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Women Employment News: महिलाओं की बेरोजगारी दर घटी, इस वजह से आई कमी

श्रम मंत्रालय की ओर से बयान में कहा गया महिलाओं के लिए बेरोजगारी दर वर्ष 2018-19 में 5.1 फीसद के मुकाबले घटकर 2019-21 में 4.2 पर आ गई है। बयान के मुताबिक श्रम बल में महिलाओं की भागीदारी में सुधार के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं।

By NiteshEdited By: Published: Wed, 28 Jul 2021 12:31 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jul 2021 12:31 PM (IST)
Women Employment News: महिलाओं की बेरोजगारी दर घटी, इस वजह से आई कमी
Women unemployment rate falls to 4 2 percent in 2019 20 from 5 1 percent in 2018 19

नई दिल्ली, पीटीआइ। महिलाओं के लिए बेरोजगारी दर में कमी आई है, यह 2019-20 में घटकर 4.2 फीसद रह गई, जो 2018-19 में 5.1 फीसद थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के आवधिक श्रमबल सर्वे (PLFS) से यह जानकारी सामने आई है। इस सर्वेक्षण के निष्कर्षों के बारे में जानकारी श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी। बता दें कि NSO सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के तहत आता है।

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श्रम मंत्रालय की ओर से बयान में कहा गया, 'महिलाओं के लिए बेरोजगारी दर वर्ष 2018-19 में 5.1 फीसद के मुकाबले घटकर 2019-21 में 4.2 पर आ गई है।' बयान के मुताबिक, श्रम बल में महिलाओं की भागीदारी में सुधार के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं।

2019-20 के लिए PLFS के आंकड़ों के मुताबिक, मनरेगा के तहत 2020-21 में सृजित कुल रोजगार में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़कर लगभग 207 करोड़ कार्यदिवस हो गई। महिलाओं के लिए श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) 2018-19 के 24.5 फीसद की तुलना में बढ़कर 2019-20 में 30 फीसद हो गई है।

महिलाओं के रोजगार को प्रोत्साहित करने के लिए महिला श्रमिकों के लिए अनुकूल कार्य वातावरण बनाने के लिए कई सुरक्षात्मक कदम उठाए गए हैं। मातृत्व अवकाश को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह और 50 या अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों में अनिवार्य क्रेश या पालना घर सुविधा का ख्याल रखा गया है। प्रावधान में सुरक्षा उपायों के साथ रात की पाली में महिला कर्मचारियों को अनुमति देना शामिल हैं।

सरकार ने उपरोक्त खदानों में महिलाओं के रोजगार की अनुमति देने का निर्णय लिया है, जिसमें शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे के बीच और जमीन के नीचे काम करने वाले तकनीकी, पर्यवेक्षी और प्रबंधकीय कार्यों में सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे के बीच काम करना शामिल है। इसके अलावा, महिला श्रमिकों की रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए, सरकार उन्हें महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों, राष्ट्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थानों और क्षेत्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थानों के नेटवर्क के माध्यम से प्रशिक्षण दे रही है।.


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