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WhatsApp वित्तीय उत्पादों तक लोगों की पहुंच बढ़ाने को कर रही काम, इन सेक्टर्स पर है विशेष जोर

WhatsApp ने अपनी पेमेंट सर्विस WhatsApp Pay का परीक्षण भारत में 2018 में शुरु किया था। यह UPI आधारित सर्विस यूजर्स को रुपये भेजने और प्राप्त करने की सुविधा देती है। (PC Pixabay)

By Ankit KumarEdited By: Published: Wed, 22 Jul 2020 08:40 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jul 2020 07:33 AM (IST)
WhatsApp वित्तीय उत्पादों तक लोगों की पहुंच बढ़ाने को कर रही काम, इन सेक्टर्स पर है विशेष जोर
WhatsApp वित्तीय उत्पादों तक लोगों की पहुंच बढ़ाने को कर रही काम, इन सेक्टर्स पर है विशेष जोर

नई दिल्ली, पीटीआइ। WhatsApp भारत में इंश्योरेंस, माइक्रोक्रेडिट और पेंशन जैसे प्रोडक्ट्स तक लोगों की पहुंच को आसान बनाने के लिए बैंक और वित्तीय संस्थाओं जैसे साझीदारों के साथ मिलकर काम करेगी। WhatsApp के भारतीय कारोबार के प्रमुख अभिजीत बोस ने बुधवार को यह बात कही। बोस ने ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में कहा कि कंपनी वित्तीय प्रोडक्ट्स के वितरण से जुड़ी समस्याओं के संभावित समाधान के लिए विभिन्न पायलट प्रोजेक्ट्स को सपोर्ट करेगी। बोस ने कहा कि WhatsApp पिछले एक साल से भी अधिक समय से अपने बैंकिंग पार्टनर्स के साथ इस विषय को लेकर काम कर रही है कि वह किस प्रकार बैंकों की डिजिटल उपस्थिति में सहायक सिद्ध हो सकती है।   

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बोस ने कहा, ''आने वाले वर्षों में बैंकिंग सेवाओं को सरल बनाने और उनके विस्तार (खासकर ग्रामीण और कम आय वाली श्रेणियों में) के लिए हम अधिक बैंकों के साथ ऐसा करना चाहते हैं...हम आरबीआई द्वारा रेखांकित बुनियादी वित्तीय सेवाओं जैसे अन्य उत्पादों के लिए अपने प्रयोगों का विस्तार करना चाहते हैं। इसकी शुरुआत माइक्रो पेंशन और इंश्योरेंस से करना चाहते हैं।'' 

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बोस ने कहा कि अगले दो-तीन वर्ष के दौरान हम असंगठित क्षेत्र के कम वेतन वाले श्रमिकों तक इंश्योरेंस, माइक्रोक्रेडिट और पेंशन जैसे तीन प्रोडक्ट्स की पहुंच सुनिश्चित करने में मदद करना चाहते हैं। 

WhatsApp ने अपनी पेमेंट सर्विस WhatsApp Pay का परीक्षण भारत में 2018 में शुरु किया था। यह UPI आधारित सर्विस यूजर्स को रुपये भेजने और प्राप्त करने की सुविधा देता है। इसका मुकाबला भारत में सॉफ्टबैंक समर्थित पेटीएम, फ्लिपकार्ट के फोनपे और गूगल पे से है। नियामकीय दिक्कतों के कारण कंपनी भारत में इस सर्विस को पूर्ण रूप से लागू नहीं कर सकी है।

बोस ने कहा कि फिनटेक से जुड़े नवाचार में भारत, अमेरिका सहित कई अन्य देशों से काफी आगे है।


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