बीस दिनों में ही गेहूं खरीद डेढ़ करोड़ टन के पार
खरीद सीजन के पहले तीन सप्ताह में ही गेहूं की खरीद डेढ़ करोड़ टन के पार पहुंच गई है।
सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। गेहूं की सरकारी खरीद की रफ्तार बहुत तेज हो गई। खरीद सीजन के पहले तीन सप्ताह में ही गेहूं की खरीद डेढ़ करोड़ टन के पार पहुंच गई है। यह मात्र सीजन के लिए निर्धारित लक्ष्य की आधी है। पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान में खरीद चरम पर है जबकि उत्तर प्रदेश में गेहूं खरीद तीन गुनी हो चुकी है। बंपर पैदावार के चलते चालू रबी खरीद सीजन में 3.30 करोड़ टन के निर्धारित लक्ष्य को पार कर सकता है।
भारतीय खाद्य निगम के लिए सेंट्रल पूल में खरीदे जाने वाले अतिरिक्त गेहूं के भंडारण की समस्या खड़ी हो सकती है। एक अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद चालू होने के बाद से 20 अप्रैल तक कुल खरीद 1.65 करोड़ टन से अधिक हो गई है, जबकि सरकारी खरीद का लक्ष्य 3.30 करोड़ टन है। मात्र तीन सप्ताह के भीतर हुई यह खरीद पिछले साल से अधिक है। पिछले साल की इसी अवधि तक 1.45 करोड़ टन की खरीद हुई थी जो चालू साल के मुकाबले 20 लाख टन कम थी।
केंद्रीय खाद्य मंत्रालय की ओर से जारी दैनिक बुलेटिन के मुताबिक उत्तर प्रदेश ने गेहूं खरीद में जबर्दस्त प्रगति की है। यहां फसल की कटाई दूसरे गेहूं उत्पादक राज्यों के मुकाबले थोड़ी देर से शुरू होती है। राज्य में नई सरकार ने गठन होने के बाद गेहूं की सरकारी खरीद का लक्ष्य 80 लाख टन कर दिया है, पूर्व निर्धारित लक्ष्य 30 लाख टन से बहुत अधिक है। जबकि पिछले साल पूरे खरीद सीजन में केवल आठ लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी।
उत्तर प्रदेश में गेहूं की सरकारी खरीद होने के चलते सीमा वाले राज्य हरियाणा की मंडियों में वहां से गेहूं की आवक नहीं हो रही है। चालू खरीद सीजन में उत्तर प्रदेश में अब तक सवा तीन लाख टन की खरीद हुई है, जबकि पिछले साल इसी अवधि तक यह खरीद केवल एक लाख टन थी। 65 लाख टन गेहूं की खरीद कर पंजाब सरकारी खरीद में सबसे आगे है, जबकि हरियाणा में 57 लाख टन गेहूं खरीद लिया गया है।
मध्य प्रदेश में अब तक 36 लाख टन गेहूं खरीदा जा चुका है। राजस्थान में भी पौने चार लाख टन की खरीद हो चुकी है। मध्य प्रदेश में पिछले साल मात्र 40 लाख टन गेहूं खरीदा गया था जबकि चालू सीजन में 85 लाख टन खरीद का लक्ष्य तय किया गया है।