महंगाई के मोर्चे पर बढ़ी मुसीबत, जनवरी में थोक महंगाई दर बढ़कर हुई 3.1 फीसद
महंगाई ही नहीं बल्कि औद्योगिक उत्पादन के मोर्चे पर भी सरकार को झटका लगा है। बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार देश के दिसंबर 2019 में औद्योगिक उत्पादन में 0.3 फीसद की गिरावट आई है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। थोक महंगाई दर में जनवरी महीने में तेजी दर्ज की गई है। जनवरी में थोक महंगाई दर बढ़कर 3.1 फीसद पर पहुंच गई है, जो दिसंबर महीने में 2.59 फीसद थी। इससे महंगाई के मोर्चे पर एक बड़ा झटका लगा है। थोक महंगाई का एक साल पहले का आंकड़ा देखें, तो जनवरी 2019 में यह 2.76 फीसद पर थी। आंकड़ों के अनुसार, बीते महीने मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की महंगाई में तेजी दर्ज की गई है। वहीं, थोक खाद्य महंगाई दर कम रही है। इससे पहले साल 2019 के अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर महीने में भी थोक महंगाई में बढ़ोत्तरी हुई थी।
Govt of India: The annual rate of inflation, based on monthly Wholesale Price Index, stood at 3.1% (provisional) for the month of January 2020 (over January 2019) as compared to 2.59% (provisional) for the previous month & 2.76% during the corresponding month of the previous year pic.twitter.com/4atWmwtXhY
— ANI (@ANI) February 14, 2020
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस दौरान गैर-खाद्य उत्पादों की कीमतों में तेजी दिसंबर के 2.32 फीसद से करीब तीन गुना बढ़कर 7.8 फीसद हो गई है। खाद्य वस्तुओं में सब्जियों के भाव में काफी तेजी देखी गई है। सब्जियों की कीमतों में 52.72 फीसद की तेजी देखी गई है। सब्जियों में भी सबसे ज्यादा प्याज का भाव बढ़ा है। आंकडों के अनुसार, इस दौरान प्याज के भाव में 293 फीसद की तेजी आई है। प्याज के बाद आलू के भाव में 37.34 फीसद की बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है।
गौरतलब है कि खुदरा महंगाई दर भी इस समय छह साल के उच्चतम स्तर पर है। खुदरा महंगाई के आंकड़े बुधवार को जारी हुए थे। खाद्य पदार्थों जैसे- सब्जियों, अंडों, मछली आदी और ईंधन की कीमतों के बढ़ने के चलते खुदरा महंगाई दर में बढ़ोत्तरी हुई है। यह जनवरी में बढ़कर 7.59 फीसदी हो गई, जो कि करीब छह साल का उच्चतम स्तर है।
महंगाई ही नहीं बल्कि औद्योगिक उत्पादन के मोर्चे पर भी सरकार को झटका लग चुका है। बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2019 में देश के औद्योगिक उत्पादन में 0.3 फीसद की गिरावट आई है। औद्योगिक उत्पादन में यह गिरावट मूल रूप से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में सुस्ती के चलते आई है। एक साल पहले के आंकड़ों को देंखें, तो दिसंबर 2018 में औद्योगिक उत्पादन में 2.5 फीसद की तेजी देखी गई थी। वहीं, नवंबर 2019 में औद्योगिक उत्पादन में 1.82 फीसद का उछाल दर्ज किया गया था।