मंदी से दूर है वॉच बाजार, दोहरे अंक में घड़ी उद्योग की रफ्तार
4000 रुपये से कम कीमत वाली घडि़यों की मांग में थोड़ी कमी भी हुई है लेकिन इससे ज्यादा की कीमत की घडि़यों की बिक्री की रफ्तार काफी अच्छी है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ऐसे समय जब घरेलू मांग में कमी को एक बड़ी समस्या माना जा रहा है तब देश के घड़ी उद्योग की रफ्तार दोहरे अंक में है। घरेलू घड़ी बाजार में तकरीबन 50 फीसद हिस्सेदारी रखने वाली टाइटन कंपनी लिमिटेड के सीईओ (वॉचेज एंड वियरेबल्स) रवि कांत के मुताबिक अगर दिसंबर, 2019 को छोड़ दिया जाए तो पिछले वर्ष के तकरीबन सभी महीनों में घडि़यों की बिक्री में दोहरे अंक में वृद्धि हुई है। 4000 रुपये से कम कीमत वाली घडि़यों की मांग में थोड़ी कमी भी हुई है लेकिन इससे ज्यादा की कीमत की घडि़यों की बिक्री की रफ्तार काफी अच्छी है।
खास तौर पर प्रीमियम व मंहगी घडि़यों का बाजार मंदी से कोसो दूर है। कांत टाईटन की नई पेशकश खादी कलेक्शन की लांचिंग के अवसर पर बात कर रहे थे। टाईटन ने खादी व ग्रामीण उद्योग कमीशन (केवीआइसी) के सहयोग से खादी में बनी घडि़यां लांच की है। इसे महात्मा गांधी की पुण्य तिथि पर एमएसएमई, सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पेश किया। अभी खादी कलेक्शन के तहत दो घडि़यां लांच की गई है, जिनकी कीमत 4,955 रुपये है।