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मानसून की दस्तक के साथ जुलाई में घटी पेट्रोल-डीजल की मांग, ATF की डिमांड में आया उछाल

Monsoon के दस्‍तक देने के साथ ही 1 से 15 जुलाई के दौरान पेट्रोल और डीजल की मांग में कमी देखने को मिली है। हालांकि 1 से 15 जुलाई के दौरान एटीएफ की मांग सालाना आधार पर 77.2 प्रतिशत बढ़ी है

By Manish MishraEdited By: Mon, 18 Jul 2022 08:25 AM (IST)
मानसून की दस्तक के साथ जुलाई में घटी पेट्रोल-डीजल की मांग, ATF की डिमांड में आया उछाल
Demand for petrol and diesel decreased in July, there was a spurt in the demand of ATF (PC: pexels.com)

नई दिल्ली, एजेंसी। मानसून की दस्तक के साथ जुलाई के पहले पखवाड़े में देश में पेट्रोल और डीजल की मांग (Petrol-Diesel Demand) में गिरावट आई है। कुछ क्षेत्रों में जहां ईधन का उपभोग घटा है वहीं आवाजाही घटने से भी इसकी मांग नीचे आई है। सबसे ज्यादा इस्तेमाल वाले ईंधन डीजल की खपत एक से 15 जुलाई के दौरान 13.7 प्रतिशत घटकर 31.6 लाख टन रह गई, जो पिछले महीने की समान अवधि में 36.7 लाख टन थी। देश में डीजल की मांग मानसून पर काफी कुछ निर्भर करती है। आमतौर पर अप्रैल-जून की तुलना में जुलाई-सितंबर की तिमाही में डीजल की मांग कम रहती है। बाढ़ की वजह से जहां आवाजाही कम होती है वहीं बारिश के चलते कृषि क्षेत्र में भी डीजल का इस्तेमाल कम हो जाता है। कृषि क्षेत्र में सिंचाई के लिए पंप चलाने को डीजल का इस्तेमाल होता है, लेकिन मानसून के समय इसकी जरूरत नहीं होती।

हालांकि, सालाना आधार पर डीजल की मांग 27 प्रतिशत बढ़ी है। पिछले साल की समान अवधि में महामारी की दूसरी लहर के कारण डीजल की मांग काफी घट गई थी। एक से 15 जुलाई, 2020 की तुलना में डीजल की मांग 43.6 प्रतिशत बढ़ी है। उस समय यह 22 लाख टन रही थी। वहीं यह कोरोना पूर्व यानी जुलाई, 2019 की तुलना में 13.7 प्रतिशत अधिक रही है। जुलाई के पहले पखवाड़े में पेट्रोल की मांग 7.8 प्रतिशत घटकर 12.7 लाख टन रह गई, जो पिछले माह की समान अवधि में 13.8 लाख टन थी। यह आंकड़ा जुलाई, 2021 से 23.3 प्रतिशत और जुलाई, 2020 के पहले पखवाड़े से 46 प्रतिशत ज्यादा है। यह जुलाई, 2019 यानी कोरोना पूर्व की समान अवधि से 27.9 प्रतिशत अधिक है।

जून में वाहन ईधन की मांग बढ़ने की मुख्य वजह गर्मियों की छुट्टियों के बीच लोगों की ठंडे स्थानों की यात्रा थी। विमानन क्षेत्र के फिर से खुलने के बाद घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की संख्या बढ़ी है। इस वजह से विमान ईंधन (एटीएफ) की मांग भी बढ़ी है। 1 से 15 जुलाई के दौरान एटीएफ की मांग सालाना आधार पर 77.2 प्रतिशत बढ़कर 2,47,800 टन पर पहुंच गई। यह जुलाई, 2020 की समान अवधि से 125.9 प्रतिशत अधिक है। हालांकि, यह कोरोना पूर्व यानी जुलाई, 2019 की समान अवधि से 17.7 प्रतिशत कम है। पिछले महीने की समान अवधि की तुलना में एटीएफ की मांग 6.7 प्रतिशत घटी है।