिश रहेगी।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि आने वाले सालों में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत सरकार का 1.95 करोड़ घर बनाने का लक्ष्य है। लोगों का आवास उपलब्ध कराने में तेजी लाई गई है। पहले आवासों को बनाने में जहां 314 दिन लग रहे थे, अब 114 दिन लगते हैं। उन्होंने उज्ज्वला योजना के तहत गांव में मिले एलपीजी कनेक्शन, बिजली की सुविधा का भी जिक्र किया। वित्त मंत्री ने बताया कि 2022 तक सभी गांव के सभी परिवारों को बिजली और एलपीजी गैस की सुविधा दी जाएगी।