वोडाफोन-आइडिया ने कर्ज के जरिए जुटाए 15 अरब रुपये, गठन के बाद कंपनी का पहला कर्ज
आइडिया सेल्युलर लिमिटेड और वोडाफोन पीएलसी ने पिछले शुक्रवार को ही विलय के पूरा होने की घोषणा की है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। टेलीकॉम दिग्ग ज वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ने सोमवार को निजी नियोजन आधार पर नॉन कन्वीर्टेबल डिबेंचर के जरिये 15 अरब रुपये का कर्ज जुटाया है। नई कंपनी के अस्तितव में आने के बाद यह पहला कर्ज है।
वोडाफोन आइडिया ने नियामकीय फाइलिंग में बताया, "सिक्योरिटी अलॉटमेंट कमेटी ने 3 सितंबर को हुई बैठक में 15,000 अनसिक्योर्ड रिडीम होने योग्य गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर आवंटित किए हैं, जो कि निजी नियोजन के आधार पर करीब 15 अरब रुपये के बराबर है।" इन गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर का मैच्योरिटी पीरियड 5 वर्षों का होगा और इसपर सालाना आधार पर 10.9 फीसद का ब्याज मिलेगा।
आइडिया सेल्युलर लिमिटेड और वोडाफोन पीएलसी ने पिछले शुक्रवार को ही विलय के पूरा होने की घोषणा की है। करीब 23.2 अरब डॉलर में हुई इस डील की मदद से नई कंपनी देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम ऑपरेटर कंपनी बनकर उभरेगी। साथ ही यह कंपनी के लिए इस प्रतिस्पर्धा वाले दौर में सबसे आगे रहने में मदद करेगी। टेलिकॉम सेक्टर में जियो की एंट्री के बाद प्रतिस्पर्धा गलाकाट हो गई और इसी वजह से वोडा और आइडिया को विलय करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
इन दोनों कंपनियों के मर्जर से बनने वाली कंपनी का नाम वोडाफोन आइडिया लिमिटेड है जिसका सब्सक्राइबर बेस 408 मिलियन का हो गया है और इसका मार्केट शेयर 35 फीसद का है। इसी के साथ इसने भारती एयरटेल से उसका पहले स्थान का रुतबा भी छीन लिया है।