वर्क फ्रॉम होम से होने वाली बचत से बना सकते हैं अच्छे पैसे, जानें किन फंड्स में कर सकते हैं निवेश
इन्वेस्टमेंट एडवाइजर जितेंद्र सोलंकी के मुताबिक इस समय की सेविंग का सबसे उपयुक्त इस्तेमाल इमरजेंसी फंड बनाने के लिए किया जाना चाहिए।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कोरोनावायस संकट की वजह से आईटी, टेलीकॉम, नेटवर्किंग, फाइनेंस और तमाम अन्य सेक्टर्स में काम करने वाले कर्मचारियों को इस साल मार्च से ही वर्क फ्रॉम होम की सहूलियत मिली हुई है। कई कंपनियों ने तो बकायदे अपने कर्मचारियों को आंतरिक ईमेल के जरिए सूचित कर दिया है कि वे 31 दिसंबर, 2020 तक घर से काम कर सकते हैं। वहीं, कुछ कंपनी ने इस पूरे वित्त वर्ष के लिए वर्क फ्रॉम होम (WFH) की व्यवस्था लागू कर दी है। कंपनियों के इस फैसले के बाद बड़े शहरों में किराये के घर में रहने वाले बहुसंख्य लोग अपने पैतृक शहर चले गए हैं। आज के दौर में लगभग हर जगह बिजली और इंटरनेट की व्यवस्था सुदृढ़ हुई है और इस वजह से इन सेक्टर्स में काम करने वाले लोग अपने पैतृक घरों से भी वर्क फ्रॉम होम कर पा रहे हैं।
पुणे की एक कंपनी में टैक्सेसन विभाग के प्रमुख के रूप में काम करने वाली रिचा बताती हैं, ''कोरोनावायरस को देखते हुए कंपनी ने हमें मार्च में ही वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दे दी थी। इसके बाद मैं पुणे के किराये का फ्लैट खाली करके मुंबई अपने माता-पिता के पास चली आई। तबसे मैं यही रहकर काम कर रही हूं। इस तरह मुझे फ्लैट का रेंट नहीं देना पड़ रहा है। साथ ही घर के मेंटेनेंस, ऑफिस आने-जाने में होने वाला खर्च, ऑफिस में लंच या नाश्ते पर होने वाले खर्च की बचत हो रही है। कुल-मिलाकर करीब 20-25 हजार रुपये प्रति महीने की सेविंग आराम से हो जा रही है।''
रिचा अकेली नहीं है, जिन्हें वर्क फ्रॉम होम से पैसे की अतिरिक्त बचत हो रही है। एक नामी आईटी कंपनी में काम करने वाले मुकुंद कुमार आजकल बिहार के सीवान स्थित अपने घर से ऑफिस का काम कर रहे हैं। उन्होंने हमें बताया कि कंपनी ने अगले साल मार्च तक के लिए वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दे दी है। ऐसे में उन्होंने मुंबई के अपने किराये के महंगे फ्लैट को छोड़ दिया है। उन्हें इस नई सुविधा की वजह से हर महीने 30 हजार रुपये से अधिक की बचत हो रही है।
अतिरिक्त सेविंग से कैसे बना सकते हैं पैसे
टैक्स एंड इंवेस्टमेंट एक्सपर्ट और अपना पैसा डॉट कॉम के चीफ एडिटर बलवंत जैन से जब हमने इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, ''आजकल के युवाओं के लिए सेविंग का यह बहुत बढ़िया मौका है। इस समय हो रही सेविंग को बचत खाते में रखने की बजाय लोग अपने वित्तीय लक्ष्य के हिसाब से निवेश कर सकते हैं। मसलन, अगर किसी व्यक्ति को दो-तीन साल में पैसे से जुड़ी कोई जरूरत है तो वह इस बचत की रकम को लिक्विड फंड में डाल सकता है।''
जैन ने साथ ही कहा कि अगर आपको पांच से सात साल के बीच पैसे की जरूरत है तो आप मौजूदा सेविंग को हाइब्रिड फंड में डाल सकते हैं। वहीं, सात साल से ज्यादा का समय आपके पास अगर है तो आप विशुद्ध रूप से इक्विटी वाले फंड में डाल सकते हैं। हालांकि, अगर आप इस समय SIP शुरू करने की सोच रहे हैं तो आपको बार-बार इस बात को ध्यान में रखना होगा कि वर्क फ्रॉम होम खत्म होने के बाद आपका खर्च फिर से बढ़ जाएगा। ऐसे में आप जितनी रकम एफोर्ड कर सकते है, उतनी राशि की ही SIP शुरू कराएं।
इमरजेंसी फंड बनाना है जरूरी
सेबी रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर जितेंद्र सोलंकी के मुताबिक इस समय की सेविंग का सबसे उपयुक्त इस्तेमाल इमरजेंसी फंड बनाने के लिए किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसे शीर्ष प्राथमिकता में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर आपने अब तक इमरजेंसी फंड नहीं बनाया है तो यह सबसे उपयुक्त समय है। हालांकि, अगर आपके पास 6 महीने से अधिक का इमरजेंसी फंड उपलब्ध है तो आप अपनी वित्तीय जरूरतों के हिसाब से इस राशि का इस्तेमाल निवेश विकल्प के रूप में कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ''इस समय हो रही बचत को सेविंग अकाउंट में रखने से बेहतर है कि आप अपनी जरूरत और वित्तीय लक्ष्य के हिसाब से शॉर्ट टर्म डेट फंड, गोल्ड बॉन्ड जैसे फंड्स में निवेश से बेहतर रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।''