आरबीआई से विदाई का साल: पहले रघुराम राजन और फिर पुराने नोट
भारतीय रिजर्व बैंक के लिहाज से अगर साल 2016 का जिक्र करें तो इसे विदाई का साल कहा जा सकता है।
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक के लिहाज से अगर साल 2016 का जिक्र करें तो इसे विदाई का साल कहा जा सकता है। पहले पूर्व गवर्नर रघुराम राजन की सितंबर में विदाई (कार्यकाल खत्म होने के बाद) हुई और उसके बाद नवंबर महीने में पुराने नोटों को (केंद्र सरकार ने बैन कर दिया)। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने बीते 8 नवंबर को नोटबंदी का फैसला लिया था, जिसके बाद 9 नवंबर से ही 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट देशभर में बंद हो गए थे।
सितंबर महीने में आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का कार्यकाल खत्म हुआ और उनकी जगह आरबीआई के पूर्व डिप्टी गवर्नर उर्जित पटेल ने ली। उर्जित पटेल के कार्यकाल में ही 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बैन हो गए और उनकी जगह 500 और गुलाबी कलर वाले 2000 के नए नोट ने ले ली। हालांकि 1000 रुपए के पुराने नोट का रिप्लेसमेंट आना अभी बाकी है।
रघुराम राजन बनाम उर्जित पटेल:
अगर रघुराम राजन और उर्जित पटेल में तुलना की जाए तो दोनों के बीच एक बुनियादी अंतर रहा। राजन का तीन साल का कार्यकाल इसी साल सितंबर में खत्म हुआ। राजन अपने कार्यकाल के दौरान कई बार विवादों में घिरे। राजनीतिक, सामाजिक, शैक्षणिक और अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दों पर अपनी बेबाक प्रतिक्रियाओं के कारण वो अक्सर चर्चाओं में रहे। वहीं इसके उलट उर्जित पटेल को बमुश्किल ही आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा वो अधिकांशत: शान्त ही रहे। अपने पहले इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया था कि नोटबंदी वन्स इन ए लाइफ टाइम इवेंट है और उन्होंने उन आम लोगों के दर्द को कम करने के लिए हर जरूरी कदम उठाए हैं, जो कि इमानदार हैं और उन्हें इससे तकलीफ हुई है।