US ने भारत को रियायती शर्तों पर तेल देने का दिया संकेत, रूस पहले ही कर चुका है सहयोग की घोषणा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में यह प्रतिनिधिमंडल अमेरिका जाएगा। इस दौरान वह अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ मुलाकात कर सकते हैं।
नई दिल्ली, आइएनएस। अमेरिका, भारत को रियायती शर्तों पर अपने भंडार से तेल और गैस की आपूर्ति की पेशकश कर सकता है। सऊदी अरामको के ऑयल फैसेलिटी पर ड्रोन हमले के बाद दुनियाभर में तेल की आपूर्ति में कमी को देखते हुए भारत के रिजर्व में किसी तरह की कमी ना हो, इसको लेकर अमेरिका की तरफ से ऐसा ऑफर दिया जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि भारत के आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल की अमेरिका यात्रा के दौरान आपूर्ति से जुड़े विवरण पर विस्तार चर्चा की जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में यह प्रतिनिधिमंडल अमेरिका जाएगा। इस यात्रा की शुरुआत 21 सितंबर से हो रही है। इस दौरान वह अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ मुलाकात करेंगे। प्रतिनिधिमंडल में बड़ी संख्या में भारतीय उद्योगपति भी शामिल होंगे। इसमें पब्लिक एवं प्राइवेट सेक्टर की तेल कंपनियों के प्रमुख भी शामिल हैं।
राजनयिक सूत्र ने बताया कि भारतीय तेल कंपनियां घरेलू डिमांड को पूरा करने के लिए तेल आयात में बढ़ोत्तरी को लेकर अपने अमेरिकी समकक्षों के साथ एमओयू कर सकते हैं।
एक सूत्र ने कहा कि सऊदी अरब भारत की तेल संबंधी जरूरतों के 20 फीसद की आपूर्ति करता है। उसने कहा कि आपूर्ति में किसी तरह की दिक्कत आने पर अमेरिका विश्वस्त सहयोगी की भूमिका निभा सकता है। भारत ने रूस से भी तेल आपूर्ति बढ़ाने का आग्रह किया है। रोजनेफ्ट पीजेएससी ने भारत को सहयोग करने पर सहमति जताई है। रोजनेफ्ट के चेयरमैन आईगर सेचिन ने पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ मंगलवार को बैठक के दौरान इस बात को लेकर सहमति जताई।
सूत्र ने बताया कि अमेरिका, भारत को तेल की आपूर्ति के लिए वो रियायतें दे सकता है, जो ईरान से भारत को मिलता खा। ईरान सस्ती ढुलाई और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, मेंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स और नयारा एनर्जी जैसे प्रमुख आयातकों को 60 दिन का क्रेडिट जैसी सुविधाएं देता था।
राजनयिक सूत्र ने कहा कि ऑफर को लेकर बात चल रही है और डेलिगेशन लेवल बैठक के दौरान इस पर आगे का काम होगा।