Move to Jagran APP

विप्रो के शुद्ध लाभ में इजाफा

मुंबई। देश की तीसरी सबसे बड़ी आइटी कंपनी विप्रो लिमिटेड ने भी शुक्रवार को बीते वित्त वर्ष 2012-13 की चौथी तिमाही के वित्तीय नतीजे घोषित कर दिए।

By Edited By: Published: Fri, 19 Apr 2013 10:08 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)

मुंबई। देश की तीसरी सबसे बड़ी आइटी कंपनी विप्रो लिमिटेड ने भी शुक्रवार को बीते वित्त वर्ष 2012-13 की चौथी तिमाही के वित्तीय नतीजे घोषित कर दिए।

loksabha election banner

कंपनी का जनवरी-मार्च तिमाही में शुद्ध लाभ 16.73 फीसद बढ़कर 1,728.70 करोड़ रुपये हो गया। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी का मुनाफा 1,480.90 करोड़ रुपये रहा था। नतीजों की घोषणा करते हुए विप्रो के सीएफओ सुरेश सेनापति ने बताया कि रुपये की कीमत में उतार-चढ़ाव से कंपनी के प्रदर्शन पर प्रभाव पड़ा। इसके बावजूद कंपनी बेहतर प्रदर्शन बरकरार रखने में सफल रही।

आइटी कंपनी की कुल आय पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 13 फीसद बढ़कर 9,613.1 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। वित्त वर्ष 2011-12 की इसी तिमाही में कुल आय का आंकड़ा 8,506.1 करोड़ रुपये था। सेनापति ने बताया कि 31 मार्च को खत्म हुए पूरे वित्त वर्ष में कंपनी का शुद्ध लाभ 19.07 फीसद बढ़कर 6,635.9 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। यह इससे पिछले वित्त वर्ष में 5,573 करोड़ रुपये था। कंपनी ने बीते वित्त वर्ष में 37,685.1 करोड़ रुपये का राजस्व कमाया। यह इससे पूर्व वर्ष के 32,205.5 करोड़ रुपये के मुकाबले 17 फीसद ज्यादा है।

नवंबर में कंपनी ने कारोबार पुनर्गठन योजना के तहत आइटी सेवा और उत्पाद व्यापार को विप्रो लिमिटेड के तहत रखकर बाकी सभी व्यापारों को अलग कर दिया था। उपभोक्ता उत्पाद, लाइटिंग उपकरण, इंफ्रास्ट्रक्चर इंजीनियरिंग और मेडिकल क्षेत्र से संबंधित कारोबार अब विप्रो एंटरप्राइजेज के तहत आते हैं। वैसे, विप्रो समूह का कुल राजस्व जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान 11.72 फीसद बढ़कर 11,026.4 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। सेनापति ने कहा कि पुनर्गठन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। विप्रो लिमिटेड आइटी कंपनी के तौर पर अपने काम पर ज्यादा ध्यान दे सकेगी। उन्होंने आने वाली तिमाहियों में राजस्व में इजाफा होने की पूरी उम्मीद जताई। विप्रो लिमिटेड ने जनवरी-मार्च में 2,907 नए कर्मचारी और 53 उपभोक्ता अपने साथ जोड़े। कंपनी के कुल कर्मचारियों की संख्या अब 1,45,812 हो चुकी है।

चौथाई दौलत दान कर चुका हूं : प्रेमजी

बेंगलूर : विप्रो के चेयरमैन अजीम प्रेमजी को उनकी उदारता के लिए जाना जाता है। शुक्रवार को तिमाही नतीजों की घोषणा करते हुए प्रेमजी ने कहा, मैं अपनी 25 फीसद दौलत पहले ही दान कर चुका हूं। वैसे, उन्होंने स्वीकारा कि उदारता के कामों में पैसे का सही इस्तेमाल बहुत मुश्किल है। हम कोशिश कर रहे हैं कि पैसे का सही जगह इस्तेमाल हो। इस काम में हम सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर काम नहीं कर सकते।

माइक्रोसॉफ्ट के सह संस्थापक बिल गेट्स और अरबपति अमेरिकी निवेशक वॉरेन बफे के गिविंग प्लेज समूह में शामिल होने वाले प्रेमजी पहले भारतीय हैं। गेट्स और बफे दौलतमंदों को अपनी आधी संपत्ति परोपकार के कामों में देने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। उन्होंने कहा, हर देश के लिए अलग नियम हैं। मैं अपनी 50 फीसद दौलत दान करूंगा या नहीं, यह मेरी च्च्छा पर निर्भर है। क्लब की सोच यह है कि हम जो काम कर रहे हैं, वह सरकारी योजनाओं से अलग होना चाहिए। प्रेमजी ने 2010 में अपनी निजी संपत्ति से 8.7 फीसद अजीम प्रेमजी फाउंडेशन को दान कर दी थी। इस साल फरवरी में इस फाउंडेशन को उन्होंने 12,300 करोड़ रुपये के शेयर दिए थे।

विप्रो एंटरप्राइजेज की लिस्टिंग नहीं :

प्रेमजी ने कहा है कि कंपनी के गैर आइटी कारोबार से जुड़ी विप्रो एंटरप्राइजेज को शेयर बाजार में लिस्ट कराने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। दोनों व्यापारों को अलग करने का काम 31 मार्च, 2013 को पूरा हो गया है। अगर इसकी लिस्टिंग करानी होती तो पुनर्गठन के समय ही हो जाता। अजीम खुद विप्रो एंटरप्राइजेज के गैर कार्यकारी चेयरमैन के तौर पर काम करते रहेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.