Voda-Idea को तीसरी तिमाही में 6,438 करोड़ का घाटा, इससे पहले की तिमाही में हुआ था 50,922 करोड़ का नुकसान
वोडाफोन आइडिया ने गुरुवार को 2019 के अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के नतीजे जारी किए। टेलीकॉम कंपनी को इस दौरान 6438.8 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। वोडाफोन आइडिया ने गुरुवार को 2019 के अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के नतीजे जारी किए। टेलीकॉम कंपनी को इस दौरान 6,438.8 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। एक साल पहले की समान अवधि में इसने 5,004.6 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया था। क्रमानुसार तुलना करें तो सितंबर तिमाही में कंपनी का घाटा 50,922 करोड़ रुपये रहा था।
एक नियामक फाइलिंग के अनुसार, 2019-20 की तीसरी तिमाही में इसकी कुल आय 5 फीसद घटकर 11,380.5 करोड़ रुपये रही, जो एक साल पहले की तिमाही में 11,982.8 करोड़ रुपये थी। कंपनी ने कहा कि इस दौरान कर्ज के एवज में किया जाने वाला भुगतान करीब 30 फीसद बढ़कर 3,722.2 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।जबकि अवमूल्यन 23 फीसद बढ़कर 5,877.4 करोड़ रुपये हो गया।
कंपनी को सितंबर तिमाही में समायोजित विधायी बकाया (AGR) का प्रावधान करने के कारण 50,922 करोड़ रुपये का भारी-भरकम घाटा हुआ था।
वोडाफोन आइडिया के एमडी और सीईओ रविंदर टक्कर ने कहा, 'हम सरकार के साथ एजीआर और अन्य मामलों में राहत पाने के लिए सक्रिय रूप से जुड़े हैं। हमारी समीक्षा याचिका खारिज होने के बाद हमने सुप्रीम कोर्ट में पूरक आदेश को संशोधित करने के लिए याचिका दायर किया है।'
उन्होंने दावा किया कि कंपनी तेजी से नेटवर्क इन्टग्रेशन के साथ-साथ अपने प्रमुख बाजारों में 4जी कवरेज और क्षमता विस्तार पर ध्यान केंद्रित कर रही है। सीईओ ने कहा कि कई तिमाहियों में हमारे ऊपर दबाव रहने के बाद भी हाल में बढ़ी दरों से पहले हमने सितंबर से लगातार राजस्व में वृद्धि दर्ज की है।
उन्होंने कहा कि दिसंबर से टैरिफ में वृद्धि से हमें आने वाले समय में राजस्व में बेहतरी की उम्मीद है, और इससे हमारे प्रदर्शन में भी सुधार आएगा। बता दें कि वोडाफोन आइडिया पर 53,000 करोड़ रुपये का वैधानिक बकाया है और कंपनी ने पहले ही कह दिया है कि अगर इसमें कोई राहत नहीं दी गई तो हमें अपना कारोबार समेटना होगा।