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Year Ender 2020: सस्ते कर्ज और सरकार की नीति से रियल एस्टेट सेक्टर की नैया लगेगी पार, 2021 में मजबूत वृद्धि की उम्मीद

2020 में कोरोना महामारी ने पहले से ही चुनौतियों का सामना कर रहे रियल एस्टेट सेक्टर की स्थिति को और भी बिगाड़ दिया था। तकरीबन दो दशक से उफान मारता भारतीय रियल एस्टेट उद्योग 2016 की नोटबंदी के बाद से ही संघर्ष कर रहा है।

By Ankit KumarEdited By: Published: Wed, 30 Dec 2020 07:54 AM (IST)Updated: Wed, 30 Dec 2020 02:38 PM (IST)
Year Ender 2020: सस्ते कर्ज और सरकार की नीति से रियल एस्टेट सेक्टर की नैया लगेगी पार, 2021 में मजबूत वृद्धि की उम्मीद
रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़ी सारी मंजूरियों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम की मांग की गई है। (PC: ANI)

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। 2020 में कोरोना महामारी ने पहले से ही चुनौतियों का सामना कर रहे रियल एस्टेट सेक्टर की स्थिति को और भी बिगाड़ दिया था। तकरीबन दो दशक से उफान मारता भारतीय रियल एस्टेट उद्योग 2016 की नोटबंदी के बाद से ही संघर्ष कर रहा है और कोरोना काल ने इसके संघर्ष को और बढ़ा दिया। हालांकि उद्योग के जानकार बता रहे हैं कि भारत जैसे विकासशील देश में रियल एस्टेट सेक्टर को बहुत ज्यादा समय तक बढ़ने से नहीं रोका जा सकता है। 2021 में इस उद्योग में फिर जबरदस्त मांग की उम्मीद है। पहले से ही होम लोन की दरें पिछले दो दशकों के न्यूनतम स्तर पर हैं। दूसरी तरफ सरकार की तरफ से भी आम बजट के जरिये इस उद्योग को नए प्रोत्साहन मिलने के आसार हैं।

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नाइट फ्रैंक इंडिया के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने 2020 के अनुभव और 2021 की उम्मीदों पर कहा, 'तीन-चार वर्षो की मंदी के बाद हमें 2020 से काफी उम्मीदें थी, लेकिन कोरोना ने पानी फेर दिया। इस साल की दूसरी छमाही में हमारे उद्योग में कुछ भरोसा लौटा है। नए ग्राहक भी बन रहे हैं। सरकार का हस्तक्षेप भी काफी मदद कर रहा है। हम उम्मीद करते हैं कि 2021 कई तरह से रियल एस्टेट सेक्टर को मजबूत करने वाला होगा।'

नरेडको महाराष्ट्र की सीनियर वाइस प्रेसिडेंट मंजू याग्निक इसी बात को आगे बढ़ाते हुए कहती हैं कि पिछली दो तिमाहियों में ब्याज दरों के कम होने, आसानी से कर्ज मिलने से कई शहरों में देखा गया है कि जो लोग घर खरीदने की योजना बना रहे थे, अब अपनी योजना पर अमल करने लगे हैं। सरकार की तरफ से अगर स्टांप शुल्क में कटौती का कदम उठाया जाए व जीएसटी को तर्कसंगत बना दिया जाए तो इसका बड़ा फायदा होगा।

पिछले दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बजट पूर्व बैठक में उद्योग जगत की तरफ से जो मांगें सौंपी गई हैं, उनमें रियल एस्टेट में मांग को बढ़ावा देने पर सभी ने जोर दिया है। इसके पीछे वजह यह है कि यह उद्योग अपने साथ छोटे बड़े 200 उद्योगों में मांग बढ़ाता है। यह सीमेंट व इस्पात से लेकर ताला उद्योग व हार्डवेयर बनाने वाली कंपनियों के लिए भी नई मांग लाता है। इसमें बड़ी संख्या में कम पढ़े लिखे या अनपढ़ लोगों को रोजगार का अवसर मिलता है। कोरोना के कारण गांव लौटे लोगों को फिर से शहरों में बुलाकर रोजगार देने में इस उद्योग की सबसे बड़ी भूमिका होगी।

सिंगल विंडो सिस्टम और प्रोत्साहन की मांग

सरकार के समक्ष एक अहम सिफारिश यह की गई है कि इस उद्योग से जुड़ी सारी मंजूरियों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम हो। साथ ही सरकार को बड़े-बड़े बिल्डर्स की बिना बिकी परियोजनाओं की नैया पार लगाने के लिए भी कुछ प्रोत्साहन देना होगा। जेएलएल रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई से सितंबर, 2020 के दौरान आवासीय इकाइयों की बिक्री में 36 फीसद का इजाफा होने के बावजूद तकरीबन 7.50 लाख आवासीय इकाइयां तैयार होने के बावजूद नहीं बिक पा रही हैं।

घर खरीदने का बेहतर माहौल

रहेजा रियल्टी के निदेशक राम रहेजा बताते हैं कि अक्टूबर-नवंबर, 2020 में मुंबई में सबसे ज्यादा आवासीय इकाइयों की बिक्री हुई है। यानी लोग मकान खरीदने के इच्छुक हैं। उन्हें अपनी जेब के मुताबिक व अच्छी क्वालिटी का मकान चाहिए। 2021 में इन दोनों का संयोग बन रहा है। होम लोन 6.7 फीसद की निचली दर पर उपलब्ध है, जबकि कई कंपनियों ने ज्यादा प्रीमियम परियोजनाएं भी लांच करनी शुरू कर दी हैं।


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