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बर्कशायर हैथवे ने विमानन कंपनियों के सारे शेयर बेचे, दुनियाभर में इसका असर दिखने का अंदेशा

Warren Buffett के नियंत्रण वाली Berkshire Hathaway इंक ने अमेरिका की चार सबसे बड़ी विमानन कंपनियों में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच दी है।

By Manish MishraEdited By: Published: Mon, 04 May 2020 06:38 AM (IST)Updated: Mon, 04 May 2020 04:07 PM (IST)
बर्कशायर हैथवे ने विमानन कंपनियों के सारे शेयर बेचे, दुनियाभर में इसका असर दिखने का अंदेशा

बर्कले अमेरिका, रायटर्स। दुनिया के सफलतम निवेशकों में शामिल वारेन बफेट के नियंत्रण वाली बर्कशायर हैथवे इंक ने अमेरिका की चार सबसे बड़ी विमानन कंपनियों में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच दी है। कंपनी के वित्तीय नतीजों की घोषणा के बाद निवेशकों से बात करते हुए चेयरमैन वारेन बफेट ने इसकी जानकारी दी। 

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उन्होंने कहा कि बर्कशायर हैथवे ने डेल्टा एयरलाइंस, अमेरिकन एयरलाइंस, साउथवेस्ट एयरलाइंस तथा युनाइटेड एयरलाइंस में ये सारे शेयर इस वर्ष अप्रैल में बेचे। उन्होंने यह भी कहा कि विमानन उद्योग के लिए दुनिया बदल सी गई है।बफेट के इस कदम से अमेरिका समेत दुनियाभर के विमानन सेक्टर को लेकर निवेशकों की बेरुखी के कयास लगाए जाने लगे हैं। भारत में भी कई विशेषज्ञों का कहना है कि विमानन सेक्टर के शेयरों पर इसका असर दिख सकता है। 

पिछले वर्ष के आखिर में डेल्टा एयरलाइंस में बर्कशायर हैथवे की हिस्सेदारी 11 प्रतिशत, अमेरिकन एयरलाइंस और साउथवेस्ट एयरलाइंस में 10-10 प्रतिशत और युनाइटेड एयरलाइंस में नौ प्रतिशत थी। इन चारों एयरलाइंस में बर्कशायर हैथवे सबसे बड़ी निजी निवेशकों में शामिल थी। 

कंपनी ने 2016 में बताया था कि उसने चार विमानन कंपनियों में निवेश शुरू किया था। उससे पहले तक कंपनी विमानन सेक्टर से दूर ही रही थी।

हाल ही में अमेरिकी विमानन कंपनियों ने हजारों नौकरियों पर तलवार चलाई है। उनके हजारों विमान पार्किंग में खड़े हैं और किसी को पता नहीं है कि कोविड-19 से पहले की स्थिति में आने में कितना वक्त लगेगा। 

बफेट का कहना था कि विमानन उद्योग का आउटलुक बहुत तेजी से बदला है। हमने एयरलाइंस कारोबार के बारे में यही निर्णय लिया कि इसमें से निकल जाना ही बेहतर होगा। असल में हम इस सेक्टर से काफी घाटा उठाकर निकले हैं। हम ऐसी किसी कंपनी में पूंजी नहीं लगाएंगे, जिसमें भविष्य में नकदी की घोर किल्लत होने वाली हो।

बफेट के मुताबिक चारों एयरलाइंस में कंपनी ने करीब 800 करोड़ डॉलर यानी लगभग 56,000 करोड़ रुपये का निवेश किया था। लेकिन लाभ तो दूर, कंपनी मूलधन लेकर भी नहीं निकली है और इस नुकसान के लिए मैं जिम्मेदार हूं।


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