Weekly Market Review: दो सप्ताह की गिरावट हुई बंद, भारतीय शेयर बाजार में आई उछाल; जानिए अगले हफ्ते का हाल
24 जून को समाप्त हुए साप्ताहिक कारोबार सत्र में बेंचमार्क सेंसेक्स में 1367 अंक की बढ़त के साथ भारतीय शेयर बाजारों के प्रमुख सूचकांकों ने दो सप्ताह की गिरावट को तोड़ दिया। इसकी सबसे बड़ी वजह कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट है।
नई दिल्ली, एएनआइ। लगातार दो सप्ताह की गिरावट के बाद बाजार ने सप्ताह की शुरुआत सकारात्मक रूप से की। सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को सेंसेक्स 237.42 अंक और निफ्टी 50 56.65 अंक चढ़ गया। बीते कारोबारी सप्ताह सत्र के दौरान बाजार का रुख सकारात्मक देखने को मिला। 30 स्टॉक एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स 1,367.56 अंक या 2.66 प्रतिशत की साप्ताहिक बढ़त दर्ज करते हुए सप्ताह के अंत में 52,727.98 अंक पर बंद हुआ। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी-50 सप्ताह के अंत में 405.8 अंक या 2.65 प्रतिशत की साप्ताहिक बढ़त दर्ज करते हुए 15,699.25 अंक पर बंद हुआ।
पिछले दो हफ्तों में बिकवाली के बाद बाजार में सुधार हुआ। 17 जून को समाप्त सप्ताह के दौरान सेंसेक्स 2,943.02 अंक या 5.41 प्रतिशत लुढ़क गया था, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 50 908.3 अंक या 5.6 प्रतिशत टूट गया था, जो मई 2020 के बाद देश के बेंचमार्क इंडेक्स में यह सबसे बड़ा साप्ताहिक नुकसान था।
कच्चे तेल और अन्य कमोडिटी की कीमतों में लगातार गिरावट के बीच वैश्विक प्रतिस्पर्धियों के सकारात्मक संकेतों ने सप्ताह के दौरान भारतीय शेयर बाजारों में निवेशकों की धारणा को मजबूत किया।
कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड के टेक्निकल रिसर्च डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट अमोल आठवले ने कहा कि बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी वैश्विक रैली में शामिल हो गए और हाल की गिरावट के बाद प्रभावशाली लाभ दर्ज किया, क्योंकि कमोडिटी की कीमतों में गिरावट और कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट ने धारणा को मजबूत किया। इसके अलावा हालिया बिकवाली के बाद मूल्यांकन आकर्षक हो गया है, जिसने निवेशकों को धातु, तेल और गैस, बैंकिंग और बिजली क्षेत्रों के शेयरों को खरीदने के लिए प्रेरित किया। तकनीकी रूप से साप्ताहिक चार्ट पर निफ्टी ने एक लंबी छलांग लगाई, जो सकारात्मक है। आने वाले हफ्तों के लिए निफ्टी-50 अनुमानों में आठवले ने कहा कि सूचकांक 15850-15925 तक जा सकता है।
आपको बता दें कि आने वाले हफ्तों में इक्विटी बाजारों में उतार-चढ़ाव रहने की संभावना है। मौद्रिक नीतियों के सख्त होने और बढ़ते मुद्रास्फीति के दबाव और वैश्विक आर्थिक मंदी पर बढ़ती चिंताओं से निवेशकों की भावनाओं पर असर पड़ेगा। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि इस साल महंगाई दर 6 प्रतिशत से अधिक रहने की उम्मीद है।
इस पर कोटक महिंद्रा लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के हेड इक्विटीज हेमंत कानावाला ने कहा, "चूंकि उच्च मुद्रास्फीति मुख्य चिंता बनी हुई है, वैश्विक स्तर पर नीति निर्माताओं ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी और आपूर्ति पक्ष के उपायों के साथ तत्काल प्रतिक्रिया दिखाना शुरू कर दिया है। जबकि आक्रामक दर वृद्धि ने कम अवधि में विकास मंदी के जोखिम को बढ़ा दिया है।