बेहतर सुविधाओं को चुकानी होगी कीमत
नई दिल्ली [संजय सिंह]। छब्बीस फरवरी को पेश होने वाले रेल बजट में रेलवे की माली हालत सुधारने के उपायों के साथ ही लोकलुभावन घोषणाओं का तड़का भी होगा। रेलवे को डीजल कीमतों के झटके से उबारने के लिए किराये-भाड़े पर आधुनिकीकरण अधिभार या ईधन उपकर लगाए जाने की संभावना है। वहीं, इसके बदले रेल उ
नई दिल्ली [संजय सिंह]। छब्बीस फरवरी को पेश होने वाले रेल बजट में रेलवे की माली हालत सुधारने के उपायों के साथ ही लोकलुभावन घोषणाओं का तड़का भी होगा। रेलवे को डीजल कीमतों के झटके से उबारने के लिए किराये-भाड़े पर आधुनिकीकरण अधिभार या ईधन उपकर लगाए जाने की संभावना है। वहीं, इसके बदले रेल उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधाओं की सौगात दी जा सकती है। कुंभ हादसे से नाराज लोगों की भावनाएं सहलाने के लिए इलाहाबाद और हरिद्वार स्टेशनों के आधुनिकीकरण व विस्तार का एलान संभव है।
लोकसभा चुनाव से पहले का यह आखिरी रेल बजट होगा। लिहाजा रेलमंत्री पवन कुमार बंसल के समक्ष हकीकत और उम्मीदों के बीच संतुलन साधने की बड़ी चुनौती है। हकीकत यह है कि रेलवे की माली हालत ठीक नहीं है। किराये बढ़ाकर जिस कमाई की उम्मीद की गई थी, उसे डी़जल की बढ़ी कीमतों ने लगभग बराबर कर दिया है। माल ढुलाई का लक्ष्य पूरा होनें में संदेह है। ऐसे में 84.5 फीसद का लक्षित ऑपरेटिंग रेशियो हासिल करने के लिए कमाई बढ़ाने के नए जतन करने जरूरी हो गए हैं। भाड़े पहले ही 40 फीसद तक बढ़ाए जा चुके थे, जबकि किरायों में अभी 22 जनवरी को ही 20 फीसद तक का इजाफा किया गया है। ऐसे में किराये-भाड़े में प्रत्यक्ष बढ़ोतरी मुश्किल है।
चूंकि चुनाव के मद्देनजर लोकलुभावन घोषणाएं भी जरूरी हैं, इसलिए आधुनिकीकरण सरचार्ज या फ्यूल सेस का सहारा लिया जा सकता है। इसमें साधारण वर्ग को छोड़ दिया जाएगा। इससे प्राप्त धनराशि का इस्तेमाल यात्री सुविधाएं बढ़ाने में किया जाएगा। खासकर ऐसी सुविधाएं जिनकी सिफारिश सैम पित्रोदा [आधुनिकीकरण] और काकोदकर [संरक्षा] समितियों ने की है। खासकर पर्यटन और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्टेशनों के विस्तार व आधुनिकीकरण की घोषणा संभव है। इस लिहाज से इलाहाबाद व हरिद्वार जैसे स्टेशनों के लिए खास योजना आ सकती है। इन स्थानों पर निश्चित अंतराल में करोड़ों की भीड़ जुटती है और सुविधाओं की कमी से हादसों का अंदेशा रहता है। हाल में इलाहाबाद कुंभ में हुए हादसे के बाद गठित रेलवे की आंतरिक समिति ने इस बाबत सुझाव दिया है।
सुविधाओं का इंतजाम
यात्री सुविधाओं के लिहाज से ट्रेनों में खानपान और साफ-सफाई के विषय भी बंसल की प्राथमिकताओं में हैं। उन्होंने सभी प्रमुख मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में ऑनबोर्ड हाउसकीपिंग की व्यवस्था को अनिवार्य करने तथा सफाईकर्मियों के लिए चार बर्थ आरक्षित करने को कहा है। इनमें दो कर्मचारी स्लीपर और दो एसी क्लास की नियमित सफाई के लिए होंगे। इस बाबत योजना का एलान रेल बजट में होने की संभावना है। ऑनलाइन रिजर्वेशन की दिक्कतें भी दूर की जाएंगी। जिस तरह सभी ट्रेनों में खाने का इंतजाम रेलवे अब खुद संभालने जा रहा है, उसी तरह ऑनलाइन रिजर्वेशन का जिम्मा भी रेलवे खुद ले सकता है। आइआरसीटीसी की वेबसाइट इसमें सहायक के तौर पर काम करेगी।
नई ट्रेनों का एलान
रेल बजट में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और असम को सबसे ज्यादा नई ट्रेनें मिलने की संभावना है। दिल्ली से अमृतसर और भोपाल से इंदौर के बीच डबल डेकर ट्रेन भी शुरू की जा सकती हैं। दिल्ली से मुंबई के बीच एक नई राजधानी का एलान लगभग पक्का है।