इस साल लोग खरीदेंगे ज्यादा सोना, तमाम दिक्कतों के बाद भी बढ़ेगी मांग: WGC
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल का मानना है कि 2017 में सोने की घरेलू खपत 650 से 750 टन तक रह सकती है
नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। बीते साल नोटबंदी और आयात को लेकर सरकार की सख्ती के बाद नियंत्रित हुई सोने की खपत में इस साल कुछ वृद्धि की उम्मीद है। हालांकि इस साल भी इसमें तेज वृद्धि की गुंजाइश कम है लेकिन वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल का मानना है कि 2017 में सोने की घरेलू खपत 650 से 750 टन तक रह सकती है।
काउंसिल के मुताबिक बीते वर्ष की पहली छमाही में सोने के आभूषणों पर एक फीसद उत्पाद शुल्क लगाने के विरोध में वैलर्स 42 दिन तक हड़ताल पर रहे। इसके बाद आयकर विभाग की इनकम डिस्क्लोजर स्कीम ने काले धन के इस्तेमाल को सीमित कर दिया। इससे भी सोने के आभूषणों की खरीदारी प्रभावित हुई। साल की आखिरी तिमाही में नोटबंदी से भी सोने के आभूषणों की खरीदारी की रफ्तार धीमी हुई। इसके चलते पूरे साल में सोने की खपत साढ़े छह सौ टन से कुछ कम रही। सोने की खपत की यह स्थिति लगभग वही है जो वित्तीय संकट के बाद 2009 में आर्थिक मंदी के बाद बनी थी।
लेकिन चुनौती भरे साल 2016 के बाद अब सोने की खपत को देखते हुए सबकी निगाहें 2017 पर टिकी हैं। सरकार की तरफ से नकदी के इस्तेमाल को लेकर कुछ नए प्रतिबंध भी सामने आए हैं। तीन लाख रुपये से अधिक के नकद लेनदेन पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा जीएसटी लागू होने का असर भी सराफा कारोबार पर होगा। लेकिन इस सबके बावजूद काउंसिल का मानना है कि साल 2017 में सोने की मांग में बहुत तेज गिरावट की उम्मीद नहीं है। इसकी वजह यह है कि बीते साल यह उद्योग बेहद तेज गिरावट दर्ज करा चुका है। इसलिए काउंसिल का मानना है कि मांग में इससे ज्यादा कमी की संभावना अब नहीं है।
इसके अलावा काउंसिल यह भी मानती है कि इस साल देश के आर्थिक हालात में सुधार की गुंजाइश अधिक है। इसका असर विभिन्न क्षेत्रों की मांग पर भी होगा। काउंसिल ने बीते साल ही एक सर्वे कराया था जिसमें 63 फीसद लोगों ने कहा था कि वे किसी भी देश की मुद्रा से ज्यादा निवेश के लिए सोने पर भरोसा करते हैं। साथ ही 73 फीसद लोगों का मानना है कि लंबी अवधि के लिए सोना उन्हें सुरक्षा का आभास देता है।
काउंसिल का मानना है कि लोगों की इन्हीं भावनाओं के चलते सोने की मांग में बीते वर्षो में कमी आने के बाद भी मांग बढ़ी है। इसीलिए काउंसिल ने इस साल के लिए सावधानी बरतते हुए सोने की मांग का अनुमान लगाया है। काउंसिल का कहना है कि इस साल देश में सोने की खरीद 650 से 750 टन के बीच रहेगी। लेकिन अर्थव्यवस्था की रफ्तार उम्मीद के मुताबिक रही तो 2020 तक यह मांग 850 से 950 टन के बीच रह सकती है।