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सरकार की सख्ती के बाद वोडाफोन का यू-टर्न, सीईओ निक रीड ने कहा, समाचारों में बयान का गलत अर्थ निकाला गया

वोडाफोन के भारतीय ऑपरेशन का घाटा अप्रैल-सितंबर की छमाही में 67.2 करोड़ यूरो हो गया है जो पिछले साल की समान अवधि में 13.3 करोड़ यूरो था।

By NiteshEdited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 08:12 PM (IST)Updated: Thu, 14 Nov 2019 08:55 AM (IST)
सरकार की सख्ती के बाद वोडाफोन का यू-टर्न, सीईओ निक रीड ने कहा, समाचारों में बयान का गलत अर्थ निकाला गया

नितिन प्रधान, नई दिल्ली। भारत से कारोबार समेटने के वोडाफोन सीईओ के बयान पर सरकार की तरफ से नाराजगी जताने के बाद वोडाफोन ने कहा है कि वो भारत में बने रहने को लेकर प्रतिबद्ध है। वोडाफोन सीईओ निक रीड ने सरकार को पत्र लिखकर सूचित किया है कि कंपनी भारत में अपने निवेश को बनाये रखने की इच्छुक है। रीड ने कहा है कि लंदन में जारी उनके बयान का भारत के संबंध में गलत अर्थ निकाला गया है। मंगलवार को लंदन में निक रीड ने अपने बयान में कहा था कि अगर सरकार दूरसंचार आपरेटरों पर भारी भरकम कर और शुल्क का बोझ डालना बंद नहीं करती है तो भारत में कंपनी के भविष्य पर संकट आ सकता है। सरकार ने रीड के इस बयान और उसके लहजे को आपत्तिजनक माना है। सरकार ने उच्च स्तर पर वोडाफोन से इस तरह के बयान पर बुधवार सुबह ही अपनी नाराजगी जाहिर कर दी थी।

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सरकार का मानना है कि टेलीकॉम क्षेत्र के वित्तीय संकट को देखते हुए पहले ही सचिवों की एक समिति नियुक्त की जा चुकी है जो इसका समाधान तलाशने का काम कर रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक वोडाफोन सीईओ का इस आशय का एक पत्र बुधवार शाम को संचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद को प्राप्त हुआ। इस पत्र में रीड ने स्पष्ट कहा है, 'वोडाफोन भारत में अपने लंबे इतिहास को आगे भी बनाये रखने की इच्छुक है। कंपनी को देश के टेलीकॉम सेक्टर और डिजिटल इंडिया से जुड़ी भारतीय नागरिकों की आकांक्षाओं और संभावनाओं में पूरा भरोसा है।' इसी आधार पर वोडाफोन ने भारत की विकास कथा में खुद की भागीदारी आगे भी बनाये रखने की इच्छा जतायी है।

रीड ने अपने पत्र में सरकार से आग्रह किया है कि वह दूरसंचार क्षेत्र के लिए पैकेज की संभावनाओं पर विचार करे। रीड ने सरकार की तरफ से सचिवों की समिति के गठन के लिए भी आभार व्यक्त किया है और इसे सराहनीय कदम बताया है। पत्र में उन्होंने कहा है कि वह इस बात को स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि यूके मीडिया को दिये गये उनके बयान में भारत संबंधी टिप्पणी का सही संदर्भ और अर्थ सामने नहीं आया है। रीड ने इस संबंध में पत्र में खेद भी व्यक्त किया है और कहा है कि वह भारत सरकार के साथ भविष्य में भी काम करने और जुड़े रहने के इच्छुक हैं।गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के मुताबिक वोडाफोन आइडिया को स्पेक्ट्रम शुल्क के बकाया मद में चार अरब डॉलर का भुगतान करना है। लेकिन कंपनी ने सरकार से राहत की मांग की है जिसमें स्पेक्ट्रम से जुड़ा भुगतान दो साल के लिए रोकने, लाइसेंस शुल्क कम करने और रेगुलेटरी शुल्क पर ब्याज और जुर्माना माफ करने का अनुरोध भी शामिल है।

वोडाफोन समूह को पहली छमाही में 1.9 अरब यूरो का घाटा हुआ है। देश में वोडाफोन आइडिया के 30 करोड़ ग्राहक हैं और दूरसंचार बाजार में उसकी हिस्सेदारी 30 परसेंट की है। वोडाफोन के भारतीय ऑपरेशन का घाटा अप्रैल-सितंबर की छमाही में 67.2 करोड़ यूरो हो गया है जो पिछले साल की समान अवधि में 13.3 करोड़ यूरो था।


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