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गलाकाट प्रतिस्पर्धा ने टेलिकॉम कंपनियों का बाजार में टिकना किया मुश्किल: वोडाफोन सीईओ

रिलायंस जियो का एआरपूीयू घटकर 131 रुपये और एयरटेल का 100 रुपये के निचले स्तर पर आ गया है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Fri, 23 Nov 2018 09:12 AM (IST)Updated: Fri, 23 Nov 2018 09:45 AM (IST)
गलाकाट प्रतिस्पर्धा ने टेलिकॉम कंपनियों का बाजार में टिकना किया मुश्किल: वोडाफोन सीईओ

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी ने कहा है कि बाजार आक्रामक प्रतिस्पर्धा के कारण "अस्थिर" है। वहीं कंपनी ने चेताते हुए यह भी कहा कि यह स्थिति डिजिटल इंडिया जैसी भारत सरकार की प्रमुख पहलों के लिए हानिकारक है।

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वोडाफोन-आइडिया के मर्जर के बाद पहली बार बात करते हुए वोडाफोन आइडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बालेश शर्मा ने कहा कि तीनों प्रमुख आपरेटरों को पैसा फूंकना पड़ रहा है और ऐसी स्थिति में कोई भी उनसे निवेश की उम्मीद नहीं कर सकता है। शर्मा ने तीनों प्रमुख आपरेटरों के प्रति ग्राहक औसत राजस्व (ARPU) में कमी को नकदी प्रवाह के संकट की प्रमुख वजह बताया।

रिलायंस जियो का एआरपूीयू घटकर 131 रुपये और एयरटेल का 100 रुपये के निचले स्तर पर आ गया है। उन्होंने कहा कि शायद यही वजह है कि आपरेटर्स नेटवर्क में पर्याप्त निवेश नहीं कर पा रहे हैं। चीन का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि हमारे पड़ोसी देश में आपरेटरों की प्रति ग्राहक आय काफी बेहतर है, जिससे वहां की टेलिकॉम कंपनियां निकट भविष्य में निवेश करने को लेकर ठीक-ठाक स्थिति में हैं।

उन्होंने आगे यह भी कहा कि इस पर अभी कोई स्पष्टता नहीं है कि घरेलू बाजार में कीमतों की स्थिति कब सुधरेगी। शर्मा ने कहा कि दोनों कंपनियों के विलय से अनुमानित 14,000 करोड़ रुपये की बचत वित्त वर्ष 2020-21 तक होने की उम्मीद है। कंपनी ने इस अनुमानित लक्ष्य को दो साल पहले कर दिया है।


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